टाइप 2 डायबिटीज को प्राकृतिक रूप से कंट्रोल करें

डायबिटीज होने पर शरीर में ब्लड शुगर और इंसुलिन का स्तर प्रभावित होता है। टाइप 1 डायबिटीज में जहां शरीर में इंसुलिन बनना बिल्कुल बंद हो जाता है, वहीं टाइप 2 डायबिटीज में कम मात्रा में इंसुलिन बनता है। दुनियाभर के डायबिटीज रोगियों में सबसे ज्यादा मरीज टाइप 2 डायबिटीज के पाए जाते हैं। डायबिटीज का पूरी तरह इलाज संभव नहीं है, मगर इसे कंट्रोल किया जा सकता है। टाइप 2 डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए कुछ प्राकृतिक हर्ब्स को कारगर पाया गया है। अगर आप भी टाइप 2 डायबिटीज से प्रभावित हैं या आपके शरीर में इंसुलिन कम बन रहा है, तो इन हर्ब्स का सेवन करना फायदेमंद होगा।
एलोवेरा

एलोवेरा की पत्तियां टाइप 2 डायबिटीज में बहुत फायदेमंद मानी जाती हैं। एलोवेरा जूस के सेवन से न सिर्फ पाचन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं, बल्कि ये टाइप 2 डायबिटीज के लक्षणों को भी कम करता है। कई शोधों में ये पता चला है कि एलोवेरा के सेवन से पैंक्रियाज ज्यादा मात्रा में इंसुलिन बनाते हैं।
अदरक

अदरक का प्रयोग बहुत पुराने समय से आयुर्वेद और अन्य चिकित्सपद्धितयों में दवा के रूप में किया जाता रहा है। अदरक में भी दर्द, सूजन, इंफेक्शन आदि को दूर करने के गुण होते हैं। इसके अलावा रिसर्च में यह भी पता चला है कि अदरक का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल कम होता है, जबकि इंसुलिन की मात्रा पर प्रभाव नहीं पड़ता है। यानी अगर आप अदरक का सेवन करते हैं, तो इंसुलिन भले ज्यादा मात्रा में न बने, मगर जितना इंसुलिन आपके शरीर में बन रहा है, वो शुगर को खून में घुलने से रोक सकता है, इसलिए अदरक टाइप 2 डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद है।
ग्रीन टी

ग्रीन टी में पॉलीफेनॉल्स होते हैं, जो एक तरह के एंटीऑक्सीडेंट हैं। ग्रीन टी में सबसे महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट एपिगैलोकेटाकिन गैलेट (EGCG) पाया जाता है। इन दोनों एंटीऑक्सीडेंट्स को टाइप 2 डायबिटीज और दिल की बीमारियों से बचाव के लिए फायदेमंद माना जाता है। ये दोनों तत्व शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बेहतर करते हैं और इंसुलिन को बनने में मदद करते हैं।
मेथी के दाने

डा‍यबिटीज रोगी के लिए मेथीदाना रामबाण औषधि है। यह खून को पतला करता है। नियमित रूप से खाली पेट इसका सेवन करने से पेट, घुटने और डायबिटीज के लिए फायदेमंद होता है। साथ ही यह शरीर की अतिरिक्‍त चर्बी को भी कम करता है।
करेला

करेला भी एक चिकित्सीय फल माना जाता है क्योंकि ये कई तरह के रोगों और समस्याओं को ठीक करने में प्रयोग होता है। करेला टाइप 2 डायबिटीज में भी फायदेमंद है। करेले की सब्जी, जूस, फल और बीज सभी डायबिटीज रोगियों में ब्लड शुगर को कंट्रोल करते हैं और इंसुलिन की मात्रा बढ़ाते हैं। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को करेले से बने आहारों और जूस का सेवन करना चाहिए।
दालचीनी

दालचीनी ना सिर्फ खाने का जायका बढ़ाती है, बल्कि टाईप-2 डायबिटीज और हृदय रोगों से भी बचाती है। दालचीनी में कैल्शियम और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है। ये रक्त शर्करा को सन्तुलित करने की प्रभावी औषधि है। दालचीनी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में होने वाले हार्मोनल इंबैलेंस को ठीक करते हैं और हार्मोन्स के स्राव में मदद करते हैं। खाने में दालचीनी के प्रयोग से आपका पाचन भी ठीक रहता है।