सोरायसिस के लिए 5 आवश्यक स्किन केयर प्रोडक्ट के बारे में जानें
सोरायसिस त्वचा संबधी रोग है जिसमें शरीर के कुछ हिस्सों में दाने हो आते हैं, इनमें काफी खुजली होती है जो कि असहनीय होता है। क्या आप जानते हैं, कि स्किन केयर प्रोडक्ट से इसका उपचार हो सकता है, इस स्लाइडशो में पढ़ें, यह कैसे होता है।

सोरायसिस एक तरह का त्वचा रोग है जो जल्दी ठीक नहीं होता। सोरायसिस होने पर शरीर के कई हिस्सों में गहरे लाल और भूरे रंग के दाने निकलने शुरु हो जाते हैं। कई बार इस बीमारी में खुजली की भी समस्या होती है। ये कोहनी, पीठ, कमर, खोपड़ी, पिंडली, कान गर्दन के पीछे वाले भागों में होती है। ये कई बार इतने अधिक हो जाते हैं कि इंसान दिखने में भद्दा लगने लगता है। कई बार इंसान को पता भी नहीं चलता है और उसे सोरायसिस हो जाता है फिर खुजली करते-करते ये बीमारी अधिक बढ़ जाती है। ऐसे में जरूरी है कि इस बीमारी के शुरुआत में ही इन जरूरी घरेलू नुस्खों को अपनाकर इसे कम कर लें।

शी बटर में काफी मात्रा में अनसैचुरेटेड फैट होता है जो सोरायसिस के दानों को ठीक करने और उस जगह पर हुए जख्मों को भरने में सहायक होता है। ये सोरायसिस को पूरी तरह से ठीक तो नहीं करता लेकिन सोराय सिस होने वाली त्वचा संबंधी समस्या और खुजली में राहत देता है।

टी ट्री ऑयल को मेलाल्यूका एल्टरनिफोलिया (Melaleuca Alternifolia) के नाम से भी जाना जाता है। इसका इस्तेमाल पिंपल, फोड़े फुंसियों तथा साइनस से होने वाले इन्फेक्शन को दूर करने में किया जाता है। इसे सोरायसिस की समस्या में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। टी ट्री ऑयल में एंटीसेप्टिक गुण होता है जिस कारण इसे बालों के स्कैल्प में होने वाले सोरायसिस के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसको इस्तेमाल करने के लिए शेम्पू में टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदे मिलाइए और उससे सिर की 5 से 10 मिनट तक मसाज कर धो लीजिए।

अर्गन ऑयल में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-एजिंग के गुण होते हैं जिसके कारण ये सोरायसिस की समस्या में त्वचा की फुंसियों में काफी फायदा और राहत पहुंचाते हैं। आगर्न ऑयल की मॉश्चराइजिंग करने का गुण सोरायसिस के दौरान त्वचा में होने वाली खुजली में आराम पहुंचाता है। साथ ही ये रैशेज़ की समस्या को भी दूर करने में मदद करता है।

सोरायसिस की समस्या कई बार त्वचा में किसी भी तरह के साइड इफेक्ट या इंफेक्शन के कारण होता है। ऐसे में सोरायसिस के दौरान किसी भी ऐसे-वैसे शेम्पू या साबुन का इस्तेमाल ना करें। इस दौरान सल्फेट फ्री शेम्पू का इस्तेमाल फायदेमंद रहेगा। दरअसल सल्फेट काफी हार्स होता है जिस कारण उसमें काफी झाग होता है। सल्फेट शेम्पू से उत्पन्न यही झाग सोरायसिस की समस्या को और अधिक बढ़ा देता है। ऐसे में बेहतर होगा की इस दौरान सल्फेट फ्री शेम्पू का ही इस्तेमाल करें।

पेपरमिंट ऑयल भी सोरायसिस की समस्या में काफी राहत पहुंचाता है। सोरायसिस में पेपरमिंट का इस्तेमाल इसमें ऑर्गेनिक ऑलिव ऑयल को मिला कर करें। ऑयल का ये कॉम्बीनेशन सोरायसिस से होने वाले फोड़े-फुंसियों को ठीक करने में मदद करता है।
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