बच्चों की सुरक्षा

एक नन्‍हें बालक के आने पर माता-पिता खुशी से झुमने लगते हैं, लेकिन इसके साथ ही उनको घर पर ज्‍यादा ध्‍यान देने की जरूरत होती है। छोटे बच्‍चों में उत्‍सुकता स्‍वाभाविक रूप से होती है और माता पिता को इन गुप्‍त खतरों के लिए घर और बाहर का आकलन करने की आवश्‍यकता होती है। इससे पहले की बच्‍चों की उत्‍सुकता आपदा हमलों का कारण बने उन्‍हें इंतजार करने की बजाय सुरक्षा के कदम उठाने चाहिए। कंसलटेंट पेडिएट्रिशन डॉक्‍टर सुमाना राव के अनुसार, पालना बच्‍चों को सुरक्षा प्रदान करने और दुर्घटनाओं को रोकने का सबसे अच्‍छा तरीका है।
बच्चे के लिए विशेष रूप से डिजाइन कार सीट का प्रयोग

कार में बेबी को कभी भी आगे की सीट पर नहीं बैठना चाहिए, क्योंकि यह दुर्घटना के समय खतरनाक जगह साबित हो सकती है। इस‍के लिए बच्‍चों के लिए विशेष रूप से डिजाइन कार होनी चाहिए जिससे कार सीट पर बच्‍चा आराम से बैठ सकें और इस तरह की कार सीट बच्‍चों को सड़क पर सुरक्षा प्रदान करती है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि यात्रा के दौरान कोई भी व्‍यस्‍क उस पर हर समय नजर रख सकें।
घर को सुरक्षित बनाना

फॉल्स घर में दुर्घटनाओं का सबसे आम कारण होता हैं। बच्चे जब क्रॉलिंग करना शुरू करते है तो माता-पिता को चाहिए कि ध्‍यान रखें कि वह क्रॉलिंग करते समय एक सीमा एक अन्‍दर ही रहें इसके लिए कमरे के बाहर सुरक्षा गेट लगा दें। अगर चेयर या टेबल के कॉर्नर शार्प हों तो उस पर नरम पैड्स, कुशन आदि रखें और अगर हो सके तो राउंडेड और स्मूद कॉर्नर वाले टेबल ही खरीदें।
नुकीली चीजों को पहुंच से दूर रखें

बच्‍चे बहुत ही नाजुक होते हैं साथ ही उनके दिमाग में नई-नई शरारत भी पल-पल घुमती रहती हैं। इसलिए माता-पिता को यह ध्यान रखना चाहिए कि घर में बच्चों को नुकीली चीजों से दूर रखें। इसके लिए जरूरी है कि ऐसी चीजों को बच्चों की पहुंच से दूर रखें जो उनके लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं।
पर्दे बिना डोरियों के ही चुनें

अपने घर के पर्दे बिना डोरियों के ही चुनें। क्‍योंकि कई बार बच्‍चे इनको खींचकर उनसे खेलने लगते हैं। जो कई बार खतरे को कारण बन सकता है। इसमें बच्चे की गर्दन फंस सकती हैं। लेकिन अगर आप इस तरह के चुनते भी है तो डोरियों को बच्‍चों की पहुंच से दूर ऊपर बॉधें।
बिजली के सॉकेट कभी भी खुले न छोड़ें

कई बार बच्‍चे बिजली के सॉकेट में अपनी नन्‍हीं सी उंगली डाल देते है जिससे उन्‍हें बिजली को करंट लगने का खतरा होता है। इसलिए ध्‍यान रखें कि बिजली के सॉकेट या तो उनकी पहुंच से बाहर लगवाएं या फिर सॉकेट कभी भी खुले न छोड़ें। इसके अलावा कई बार छोटे बच्चे बिजली के चलते उपकरण उठाकर खुद को नुकसान पहुंचा लेते हैं इसलिए घर में बिजली के उपकरण चलती हालत में न छोड़ें।
बालकनी पर्याप्त ऊंची हो

कोशिश करें कि छोटे बच्‍चों को थोड़ी देर के लिए भी घर में कभी अकेले न छोड़ें। लेकिन किसी कारणवश अगर छोड़ना भी पड़ें तो यह ध्यान रखना चाहिए कि घर की बालकनी पर्याप्त ऊंची हो और वहां पर बच्चों के चढ़ने के लिए कोई सामान न हो। कोशिश करें कि बालकनी को ताला लगाकर ही जाएं।
चीजें बच्चों की पहुंच से बाहर रखें

फिनायल, दवाइयां, साबुन आदि भी बच्चों की पहुंच से दूर रखने चाहिए क्योंकि ऐसी चीजें बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। इसके अलावा ये भी सुनिश्चित कर लें की फ्लोर, टेबल, कैबिनेट आदि में कोई छोटी चीज जैसे- सिक्के, रिंग्स, ड्रॉइंग पिन आदि न रखें क्योंकि बच्चे इसे मुंह में डाल सकते हैं।
गर्म चीजों को बच्चों से दूर रखें

बच्‍चे को गोद में लेकर कभी भी माचिस न जलाएं, सिगरेट न पीये और न ही उनके पास जलती हुई सिगरेट छोड़ें। इसके अलावा उनके आस-पास कोई गर्म चीज नहीं रखनी चाहिए क्‍योंकि बच्‍चा इसे छूकर जल सकता हैं।
बाथटब में अकेला न छोड़ें

पेरेंट्स को कभी भी अपने बच्‍चे को बाथटब में अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। क्‍योंकि छोटे बच्‍चों को पानी में छोड़ना या पानी की भरी हुई बाल्‍टी उनके पास रखना खतरनाक हो सकता है। अगर आपको किसी काम से जाना भी पड़ें तो बच्‍चे को तौलिये में लपेटकर साथ ही ले जाएं।