डेंगू संक्रामक नहीं होता

डेंगू संक्रामक नहीं होता है। ये एक व्यक्ति से दूसरे में नहीं फैलता है, बल्कि डेंगू वायरस से ग्रस्त मच्छर के दूसरे व्यक्ति को काट लेने से होता है। डेंगू चार प्रकार का होता है। एक बार में केवल एक ही तरह का डेंगू होता है। दूसरी बार डेंगू होने का मतलब दूसरी प्रकार का डेंगू होता है। डेंगू को लेकर लोगो में यह भ्रम होता है कि प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत होती है। पर सच इससे अलग है। ज्यादातर मामलों में प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत नहीं होती केवल मरीज का प्लेटलेट्स काउंट 10,000 से कम होने लगें तो स्थिति जानलेवा हो सकती है। Image Source-Getty
प्लेटलेट्स की कमी के कारण मौत नहीं

लोगो में एक भ्रम यह भी होता है कि प्लेटलेट्स की कमी के कारण मौत हो जाती है। पर डेंगू में मौत का असली कारण कैपिलरी लीकेज होता है। अगर मरीज को कैपिलरी लीकेज शुरू होती है तो मरीज को शरीर के प्रति किलो वजन के हिसाब से 20 मिलीलीटर प्रति घंटा तरल आहार देते रहना चाहिए। यह तब तक करते रहना चाहिए, जब तक हाई और लो ब्लड प्रेशर का अंतर 40 से ज्यादा न हो जाए या मरीज ठीक तरह से पेशाब ना करने लगे। Image Source-Getty
रात में लाइट के उजाले में भी काटने का खतरा

डेंगू का मच्छर दिन के उजाले में घरों के अंदर या बाहर काटता है लेकिन अगर रात में लाइट जल रही हो तब भी ये मच्छर काट सकते हैं। खासकर सुबह सूरज उगते और शाम डूबते समय ये ज्यादा होते हैं। डेंगू के मच्छर के काटने की सबसे पसंदीदा जगह, कोहनी के नीचे या घुटने होते हैं। 15 से 16 डिग्री से कम तापमान में ये मच्छर पैदा नहीं हो पाते। जुलाई से अक्टूबर तक यह बीमारी चरम पर होती है।Image Source-Getty
श्वेत रक्त कोशिकाओं पर आक्रमण

डेंगू मच्छर एक बार में 100 के करीब अंडे दे सकता है, और इसका जीवन लगभग 2 हफ्तों का होता है। इस मच्छर के द्वारा मनुष्य के शरीर में छोड़ा गया वायरस सीधे श्वेत रक्त कोशिकाओं में घुसकर सबसे पहले शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर आक्रमण करता है। इसके द्वारा महज एक बार काटा जाना किसी व्यक्ति को जानलेवा स्थिति में पहुंचने के लिए काफी है।Image Source-Getty
घरों की टंकी में सबसे ज्यादा पैदा होते हैं

दिल्ली स्वास्थ्य मंत्रालय की एक समीक्षा रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि 41 फीसदी मच्छर प्लास्टिक के ड्रम और कंटेनर में पैदा होते हैं, जिनका इस्तेमाल मुख्य रूप से घरों और दुकानों में पानी जमा करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा कूलरों से 12 फीसदी और निर्माण स्थलों पर मुख्य रूप से इस्तेमाल होने वाले लोहे के कंटेनर में 17 फीसदी मच्छर पैदा होते हैं।Image Source-Getty