शरीर के लिए जरूरी है विटामिन एन, मिलते हैं ये 8 फायदे
विटामिन एन यानि विटामिन नेचर हमें प्रकृति से प्राप्त होने वाला विटामिन है। आजकल ज्यादातर लोग प्रकृति से दूर हो गए हैं क्योंकि उनके पास समय नहीं है। मगर आपको बता दें कि हमारे शरीर के लिए जरूरी विटामिन्स में से एक विटामिन एन भी है, जो हमें सिर्फ प्रकृत

आज की आपा-धापी वाली जीवनशैली में सबको और पा लेने की होड़ है और जिसके लिये सभी एक दौड़ में सामिल हैं। इस दौड़ के चलते लोग प्रकृति से कटते चले जा रहे हैं। हालांकि प्रकृति के पास आपके लिये कई लाभ हैं, जो आप प्रकृति की गोद में बस थोड़ा सा समय बिता कर प्राप्त कर सकते हैं। और ऐसा ही एक लाभ है, विटामिन एन अर्थात प्रकृति से मिलने वाला लाभ या विटामिन नेचर (जो किसी विटामिन से कम नहीं) जो सेहत के लिये बेहद लाभदायक होता है। तो चलिये जानें प्रकृति से मिलने वाले विटामिन एन (विटामिन नेचर) के स्वास्थ्य लाभ क्या होते हैं।

अस्थमा के लिए कोई प्रकृतिक इलाज नहीं है, अनुसंधान बताते हैं कि विटामिन एन निश्चित रूप से इसके प्रसार को कम करने में मदद कर सकता है। वायु प्रदूषण अस्थमा के प्रमुख कारणों में से एक है लेकिन पौध व पेड़ हवा को फिल्टर कर इसे शुद्ध करने में मदद करते हैं।

हाल में हुए एक अध्ययन ने पाया गया कि शहरों में रहने वाले लोगों की अपेक्षा हरियाली और प्राकृतिक वातावरण के निकट रहने वाले व्यक्ति ज़्यादा स्वस्थ, सामाजिक, उदार व शांत होता है। लैण्डस्कैप व मानव स्वास्थ्य के प्रोफेसर फ्रैन्सिस कुओ के अनुसार शहरी निवासियों की तुलना में उपनगरों में रहने वाले लोग भरोसेमंद व सहायता के लिये तत्पर होते हैं और काफी उच्चतर स्तर का जीवन भी जीते हैं।

प्रकृति और हरियाले वातावरण में रहने वाले लोगों में बेहतर संज्ञान क्रियाशीलता, अधिक आत्म-अनुशासन, आवेग नियंत्रण तथा बेहतर मानसिक स्वास्थ्य होता है। इसके उलट प्रकृति से दूर रहने वाले लोगों में अटेनशन डेफिसिट हाईपरएक्टिविटी डिसआर्डर होने का जोखिम अधिक होता है।

शोध बताते हैं कि बचपन के मोटापे और हृदय रोग की उच्चतर दर तथा युवा एवं वरिष्ठ वयस्कों की उच्चतर मृत्यु की दर को परिवेश में हरियाली की कमी के साथ जुड़ा हुआ पाया गया है। तो हरियाली में रहने से इस समस्या से भी बचा जा सकता है।

इस बात में कोई शक नहीं कि एक्सरसाइज के ढ़ेरों स्वास्थ्यलाभ होते हैं, लेकिन प्राकृति की गोद में एक्सरसाइज करने से इसके फादे कई गुना बढ़ जाते हैं। शोधों में पाया जा चुका है कि हरी-भरी जगह में एक्सरसाइज करने से रक्तचाप सामान्य होता है, आत्मविश्वास बढ़ता है और मूड भी बेहतर बनता है। जिससे हृदय स्वास्थ्य बेहतर होता है।

प्रकृति में समय बिताने से मानसिक थकान से राहत मिलती है और याददाश्त और सीखने की क्षमता दोनों में सुधार होता है। एक अध्ययन में पाया गया कि 50 मिनट के लिए प्रकृति की गोद में रहने वाले लोगों का प्रदर्शन स्मृति परीक्षण में बेहतर रहा।

शोध से पता चलता है कि वे लो जिन्हें काफी समय से अल्ज़ाइमर की समस्या होती है, हरियाली में समय बिने पर उनके लक्षणों में कमी आती है।
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