डायबिटीज की समस्याओं से बचने के 9 उपाय
जरा सी सावधानी बरतकर आप मधुमेह की जटिलताओं से बच सकते हैं, जानने के लिए पढ़ें हमारा यह स्लाइड शो।

डायबिटीज वह अवस्था है जब रक्त में शर्करा का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। ऐसी परिस्थिति तब होती है, जब शरीर द्वारा इंसुलिन का अप्रभावी उत्पादन या उपयोग होता है। आमतौर पर डायबिटीज के लक्षण मामूली स्वास्थ्य समस्याओं की तरह होते हैं इसलिए इनको पहचानना जरा मुश्किल होता है। लेकिन जरा सी सावधानी बरतकर आप इस बीमारी की जटिलताओं से बच सकते हैं।
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डायबिटीज की जटिलताओं से बचने के लिए नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करवाते रहना चाहिए। ब्लड शुगर को नियंत्रित रखना भी डायबिटीज जटिलता के जोखिम को कम करता है। अगर आप हाई बीपी या मोटापे से ग्रस्त हैं तो आपको शुगर के स्तर की जांच जल्दी-जल्दी करवानी चाहिए।
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डायबिटीज के शिकार लोगों को अपने आहार में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थो को शामिल करना चाहिए। इसके साथ ही ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए जिनमें उच्च कार्बोहाइड्रेट और वसा की अधिकता हो। प्रोटीन, चयापचय दर को उच्च बना कर ऊर्जा का स्तर बनाये रख सकता है। एक स्वस्थ आहार पर निर्भरता डायबिटीज की जटिलताओं से बचने के लिए सबसे आसान तरीकों में से एक है।
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उच्च रक्तचाप का असर दिल, किडनी और आंखों पर पड़ता है। डायबिटीज रोगियों में उच्च रक्तचाप बहुत ही आम होता है। साथ ही ऐसे लोगों में स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी अधिक रहता है। रक्तचाप पर नियंत्रण कर कोई भी डायबिटीज के जोखिम से आसानी से बच सकता हैं।
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डायबिटीज में पैरों में रक्त प्रवाह कम हो जाता है, जिससे पैरों में अल्सर और संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। कई बार इसके कारण अंग विच्छेदन की जरूरत भी पड़ सकती है। डायबिटीज रोगियों को यह सलाह दी जाती हैं कि वह दैनिक आधार पर अपने पैरों के घाव और दरारों की जांच करें। और किसी भी तरह का घाव या दरार दिखाई देने पर तुरंत इलाज के लिए डाक्टर से परामर्श लें।
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लम्बे समय तक डायबिटीज के कारण छोटी ब्लड वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है। यह मधुमेह रेटिनोपैथी की बड़ी वजह होती है। यह अंधेपन के प्रमुख कारणों में से भी एक है। इसलिए यह कहा जाता है कि डायबिटीज रोगियों को प्रतिवर्ष एक बार अपनी आंखों की जांच जरूर करवानी चाहिए। डायबिटीज की जटिलताओं से बचने के लिए आंखों में किसी भी प्रकार की समस्या के होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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व्यायाम करने से शरीर में खून का दौरा सही रहता है और खून में शक्कर की मात्रा भी नियंत्रण में रहती है। इस वजह से हाई मेटाबॉलिज़्म और मधुमेह का कम खतरा रहता है। इसलिए, यदि आपको डायबिटीज की समस्या है तो उसे नियंत्रण में रखने के लिए व्यायाम से आपको काफी मदद मिल सकती है।
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खून में से शुगर को सोखने में फाइबर का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसलिये आपको गेहूं, ब्राउन राइस या वीट ब्रेड आदि खाना चाहिये जिससे शरीर में ब्लड शुगर का लेवल कंट्रोल रहेगा, जिससे डायबिटीज का रिस्क कम होगा। इसके अलावा कई सब्जियों में भी उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है।
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फलों में प्राकृतिक चीनी का मिश्रण होता है और यह शरीर को हर तरह का पोषण देते हैं। ताजे फलों में विटामिन ए और सी होता है जो कि खून और हड्डियों के स्वास्थ्य को मेंटेन करता है। इसके अलावा जिंक, पोटैशियम, आयरन का भी अच्छा मेल पाया जाता है। यह कैलोरी में कम और विटामिन सी, बीटा कैरोटीन और मैगनीशियम में ज्यादा होती हैं, जिससे मधुमेह ठीक होता है।
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शरीर की बुरी हालत जंक फूड खाने से भी ही होती है। इसमें ना केवल खूब सारा नमक होता है बल्कि शक्कर और कार्बोहाइड्रेट्स तेल के रूप में होता है। यह सब आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाते हैं।
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ऑक्सीटोसिन और सेरोटिन दोनों ही नसों की कार्यक्षता पर असर डालते हैं। तनाव के समय जब एड्रानलिन का रिसाव होता है तब यह डिस्टर्ब हो जाता है, जिससे डायबिटीज का हाई रिस्क पैदा होता है।
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