धमनी और शिरा रोग

धमनी (ऑर्टरी) और शिरा (वेन) शरीर के लिए जरूरी प्रमुख अंगों से एक हैं। शिरा और धमनी खून को पूरे शरीर में संचार के लिए जिम्‍मेदार होती हैं, इनसे ही रक्‍त का परिसंचरण पूरे शरीर में होता है। धमनिया वे रुधिर यानी रक्‍त वाहिकारयें हैं जो खून को दिल से शरीर के विभिन्न अंगों की ओर ले जाती हैं। पल्मोनरी धमनी के अतिरिक्त इनमें शुद्ध खून बहता है। वहीं दूसरी तरफ शिरा यानी नसें रक्‍त को हृदय की तरफ ले जाती हैं। लेकिन इनसे जुड़ी कुद बीमारियां हैं जिनसे बचाव करना चाहिए। image source - getty images
डीप वेन थ्रम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis)

इसे डीवीटी भी कहते हैं, यह नसों यानी वेन से संबंधित समस्‍या है। इस समस्‍या के होने पर नसों में खून के थक्‍के बनने शुरू हो जाते हैं। यह समस्‍या पैरों में अधिक देखी जाती है। अगर परिवार में पहले भी यह समस्‍या किसी को हुई है तो इसकी चपेट में घर के अन्‍य सदस्‍य भी आ सकते हैं। सर्जरी के जरिये इस समस्‍या का उपचार होता है। image source - getty images
पल्मोनरी इम्बोलिज्म (Pulmonary Embolism)

यह बहुत हीं गंभीर समस्‍या है और इसके कारण मौत भी हो सकती है। इसमें फेफड़े काम करना बंद कर देते हैं क्‍योंकि फेफड़े की तरफ रक्‍त संचार करने वाली नसों में इसके कारण खून के थक्‍के जम जाते हैं। खून के थक्‍के जमने के कारण फेफड़ों में ऑक्‍सीजन की कमी हो जाती है और वे काम करना बंद कर देते हैं। सीने में दर्द, खांसते वक्‍त खून बहने जैसी लक्षण दिखाई देते हैं। image source - getty images
स्ट्रोक

वस्‍कुलर रोगों में यह मौत के प्रमुख कारणों में से एक है। केवल अमेरिका में प्रत्‍येक 4 में से एक व्‍यक्ति की मौत स्‍ट्रोक के कारण होती है। यह समस्‍या तब होती है जब दिमाग में रक्‍त का संचार करने वाली धमनियों में खून का थक्‍का बनने लगता है, इसके कारण दिमाग की कोशिकायें मर जाती है और व्‍यक्ति की मौत हो जाती है। image source - getty images
एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis)

इस बीमारी के कारण कोरोनरी धमनियां संकरी हो जाती हैं और स्‍ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। यह समस्‍या जानलेवा हो सकती है। प्रत्येक कोरोनरी धमनी हृदय के मांसपेशीय दीवार के किसी खास भाग को रक्त की आपूर्ति करती है, इसलिए किसी धमनी के ब्लॉक हो जाने पर यह जिस भाग को रक्त आपूर्ति करती है, उसमें दर्द होता है और वह ठीक से काम नहीं करता। इससे हृदय की रक्त को पंप करने की क्षमता कितनी प्रभावित होगी, यह प्रभावित भाग के स्थान और प्रभावित मांसपेशियों की मात्रा पर निर्भर करती है। व्‍यायाम की कमी और खानपान में अनियमितता के कारण यह समस्‍या होती है। image source - getty images
कैरोटिड धमनी रोग (Carotid Artery Disease)

यह बीमारी गर्दनी की दो प्रमुख धमनियों को प्रभावित करती है जो दिमाग में रक्‍त का संचार करने में सहायक होती हैं। इसके कारण दिल के दौरे की संभावना बढ़ जाती है। यह समस्‍या एथेरोस्‍क्‍लेरोसिस से भी जुड़ी है जिसमें धमनियां संकरी हो जाती हैं। स्‍वस्‍थ जीवनशैली अपनाकर इस बीमारी की समस्‍या से बचा जा सकता है। image source - getty images
परीधीय धमनी रोग (Peripheral Artery Disease)

इस समस्‍या को पीएडी के नाम से भी जाना जाता है जो कि एथेरोस्‍क्‍लेरोसिस से भी जुडा़ है, उम्र बढ़ने के साथ यह समस्‍या बहुत ही सामान्‍य हो जाती है। इस समस्‍या में पैरों और श्रोणि की नसें संकरी हो जाती हैं। इसके कारण पैरों की मांसपेशियों में रक्‍त का संचार ठीक से नहीं हो पाता जिसके कारण पैरों में दर्द और थकान होती है। धूम्रपान, व्‍यायाम की कमी, खानपान में अनियमितता के कारण यह समस्‍या होती है। image source - getty images
वैरीकोज वेन्स (Varicose Veins)

यह समस्‍या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक देखी जाती है। इसमें पैरों की मांसपेशियों में सूजन हो जाती है, और ये नसें दिखने भी लगती हैं। महिलाओं में प्रेग्‍नेंसी के दौरान और प्रसव के बाद यह समस्‍या अधिक देखी जाती है। जब रक्‍त का संचार ठीक से नहीं होता तब यह समस्‍या होती है। इन नसों में दर्द, सूजन, जलन, खुजली होती है। मोटाप के कारण यह समस्‍या अधिक होती है। image source - getty images
क्रोनिक वीनस इनसफिसिऐंशी (Chronic Venous Insufficiency)

इसे सीवीआई भी कहते हैं, जो कि युवाओं को होने वाली एक सामान्‍य समस्‍या है। अमेरिका के वस्‍कुलर डिजीज फाउंडेशन के मुताबिक यह समस्‍या लगभग 20 प्रतिशत युवाओं में पायी जाती है। यह समस्‍या वैरीकोज वीन्‍स और डीप वेन थ्रम्‍बोसिस से भी जुड़ी है। इस समस्‍या में नस की दीवाल क्षतिग्रस्‍त हो जाती है जिसके कारण नसों से रक्‍त का संचार नहीं हो पाता। अधिक देर तक पैरों के सहारे खड़ा रहने के कारण यह समस्‍या अधिक होती है। image source - getty images
कोरोनरी धमनी रोग (Coronary Artery Disease)

कोरोनरी ऑर्टरी डिजीज यानी सीएपीडी को कोरोनरी हार्ट डिजीज के नाम से भी जाना जाता है। यह दिल से संबंधित होने वाली समस्‍याओं में से एक है। यह समस्‍या त‍ब होती है जब प्‍लेक धमनियों में ऑक्‍सीजन युक्‍त रक्‍त का संचार करता और एथेरोस्‍क्‍लेरोसिस के कारण रक्‍त का संचार दिल तक नहीं हो पाता। इसके कारण सीने में दर्द, दिल का दौरा, दिल का काम न करने जैसी समस्‍या होती है। image source - getty images