खूबसूरत महक वाली चीजों का प्रयोग न करें, जानें 5 वजहें

मूड को बेहतर बनाने में सुगंध का योगदान बहुत अहम होता है, खासकर अगर मूड खराब हो किसी तरह का तनाव हो, तो स्थिति से उबारने में खुशूब बहुत मदद करती है। आपकी पसंदीदा खुशबू आपकी सेहत के लिए कितनी नुकसानदेह हो सकती है, इसके बारे में इस स्लाइडशो में पढ़ें।

Devendra Tiwari
Written by:Devendra Tiwari Published at: Nov 30, 2016

सेहत और सुगंध

सेहत और सुगंध
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अब तक आपने ये पढ़ा होगा कि मूड को बेहतर बनाने में सुगंध का योगदान बहुत अहम होता है, खासकर अगर मूड खराब हो या किसी तरह का तनाव हो, तो इस स्थिति से उबारने में खुशबू बहुत मदद करती है। लेकिन यहां मामला कुछ और है जोकि पहली बात के विपरीत है। भले ही आपको कोई खुशबू बहुत अधिक पसंद क्यों न हो, इसका प्रयोग आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। दरअसल इनमें प्रयोग किये जाने वाले तत्व त्वचा के साथ शरीर के अंदरूनी हिस्सों के लिए नुकसानदेह होते हैं। इस स्लाइडशो में जानते हैं कि किन कारणों से खुशबूदार महक आपके सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकती है। Image source: TV3

त्वचा की समस्यायें

त्वचा की समस्यायें
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ऑस्ट्रेलिया में 2009 में हुए शोध की मानें तो सुगंधित वातावरण के कारण त्वचा की समस्यायें अधिक होती हैं। इनमें प्रयोग होने वाले सिंथेटिक एलीमेंट्स के कारण त्वचा की कोशिकायें निष्क्रिय होने लगती हैं। यह न केवल बाहरी त्वचा को प्रभावित करती हैं बल्कि ये त्वचा को अंदर तक भी प्रभावित करती हैं। इनके कारण त्वचा की एलर्जी भी अधिक होती है। परफ्यूम का अधिक प्रयोग करने वालों को त्वचा की एलर्जी की समस्या अधिक होती है। Image source: MomJunction

सीओपीडी और अस्थमा का खतरा

सीओपीडी और अस्थमा का खतरा
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खुशबूदार एरोमा का प्रयोग अगर आप अगरबत्ती या मोमबत्ती के रूप में करते हैं तो इसके जलने से घर के अंदर वायु प्रदूषण हो सकता है। जिसके कारण सीओपीडी और अस्थमा जैसी खतरनाक बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। चूंकि इनमें सल्फर डाईऑक्साइड, कार्बन मोनोआक्‍साइड, नाइट्रोजन आदि खतरनाक गैसें निकलती हैं जो हवा के जरिये फेफड़ों में जाती हैं और बीमारियों का कारण बनती हैं। अगर इनका प्रयोग अधिक किया जाये तो ये सिगरेट के धुयें से भी अधिक खतरनाक हो जाती हैं। Image source: AZ Sneeze

दिमाग के लिए नुकसानदेह

दिमाग के लिए नुकसानदेह
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खुशबू के संपर्क में अधिक समय तक रहने से इसका सीधा असर दिमाग पर पड़ता है और इसके कारण सोचने और समझने की क्षमता कम होती है साथ ही दिमागी बीमारियां भी होने लगती हैं। क्योंकि इनके संपर्क में अधिक समय तक रहने से सिरदर्द होने लगता है और अधिक समय तक रहने वाला सिरदर्द दिमाग के लिए ठीक नहीं। इनसे निकलने वाला कार्बन मोनोऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड रक्त के जरिये दिमाग की कोशिकाओं को क्षति पहुंचाता है। Image source: News 1130

कैंसर का खतरा

कैंसर का खतरा
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अमेरिकन कैंसर सोसायटी द्वारा किये गये शोध की मानें तो जलनशील एरोमा (अगरबत्ती और मोमबत्ती) के संपर्क में अधिक समय तक रहने से रेस्पीरेटरी कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। इससे स्वैतीमस सेल कॉर्सिनोमा का खतरा बढ़ जाता है जो कि धूम्रपान करने वालों में अधिक देखा जाता है। जो कि सामान्य लोगों की तुलना में धूम्रपान करने वालों को अधिक होता है। Image source: The Inquisitr

कार्डियोवस्कुलर बीमारियां

कार्डियोवस्कुलर बीमारियां
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खुशबूदार कमरे में अधिक देर तक रहने से कार्डियोवस्कुलर यानी दिल की बीमारियों के होने खतरा भी बढ़ जाता है। इसके कारण दिल की बीमारियां के होने का खतरा 10 प्रतिशत अधिक हो जाता है। दरअसल खूशबू में मौजूद तत्व रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करते हैं जिसके कारण सूजन हो जाती है और यह रक्त संचार को प्रभावित करता है। इसके कारण दिल की बीमारियां होने लगती हैं। Image source: Socrates Garrigos MDPA

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