आपका वजन बढ़ा सकती हैं ये 8 चीजें
बहुत ज्यादा खाने और एक्सरसाइज की कमी को मोटापे का मुख्य कारण माना जाता है, लेकिन मोटापे के केवल यही कारण नहीं है। तो आइए कारण जानने के लिए वजन बढ़ाने वाली ऐसी ही कुछ आश्चर्यजनक चीजों पर नजर डालते हैं।

बहुत ज्यादा खाने और एक्सरसाइज की कमी को मोटापे का मुख्य कारण माना जाता है, लेकिन मोटापे के केवल यही कारण नहीं है। विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि कई अप्रत्याशित चीजों की एक पूरी सूची है, जो टॉन्सिल को प्रभावित कर मोटापा बढ़ाने में योगदान देते हैं। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के अनुसार, 3 में से एक अमेरिकी वयस्क आजकल अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त है। इसलिए अतिरिक्त पाउंड के खिलाफ लड़ाई में हर कारक मायने रखता है। आइए वजन बढ़ाने वाली ऐसी ही आश्चर्यजनक चीजों पर नजर डालते हैं।
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सितंबर में जर्नल पीडियाट्रिक्स के निष्कर्ष के अनुसार, एडिनोवायरस नाम के कोल्ड वायरस के संपर्क में आने वाले बच्चों को अन्य बच्चों के मुकाबले मोटापे से ग्रस्त होने की संभावना अधिक होती है। 124 बच्चों पर किए गए अध्ययन में लगभग 80 प्रतिशत मोटापे से ग्रस्त थे। इनमें अन्य बच्चों की तुलना में औसत वजन 50 पाउंड (23 किलोग्राम) अधिक था।
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क्या आप जानते हैं कि आपका एयरकंडीशर भी मोटापे के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ओबेसिटी के 2006 के एक लेख के अनुसार, लगातार आरामदायक तापमान में रहने वाले लोगों का शरीर अधिक ठंडे या गर्म क्षेत्र में काम नहीं कर पाता है। दक्षिण के कुछ क्षेत्र में खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका में मोटापे की सबसे अधिक दर पाई जाती है, ऐसा इसलिए क्योंकि अध्ययन के अनुसार, घरों में एयर कंडीशनिंग का इस्तेमाल पहले के मुकाबले लगभग 37 प्रतिशत से बढ़कर 70 प्रतिशत हो गया है।
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अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में मई में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, कामकाजी महिला के बच्चे की तुलना में घर में रहने वाले महिलाओं के बच्चों की तुलना में मोटापे से ग्रस्त होने की संभावना अधिक होती है। यह अध्ययन 8552 बच्चों पर किया गया। इसका कारण बच्चों की निगरानी की कमी था। लेकिन अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं के आहार या शारीरिक गतिविधि की जांच नहीं की गई थी।
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क्या आप जानते हैं कि देर तक जागना आपको महंगा पड़ सकता है। नींद की कमी से आंखों के नीचे काले घेरों के साथ ही आपकी छरहरी काया भी मोटी हो सकती है। अमेरिका के केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी में हाल ही में 68,000 महिलाओं पर किए गए अध्ययन से यह बात सामने आई। नींद पूरी न होने पर लेप्टिन (यह हार्मोन पर्याप्त वसा संग्रह का संकेत होता है और प्राकृतिक तरीके से भूख को दबाता है) का स्तर कम हो जाता है और भूख लगने लगती है। इसी स्थिति में भूख लगने के लिए जिम्मेदार ग्रेलिन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है और मस्तिष्क को भूख लगने का संकेत मिल जाता है। व्यक्ति को कुछ खाने की इच्छा होने लगती है। इसका नतीजा मोटापे के रूप में सामने आता है।
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जर्नल प्रोसीडिंग्स नेशनल अकादमी ऑफ साइंसेज में अक्टूबर में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, रात में लाईट में सोना आपकी कमर के कुछ इंच को बढ़ा सकता है। यह अध्ययन चूहों पर किया गया। अध्ययन के अंतर्गत आठ सप्ताह की अवधि के दौरान मंद प्रकाश के संपर्क में रहने वाले चूहों ने अन्य चूहों की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत अधिक वजन प्राप्त किया। हालांकि सभी चूहों का भोजन और शारीरिक गतिविधियां एक जैसी थी।
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जर्नल ऑफ क्लीनिकल इन्वेस्टिगेशन में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, वसायुक्त भोजन ज्यादा ललचाकर भूख के लिए जिम्मेदार हॉर्मोन ग्रेलिन के स्तर में बदलाव करता है। अध्ययन के दौरान, मोटापे को पारिवारिक पृष्ठभूमि से जोड़कर देखा जाता है और पाया कि किसी व्यक्ति का जेनेटिक कोड उसके मोटापे में अहम भूमिका निभाता है।
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सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी और जॉर्जिया के मेडिकल कॉलेज के शोधकर्ताओं FASEB जर्नल में 2009 के एक अध्ययन के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान उच्च फैट आहार लेने वाली महिला के बच्चे में अन्य महिलाओं की तुलना में ज्यादा वजन पाया जाता है। ऐसी महिलाओं के बच्चे मोटापे से इसलिए ग्रस्त होते हैं क्योंकि मां द्वारा वसा का उपयोग नाल भ्रूण को भी कई पोषक तत्व प्रदान करने का कारण बनता है।
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अवसाद, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और अवांछित गर्भ को नियंत्रित या रोकने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दवाएं भी वजन बढ़ने का कारण होती हैं। जर्नल ऑफ अमेरीकन मेडिकल एसोसिएशन (जेएएमए) की पेडियाट्रिक्स रिपोर्ट के अनुसार, जिन बच्चों ने दो साल की उम्र तक चार या चार से ज्यादा एंटीबायोटिक्स कोर्स का सेवन किया था, उनमें मोटापा होने की आशंका 10 फीसदी ज्यादा पाई गई।
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