डिहाइड्रेशन के 6 असामान्य लक्षण
डिहाइड्रेशन एक ऐसी अवस्था है जिसमें शरीर को ठीक ढंग से काम करने के लिए पर्याप्त पानी और अन्य तरल पदार्थ की कमी होने लगती है। इस समस्या से आपको कई प्रकार की अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए आपको डिहाइड्रेशन के लक्षणों के बारे में पता

डिहाइड्रेशन एक ऐसी अवस्था है जिसमें शरीर को ठीक ढंग से काम करने के लिए पर्याप्त पानी और अन्य तरल पदार्थ की कमी होने लगती है। यह समस्या तब होती है जब व्यक्ति शरीर में तरल पदार्थों की मात्रा लेता कम हैं, लेकिन खो ज्यादा देता है। और इस प्रक्रिया में शरीर को एक्टिव रखने के लिए तरल पदार्थों और पानी की मात्रा कम पड़ जाती है। इस समस्या के चलते रक्त के थक्के, दौरे और कई अन्य गंभीर बीमारियां का खतरा हो सकता है। विभिन्न शोधों के अनुसार, हल्के डिहाइड्रेशन का मूड और एनर्जी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसलिए आपको डिहाइड्रेशन के लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए। प्यास और थकान के अलावा इसके लक्षणों में यह अन्य लक्षण भी शामिल है।
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स्लाइवा में एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, लेकिन डिहाइड्रेशन की स्थिति आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में स्लाइवा बनाने से रोकती है। एमडी, टेक्सास विश्वविद्यालय ह्यूस्टन में हृदय चिकित्सा के एसोसिएट प्रोफेसर एमडी जॉन हिगिंस के अनुसार, मुंह में पर्याप्त मात्रा में स्लाइवा के उत्पादन न होने पर बैक्टीरिया की अतिवृद्धि होने लगती है। और इसके कारण क्रोनिक डिहाइड्रेशन में सांसों से बदबू आने लगती है।
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हम में से अधिकांश लोगों का मानना हैं कि डिहाइड्रेशन की समस्या होने पर पसीना बहुत अधिक आता है, लेकिन डॉ हिगिंस के अनुसार डिहाइड्रेशन की समस्या बढ़ने पर चक्कर आने की समस्या और रक्त की मात्रा कम होने के कारण स्किन ड्राई होने लगती है। वह यह भी कहते हैं कि नमी के कारण त्वचा के शुष्क होने से आपकी त्वचा लाल भी हो सकती है।
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बहुत अधिक गर्मी महसूस होने पर मांसपेशियों में ऐंठन की आंशका अधिक होती हैं, और इस शुद्ध गर्मी यानी डिहाइड्रेशन का तो आपकी मांसपेशियों पर सीधा प्रभाव होता ही है। मांसपेशियों को कम कठिन होने पर वह खुद से गर्मी लेने लगती है। हिगिंस के अनुसार, इलेक्ट्रोलाइट्स, सोडियम और पोटेशियम में परिवर्तन के कारण भी मांसपेशियों में ऐंठन पैदा हो सकती है।
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डिहाइड्रेशन की समस्या होने पर आपको बुखार या ठंड लगने जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है। बुखार विशेष रूप से आपके लिए खतरनाक हो सकता है, इसलिए 101 डिग्री फेरनहाइट से अधिक बुखार होने पर तुरंत अपे डाक्टर से संपर्क करें।
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डिहाइड्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति में भोजन के प्रति लालसा विशेष रूप से मिठाई के लिए बढ़ जाती है। हिगिंस कहते हैं कि डिहाइड्रेशन में कुछ पोषक तत्व और अंग जैसे लीवर के लिए अपनी एनर्जी भंडार में से कुछ ग्लाइकोजन और अन्य घटकों को रिहा करने के लिए पानी का उपयोग करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इसलिए भोजन के प्रति लालसा बढ़ जाती है। वह कहते हैं कि डिहाइड्रेशन में चॉकलेट से लेकर नमकीन स्नैक्स, और मिठाई के लिए लालसा बहुत आम होती हैं क्योंकि इस समय शरीर ग्लाइकोजन उत्पादन में कठिनाई का सामना करता है।
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शरीर में पानी की कमी के कारण सिरदर्द होने लगता है। एक अनुमान के अनुसार, आज लगभग 90 प्रतिशत लोगों में सिरदर्द डिहाइड्रेशन के कारण होता है। हिगिंस के अनुसार, दिमाग एक प्रकार के द्रव की झिल्ली में होता है, यह खोपड़ी को शांत रखने में मदद करता है। यदि इस झिल्ली में पानी की कमी के कारण द्रव की मात्रा कम हो जाये तो इससे सिरदर्द के साथ दूसरी समस्यायें होने लगती हैं।
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अगर आपको लगता है कि प्यास महसूस न होने पर शरीर को तरल पदार्थों की आवश्यकता नहीं होती है तो आप गलत हैं। क्योंकि हर बार आपका शरीर तरल पदार्थ की जरूरत को जाहिर नहीं करता है। ऐसे में जब आपको प्यास नहीं भी लगी हो तो तब भी कुछ समय के अंतर में स्वयं ही तरल पदार्थ ले लेना चाहिए। क्योंकि जब आपको असल में प्यास लगने लगती है तब तक शरीर में डिहाइड्रेशन की स्थिति बनने लगती है। इसलिए बेहतर है कि डिहाइड्रेशन की स्थिति पैदा ही नहीं होने दें।
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