बर्थ कंट्रोल संबंधित गलतफहमियां

बर्थ कंट्रोल करने से जुड़ी ये ऐसी गलतफहिमयां हैं जो महिलाओं के बीच डर का कारण बनी हुई हैं। इन मिसकंसेप्शन को तोड़ना जरूरी है क्योंकि कहीं न कहीं ये मिसकंसेप्शन महिलाओं के बीच अंधविश्वास बन गया है जिस पर महिलाएं बिना सोचे-समझें विश्वास कर रही हैं। इन मिसकंसेप्शन को 5 गाइनोकोलॉजिस्ट ने मिलकर एक साथ शेयर किया और जरूरी जानकारी हमारे साथ साझा कर इनको पूरी तरह निराधार बताया।
पिल बंद करने के बाद भी नहीं होते प्रेगनेंट

प्रसिद्ध गाइनोकोलॉजिस्ट कॉलेन क्लाज्वस्की (एम.डी) कहती हैं कि महिलाओं में ये गलतफहमी है कि पिल बंद करने के बाद भी एक महीने तक गर्भधारण नहीं होता है। जबकि ये गलत है। वास्तव में कुछ केस में तो पिल बंद करने के तुरंत बाद ही महिलाएं फर्टाइल हो जाती हैं। अगर आपने पिल बंद कर दिए हैं तो आपको समझ जाना चाहिए कि आप प्रेगनेंट होने वाली हैं।
आईयूडी का उपयोग

कॉलेन ने ऐसे ही एक गलत जानकारी बर्थ कंट्रोल करने के तरीके आईयूड के बारे में सुना है। महिलाओं का मानना है कि जिनके बच्चे नहीं है या जो लॉन्ग-टर्म रिलेशनशिप में नहीं है और जिनका यूटेरस थोड़ा टिल्ट है वे आईयूडी का उपयोग नहीं कर सकती। पहले दो केस में बच्चे कभी भी करने की चाहत के कारण आईयूडी इस्तेमाल नहीं किया जाता है। लेकिन अगर आप चाहते हैं तो इसका इस्तेमाल बेझिझक कर सकते हैं। लेकिन यूटेरस वाली बात बिल्कुल निराधार है। यूटेरस कर्ली बालों के तरह है जिसमें आपका हेयरस्टाइलिस्ट कोई भी प्रोडक्ट यूज़ करता है उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसा ही यूटेरस और आईयूडी के साथ है। ऐसा ही कुछ स्त्री विशेषज्ञ ईव इस्पी ने महिलाओं से सुना है कि आईयूडी उनके शरीर में घूम रहा है। इन उपरोक्त दो गाइनोकोलॉजिस्ट ने इन बर्थ कंट्रोल मिसकंसेप्शन को पूरी तरह निराधार बताया है।
बढ़ता है वजन

स्त्री विशेषज्ञ क्रिस्टीन डेह्लनडोर्फ ने महिलाओं से सुना है कि बर्थ कंट्रोल से वजन बढ़ने लगता है जो इनफर्टिलिटी का कारण बनता है। क्रिस्टीन इस पर हैरान रहती है और खुद सोचती है व महिलाओं को भी सोचने को कहती हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है।
सही शिक्षा का अभाव

इन गाइनोकोलॉजिस्ट और मक्सिको की गाइनोकोलॉजिस्ट लिंडा डोमिनग्यूज ने ये सारी मिसकंसेप्शन का कारण स्कूल और घर में मिली शिक्षा की कमी को बताया है। खासकर भारत में तो सेक्स औऱ बच्चों के जन्म से संबंधित कोई भी जानकारी तो लड़कियों को दी ही नहीं जाती। ऐसे में लड़कियां अपनी सहेलियों से सुन-सुनाकर ये सारी शिक्षा लेती हैं जिसमें से आधी से ज्यादा फालतू औऱ पूरी तरह निराधार होती हैं।