झुर्रियों से जुड़े मिथ

कुछ स्किनकेयर से जुड़ी मूल बातें जैसे क्‍लींजर, टोनर और मॉश्‍चराइजर बिना किसी शक के काम करती है। साथ ही सही आहार और धूम्रपान छोड़ने जैसी आदतें भी आपकी त्‍वचा और शरीर स्‍वस्‍थ रखती हैं। लेकिन स्किन के लिए एंटी-एजिंग के संकेतों से लड़ने की बात आने पर सुनी सुनाई बातों पर यकीन करना हमेशा सही नहीं होता। आइए इस स्‍लाइड शो के माध्‍यम से ऐसे ही कुछ लो‍कप्रिय एंटी-एजिंग मिथ के बारे में जानते हैं, जिसे आप हमेशा से सुनते आये है।
मिथ#1: बरसात के दिनों में सनस्क्रीन की जरूरत नहीं है।

धूप हो या बादल आपको हर दिन सनस्‍क्रीन के प्रयोग की आवश्‍यकता होती है। लगभग 80 प्रतिशत सूरज की हानिकारक पराबैंगनी किरणे बादलों के माध्‍यम से पारित होती है, इसलिए बरसात में भी त्‍वचा को सुरक्षा की जरूरत होती है। इस बात का ध्‍यान रखें कि सूरज की किरणें स्किन एजिंग सहित धब्‍बों और झुर्रियों में परिवर्तन के लिए जिम्‍मेदार होती है।
मिथ#2: मॉइश्चराइजिंग झुर्रियों से बचाता है।

उम्र बढ़ने के साथ त्‍वचा के ड्राई और कम लोचदार होने से झुर्रियां अधिक स्‍पष्‍ट दिखने लगती है। मॉइश्‍चराइजिंग त्‍वचा की नमी को बनाये रखती है जिससे अस्‍थायी मास्‍क के रूप में लाइनों और क्रीज को दूर करने में मदद मिलती है। हालांकि मॉइस्‍चराजर त्‍वचा की गहरी परतों में न जाने के कारण झुर्रियों को बनने से नहीं रोक पाता। इसके अलावा अन्‍य कारक जैसे यूवी जोखिम और धूम्रपान जैसी बुरी आदतें झुर्रियों को और भी बढ़ा सकते हैं।
मिथ#3: महंगे स्किन प्रोडक्ट अधिक प्रभावी होते हैं।

महंगे स्किनकेयर प्रोडक्‍ट हमेशा अधिक प्रभावी नहीं होते। इसके लिए प्रोडक्‍ट का निर्माण और उसमें मौजूद एक्टिव तत्‍व की एकाग्रता मायने रखती, कीमत नहीं। इसके अलावा, हर किसी की त्‍वचा अलग होती है, इसलिए आपके लिए वास्‍तव में सबसे अच्‍छा क्‍या है, इसको खोजने की जरूरत है।
मिथ#4: सुधार दिखने पर स्किनकेयर प्रोडक्ट का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए।

अक्‍सर झुर्रियों के कम होने और चमकदार त्‍वचा को देखकर आप स्किनकेयर प्रोडक्‍ट का इस्‍तेमाल बंद कर देते हैं। लेकिन परिणाम को बनाये रखने के लिए आपको लंबे समय तक इनके उपयोग की जरूरत होती है। पहले कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने स्किनकेयर विशेषज्ञ से परामर्श करें।Image Source : Getty