स्वस्थ रहने के लिए महिलाओं को ये 5 चेकअप जरूर कराने चाहिए
महिलाओं की गिरती स्वस्थ्य दर को देखते हुए उन्हें ये समझना होगा कि अगर उन्हें अपने परिवार को सुखी देखना है, तो पहले खुद के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। आज हम आपको 5 ऐसे हेल्थ चेकअप के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हर महिला को कराने चाहिएं। खासतौर से 4

महिलाएं परिवार के लिए एक तरह से नींव का काम करती हैं। पूरे घर के भोजन से लेकर साफ-सफाई और सेहत की जिम्मेदारी उनके ही कंधों पर होती है। लेकिन क्या वे अपने स्वास्थ्य को लेकर भी उतनी ही सजग और सचेत होती हैं? यदि एक महिला के हेल्थ और फैशन खर्च की तुलना की जाए, तो उसके फैशन का खर्च उसके हेल्थ के खर्च से लगभग दोगुना होता है। साधारण परिवार की महिला पर साल में कम से कम हेल्थ के नाम पर यदि पांच हजार खर्च होता है, तो खूबसूरती को मेंटेन करने के लिए वह कम से कम दस से 15 हजार रुपये तक खर्च कर ही देती है। लेकिन महिलाओं की गिरती स्वास्थ्य दर को देखते हुए उन्हें ये समझना होगा कि अगर उन्हें अपने परिवार को सुखी देखना है, तो पहले खुद के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। आइए जानें कैसे...

ऑस्टियोपोरोसिस का नाम तो हम एक आम बीमारी के तौर पर सुनते ही रहते हैं। यदि आप इसके बारे में नहीं जानते हैं, तो बता दें कि इसमें हड्डियां उम्र के साथ मुलायम हो कर चिटकने लगती हैं। इसका उपचार धीमा और थोड़ा मुश्किल हो जाता है, क्योंकि जब तक किसी औरत को इस बीमारी के बारे में पता चला है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। इसकी समस्या कैल्शियम की कमी से होती है। समय निकलने से पहले इसका उपचार करना बेहतर विकल्प है।

आजकल की जीवनशैली और आराम की कमी के कारण महिलाएं डिप्रेशन का शिकार हो जाती हैं। इसलिए, डिप्रेशन को कम करने के लिए महिलाओं को स्क्रीनिंग टेस्ट करवाना बहुत जरूरी होता है। स्क्रीनिंग टेस्ट के दौरान डॉक्टर नींद की आदतों, जिन्दगी की परेशानियों, दबी हुई इच्छाओं और पसंदीदा एक्टिविटी आदि के बारे में सवाल पूछता है, जिससे महिलाओं का डिप्रेशन कम हो सकता है।

ट्युमर और यूरिनरी ब्लैडर संबंधी बीमारियों की जांच कराने के लिए महिलाओं व पुरुषों को पेल्विक अल्ट्रासाउंड करवाने की रूरत होती है। दरअसल पेट के निचले हिस्से में दर्द होना, पीरियड्स अनियमित होना, पीरियड्स के दौरान बहुत अधिक दर्द व ब्लीडिंग होना और ओवरी कैंसर की जांच कराने के लिए पेल्विक अल्ट्रासाउंड की जरूरत होती है।

हाइपोथायराइडिज्म की समस्या लगभग हर दूसरी महिला पीड़ित को होती है। यह बीमारी थायरॉक्सिन हार्मोन कम होने के कारण से होती है। हाइपोथायराइडिज्म की समस्या किसी महिला को हैं या नहीं इसके लिए साल में एक बार टी.एस.एच. टेस्ट जरूर करवाएं। अगर आपका वजन बिना किसी कारण बढ़ता जा रहा है या व्यक्ति को सर्दी, थकान, कब्ज की शिकायत लगातार बनी रहती है, तो यह लक्षण हाइपोथायराइडिज्म के हैं। ऐसे में जांच जरूर करवाएं।

इंडियन कैंसर सोसाइटी के अनुसार 40 साल के बाद महिलाओं को साल में 1 बार मेमोग्राफी ज़रूर करानी चाहिए। वैसे तो महिलाएं घर पर खुद ही सेल्फ ब्रेस्टएग्ज़ामिन (जांच) कर सकती हैं। खुद से जांच के दौरान ब्रेस्ट में किसी तरह की गांठ महसूस होने पर तुरंत एक्सपर्ट को दिखाएं। जिन महिलाओं की उम्र 40 से 50 के मध्य की है, उन्हें मैमोग्राम जरूर करवाना चाहिये। यदि आपके परिवार में किसी नानी या मम्मी को ब्रेस्ट कैंसर पहले हो चुका है, तो आपको थोड़ा सवधान रहने की जरुरत है।
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