माइग्रेन से जुड़ी इन 7 बातों को भी जानें
माइग्रेन से जुड़े बहुत से ऐसे तथ्य है जिसे बहुत से लोग नहीं जानते हैं। आइए हम आपको बताते है ऐसे ही कुछ बातों के बारे में हमारे इस स्लाइड शो में।

माइग्रेन से ग्रस्त लोग आत्महत्या करने की कोशिश करते हैं। यह बात कई अध्ययनों के बाद सामने आई है, कि माइग्रेन में होने वाले असहनीय दर्द के कारण लोग आत्महत्या करने का प्रयास करते हैं। यह जोखिम उन लोगों में अधिक पाया जाता है जिनमें आभा या तेज प्रकाश और अन्य संवेदी लक्षणों के कारण माइग्रेन की समस्या होती हैं। न्यू्यार्क के मोंटीफिओरे मेडिकल सेंटर के मनौवैज्ञानिक विषय से पीएचडी, डॉन बूस के अनुसार, 'माइग्रेन और आत्महत्या आपस में जुड़े हुए हैं, इसके कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हुए हैं, लेकिन अवसाद और माइग्रेन एक समान वातावरण बनाते हैं।'

वैसे तो माइग्रेन की दवा दर्द को कम करने में मदद करती है, लेकिन कई मामलों इसका असर उलटा भी हो सकता है। माइग्रेन दवाओं का लगातार उपयोग करने इसका विपरीत असर होता है। दवाओं के ज्यादा प्रयोग के कारण हुई बदतर स्थिति को 'मेडिकेशन ओवरयूज हेडेक' कहते हैं। इस तरह का माइग्रेन विशेष रूप से इस्तेमाल की जा रही दवाओं के साइड इफेक्ट से होता है।

ओहियो और मिसौरी में माइग्रेन से ग्रस्त मरीजों पर किए गए अध्ययन में पाया कि, दिन की शुरूआत के साथ ही माइग्रेन का खतरा बढ़ता है और दिन ढलने के साथ ही माइग्रेन का दुष्प्रभाव कम होता जाता है। इस अध्ययन में यह बात सामने आई कि, बिजली से निकलने वाली विद्युत चुम्बकीय तरंगें माइग्रेन के असर को बढ़ाती हैं और इसके कारण होने वाला दर्द असहनीय होता है।

सामान्य आबादी की तुलना में माइग्रेन से पीडि़त लोगों को स्ट्रोक और अन्य हृदय सम्बन्धी समस्याओं का जोखिम ज्यादा होता है। माइग्रेन से पीडि़त लगभग 35 साल की महिलायें जो धूम्रपान और गर्भनिरोधक गोलियों का प्रयोग करती थीं उनको ब्रेन में स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है। हालांकि, शोधकर्ता इस बात को लेकर अस्वस्त नहीं थे कि, ब्रेन स्ट्रोक और माइग्रेन एक-दूसरे से जुड़े क्यों हैं।

यदि आपको लगता है कि आपने अपने सारे काम निपटा लिए हैं और इसके कारण आपको माइग्रेन से होने वाले दर्द से राहत मिल जायेगी तो ऐसा बिलकुल नही है। बूज की टीम ने एक अध्ययन किया जिसमें यह बात सामने आई कि, दिमाग में होने वाली हलचल (चाहे वह खुशी हो या गम) ये माइग्रेन के बढ़ने का खतरा 20 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। ऐसा हार्मोन में होने वाले अचानक परिवर्तन के कारण होता है। इसलिए माइग्रेन के दर्द को कम करने के लिए तनाव से बचने की कोशिश कीजिए, इसके अलावा योग के साथ भरपूर आराम कीजिए।

यौन संबंध बनाने से माइग्रेन से होने वाला दर्द बढ़ सकता है, इसलिए माइग्रेन के मरीजों को यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए। हालांकि यह सही है यौन संबंध बनाने से शारीरिक परिश्रम होता है और रक्त का संचार भी बढ़ जाता है। लेकिन कुछ शोध के अनुसार यौन संबंध बनाने से माइग्रेन का असर कम होता है।

मौसम और आस-पास के वातावरण के कारण भी माइग्रेन होने का जोखिम होता है। कनाडा के एलबडर्टा में अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि 23 मील प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली चिनूक हवाओं के संपर्क में आने से माइग्रेन होने का खतरा बढ़ जाता है। एक अन्य अध्ययन के अनुसार लगभग आधे से अधिक माइग्रेन से ग्रस्त मरीज तापमान, आर्द्रता और बैरोमीटर के दबाव जैसे मौसमी कारकों के प्रति संवेदनशील होते हैं।
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