खर्राटे रोकने के 12 उपाय

सोते समय गले को पीछे का हिस्सा थोड़ा संकरा हो जाता है। ऐसे में ऑक्सीजन जब संकरी जगह से अंदर जाती है तो आस-पास के टिशु वायब्रेट होते हैं। और इस वायब्रेशन से होने वाली आवाज को ही खर्राटे कहते हैं। रात को सोते समय रोगी इतनी तेज आवाज निकालता है कि उसके पास सोना बिल्कुल मुश्किल हो जाता है।

खर्राटे, जिसमें व्यक्ति सोने के बाद नाक से तेज आवाज के साथ सांस लेता और छोड़ता है। क्या आपको खर्राटे की समस्या है क्या कभी आप खर्राटे की समस्या को लेकर डॉक्टर के पास गए हैं? नहीं! अधिकतर लोग खर्राटे को एक साधारण प्रक्रिया समझकर टालते हैं, पर खर्राटे स्लिपिंग डिसऑर्डर का हिस्सा भी हो सकता है। इसलिए खर्राटों से बचने के उपाय करने चाहिए।

खर्राटे लेने के कई कारण हो सकते हैं जैसे, एलर्जी, नाक की सूजन, जीभ मोटी होना, अधिक धूम्रपान करना, शराब या नशीले पदार्थों का सेवन करना और रात को अधिक भोजन करना आदि। आइए जाने खर्राटे से बचने के तरीको के बारें में।

जिन्हें रात को सोते समय खर्राटे लेने की आदत हो उसे खर्राटे से बचने के लिए रात को सोते समय मन को शांत व मस्तिष्क को बाहरी विचारों से मुक्त रखकर सोना चाहिए।

क्या आप जानते हैं कि शरीर में पानी की कमी से भी खर्राटे आते है। जब शरीर में पानी की कमी होती है तो नाक के रास्ते की नमी सूख जाती है। ऐसे में साइनस हवा की गति को श्वास तंत्र में पहुंचने के बीच में सहयोग नहीं कर पाता और सांस लेना कठिन हो जाता है। ऐसे में खर्राटे की प्रवृत्ति बढ़ जाती है। इसलिए सेहतमंद और खर्राटों से दूर रहने के लिए दिनभर भरपूर पानी पीएं

अधिकतर मोटे लोग ही खर्राटों की समस्या के शिकार होते हैं। गले के आप-पास अधिक वसा युक्त कोशिकाएं जमा होने से गले में सिकुड़न होती है और खर्राटे की ध्वनि निकलती है। तो अगर आप भी खर्राटों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो अपना वजन कम करने के उपाय करें।

पीठ के बल सोना वैसे तो आदर्श तरीका होता है लेकिन इस मुद्रा में सोने से खर्राटों की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में खर्राटों से बचने के लिए आप अगर करवट के बल सोएंगे तो खर्राटों की आशंका कम होगी।

धूम्रपान से खर्राटों की संभावना अधिक होती है। धूम्रपान वायुमार्ग की झिल्ली में परेशानी पैदा करता है और इससे नाक और गले में हवा पास होना रूक जाती है। इसलिए अगर आपको खर्राटों की समस्या हैं तो धूम्रपान छोड़ दें।

नींद की गोलियों मांसपेशियों पर विपरीत प्रभाव डालती है। सोने के लिए अगर आप शराब, नींद की गोलियों या अन्य दवाईयों का इस्तेमाल करते है तो बंद कर देना चाहिए। क्योंकि इससे भी खर्राटे आते है।

नियमित रूप से एक ही समय पर सोएं। सोते समय अपने शरीर को पूर्ण आराम दें तथा सोते समय ध्यान रखें कि किसी भी अंग पर जोर न पड़ें।

जिस तरह से बॉडी की एक्सरसाइज करने से सारी मांसपेशियां मजबूत होती है। उसी तरह खर्राटों को कम करने के लिए गले की मांसपेशियों की एक्सरसाइज होती है।

नमक की अधिकता शरीर में ऐसे तरल पदार्थ का निर्माण करता है जिससे नाके के छिद्र में बाधा उत्पन्न होती है और खर्राटे आने लगते है। शोधकर्ता प्रोफेसर जिम हॉर्न के अनुसार, डाइट से नमक कम करके गले की भीतरी सूजन को कम करने में मदद मिलती है जिससे खर्राटे को रोकना आसान हो जाता है।

अगर आपको खर्राटे की समस्या है तो आपको सोते समय सिर को थोड़ा ऊंचा करके सोना चाहिए। ऐसा करने से खर्राटे की समस्या से बचा जा सकता है।

सोते समय अपने शरीर को पूर्ण आराम दें तथा सोते समय ध्यान रखें कि किसी भी अंग पर जोर न पड़ें।

रात को सोने से पहले ज्यादा भोजन करने से भी खर्राटे की समस्या होती है। अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो सोने से पहले हल्का और कम भोजन करें, साथ ही साथ ही अधिक देर तक जागने से भी बचे।
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