बच्चों को अजनबियों की इन 5 तरीकों से कराएं पहचान, सुरक्षा के लिए है जरूरी
बच्चे मासूम होते हैं, हर किसी से बहुत जल्द दोस्ती कर लेते हैं। अजनबी उनकी इसी मासूमियत का फायदा भी उठाते हैं, ऐसे में बच्चों को अजनबियों के साथ दोस्ती करने से पहले कुछ बातें जरूर समझायें। इस बारे में विस्तार से जानने के लिए ये स्लाइडशो पढ़ें।

बच्चों को सही और गलत लोगों की पहचान कराना आसान बात नहीं है। ऐसे में उनको प्यार और सब्र के साथ समझाना पड़ेगा कि हर चॉकलेट देने वाले अंकल आंटी अच्छे नहीं होते हैं और उनकी बातों में भी नहीं आना चाहिए। उन्हें बेहद आसान शब्दों में समझाएं - हर वो अजनबी आपको नुकसान पहुंचा सकता है, जिसे आप नहीं जानते, जिसे आपने नहीं देखा या कभी बात नहीं की। वैसे सारे अजनबी बुरे होते हैं। इसलिए कोशिश करें कि अपनी देखरेख में ही बाहर वालों से मिलवायें, वरना बच्चा आगे जाकर लोगों से मिलने से कतरायेगा। पड़ोस की आंटी से पहचान करायें, पुलिसवालों की पहचान कराएं। ताकि जरूरत पर ऐसे लोगो से वो मदद मांग सके।

बच्चों को ये बताना भी जरूरी है कि अकेले सुनसान जगह पर जाना उनके लिए परेशानी का कारण हो सकता है। उन्हें खेलने या घूमने के लिए सुनसान मकान, पार्किंग लॉट, अंधेरी गलियां और रास्ते आदि जगहों पर नहीं जाना चाहिए। बच्चों को उन रास्तों और जगहों की जानकारी भी दे, जहां वो मदद के लिए जा सकें। जैसे पुलिस स्टेशन, स्कूल या किसी जानने वाले का घर आदि। कोशिश करें कि बच्चों उसका, अपने मां-बाप औऱ घर का पता जितनी जल्दी हो याद करा दें। ये उसके लिए अच्छा रहेगा।

बच्चों को सही गलत टच की जानकारी देना बहुत जरूरी होता है। ऐसा सिर्फ लड़कियों ही नहीं लड़को के लिए भी जरूरी होता है। बच्चों को समझायें कि मां-बाप के अलावा किसी की भी गोद में जाकर ना बैठें। ये बातें एक बार में या आसानी से नहीं समझायी जा सकती। इसके लिए आपको बच्चों से लगातार बात करनी पड़ेगी। दिनभर क्या हुआ, ये जानना होगा। उनकी बातों को थोड़ा गंभीरता से सुने।बच्चों को मैनर्स, एटिकेट्स के साथ कुछ बातों में ना करना सिखाना चाहिए। आपको टच करके समझा सकते है कि ऐसे में उनको ना कहना चाहिए।

आप हर समय बच्चों के साथ नहीं रह सकते। ऐसे में आपको बच्चों में खुद को जिम्मेदार बनने की आदत डालनी चाहिए। उन्हें बताइये कि ज्यादा दूर खेलने जाने में क्या परेशानी है। उन्हें ये भी समझाइयें कि अगर कोई उनसे कहीं चलने के कहता तो उन्हें क्यूं मना करना चाहिए। जैसे बच्चों को समझ में आता जाएगा। अपनी रक्षा वो खुद कर सकेंगें। उनके साथ एक गेम जैसा भी आप खेल सकती है। उनको कोई पासवर्ड याद करा दीजिए, और बोलिए अगर कई साथ चलने के कहता है तो उसे ये पासवर्ड पता हो, वर्ना वो साथ नहीं जाएं।

कोशिश करें की बच्चे बच्चों के साथ खेलना ज्यादा पंसद करें। उनका सर्किल बड़ा होगा तो भी अजनबियों के साथ उनके जाने का खतरा कम होगा। ऐसे में वो अजनबियों की तरफ आकर्षित भी कम होगें। उनके फ्रेंड्स से दोस्ती रखें, ताकि वो सारे बच्चें एक दूसरे के दोस्त ही नहीं जिम्मेदार भी हो। उन्हें पता हो कि उनका दोस्त कहां जा रहा है, क्या कर रहा है। बच्चे को आप अजनबियों से खतरे बताएंगे, तो वे हर किसी से बात करने से भी घबराएंगे।
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