इन हीलिंग हर्ब्‍स का रोज किया जा सकता है इस्‍तेमाल

अदरक मॉर्निंग सिकनेस से छुटकारा दिलाने, तेजपात गले में खराश दूर करने और हिबिस्कुस की चाय रक्तचाप को कम करने में मदद करती है। आइए ऐसे ही रोजमर्रा में इस्‍तेमाल होने वाली कुछ जड़ी-बूटियों और उनके उपयोग के बारे में जानकारी लेते हैं।

Pooja Sinha
Written by:Pooja SinhaPublished at: Aug 21, 2014

हीलिंग हर्ब्‍स

हीलिंग हर्ब्‍स
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कई बार दवा की तुलना में हर्बल उपचार को उपयोग करना बेहतर हो सकता है। कभी-कभी जड़ी बूटी एक सुरक्षित विकल्‍प प्रदान करती है। उदाहरण के लिए, सदियों से कैमोमाइल फूल का इस्‍तेमाल जवान और बूढ़े सभी सौम्य शांतिदायक के रूप में  करते हैं। मिशिगन यूनिवर्सिटी द्वारा प्रायोजित एक अध्ययन के अनुसार, कैमोमाइल एक्सट्रेक्ट का इस्‍तेमाल अनिद्रा के बनने वाली दवाओं में किया जाता है। क्‍लीनिकल ​​अध्ययन से पता चला है कि अदरक मॉर्निंग सिकनेस से छुटकारा दिलाने, तेजपात गले में खराश दूर करने और हिबिस्कुस की चाय रक्तचाप को कम करने में मदद करती है। image courtesy : getty images

हीलिंग हर्ब्‍स के फायदे

हीलिंग हर्ब्‍स के फायदे
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यह माना जाता है कि मामूली स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं के उपचार के लिए यह बेहतर होती है। यहां पर रोजमर्रा में इस्‍तेमाल होने वाली जड़ी-बूटियों और उनके उपयोग के बारे में जानकारी दी गई हैं। वैसे तो सभी सुरक्षित और प्रभावी है लेकिन किसी भी जड़ी बूटी को लेने से पहले अपने डॉक्‍टर से सलाह ले लें। image courtesy : getty images

अश्वगंधा

अश्वगंधा
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अश्वगंधा का इस्‍तेमाल कायाकल्‍प टॉनिक, एंटी इंफ्लेमेटरी, चिंता कम करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसकी खुराक बनाने के लिए आपको एक चम्‍मच सूखे अश्वगंधा की जड़ को एक कप पानी या दूध में 10 मिनट के लिए उबालें। इसका सेवन प्रतिदिन 1 या 2 बार करें। इसका प्रतिदिन 500 मिलीग्राम 2 या 3 बार लें। लेकिन ध्‍यान रखें कि इसके ज्‍यादा इस्‍तेमाल से थायराइड हार्मोंन के उत्तेजित होने की संभावना बहुत अधिक होती है। image courtesy : getty images

ब्‍लैक कोष

ब्‍लैक कोष
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यह मासिक धर्म की ऐंठन और गठिया के दर्द से छुटकारा दिलाता है। आमतौर पर रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसकी खुराक प्रतिदिन 1-2 मिलीलीटर 3 बार लें। और एक्सट्रेक्ट निकालने पर 20-80 मिलीग्राम प्रतिदिन 2 बार लें। लेकिन ध्‍यान रहें कि बहुत दुर्लभ मामलों में इसके इस्‍तेमाल से लीवर को नुकसान हो सकता है। साथ ही इसे किसी सम्‍मानित सप्‍लायर से ही खरीदें। image courtesy : getty images

कैलेंडुला

कैलेंडुला
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लंबे समय से कैलेंडुला का उपयोग मुंह, गले और पेट की सूजन दूर करने के लिए किया जाता है; साथ ही यह चकत्ते और जलन को राहत देने के लिए और घावों को ठीक करने के लिए एक सामयिक क्रीम या मरहम के रूप में लोकप्रिय है। इसकी चाय को बनाने के लिए इसकी 2 चम्‍मच पंखुड़ियों को 1 कप उबलते पानी डालकर 10 मिनट उबलने दें। इसका इस्‍तेमाल जरूरत पड़ने पर माउथवॉश, कुल्ला, या चाय की जरूरत के रूप में प्रयोग करें। और मरहम को प्रतिदिन त्‍वचा पर 2 से 3 बार लगाये। image courtesy : getty images

कटनीप

कटनीप
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कटनीप का इस्‍तेमाल पेट की खराबी को दूर करने और चिंता और तनाव को दूर करने के लिए किया जाता है। इसकी खुराक बनाने के लिए एक कप उबलते पानी में 4 या 5 चम्‍मच सूखी पत्तियों की डालकर पांच मिनट के लिए उबालें। फिर इसमें स्‍वादानुसार मीठा मिलो। इसे प्रतिदिन 1 या 2 बार सेवन करें।  image courtesy : getty images

क्रैनबेरी

क्रैनबेरी
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मूत्राशय के संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए यह अच्‍छी तरह से स्‍थापित उपचार है। यह भी क्रोनिक प्रोस्टटिटिस के लिए फायदेमंद होता है। इसकी खुराक आप जूस और कैप्‍सूल के रूप में ले सकते हैं। जूस के रूप में इसका ½-¾ कप दिन में दो बार पीना चाहिए और एक्सट्रेक्ट 300-500 मिलीग्राम प्रतिदिन 2 बार लें।  image courtesy : getty images

एचिनासा

एचिनासा
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एचिनासा में एंटी-वायरल और प्रतिरक्षा को बढ़ाने वाले गुण होते हैं। इसके अलावा यह सर्दी और ऊपरी श्वसन संक्रमण से राहत के लिए लोकप्रिय है। इसकी खुराक बनाने के लिए आप एक चम्‍मच सूखी और कटी जड़ को एक कप पानी में मिलाकर दस मिनट के लिए उबालें। इसे प्रतिदिन 1-3 कप लें। सर्दी के लक्षणों की शुरूआत में इसका मिश्रण प्रतिदिन 5 मिलीलीटर 3-6 बार लें।  image courtesy : getty images

एल्डरबेर्री

एल्डरबेर्री
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सदियों से सर्दी और बुखार के लिए एल्‍डरबेर्री का इस्‍तेमाल किया जाता है। फलों से निकला एक्सट्रेक्ट विशेष रूप से फ्लू के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। इसकी खुराक बनाने के लिए एक कप उबलते पानी में 1-2 चम्‍मच फूलों को मिलाकर 10 मिनट के लिए उबालें। इसे गर्म ही दिन में 2-3 बार लें। image courtesy : getty images

लहसुन

लहसुन
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लहसुन एक शक्तिशाली रोगाणुरोधी है इसका इस्‍तेमाल अक्‍सर जुकाम, साइनस और डायरिया की समस्‍या को दूर करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसमें एंटी-बैक्‍टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-ऑक्‍सीडेंट के रूप में जाना जाता है। अध्‍ययन के अनुसार, नियमित इसके उपयोग से रक्तचाप को कम करने में मदद मिलती है। इसकी 1-2 कली को आप खुराक के रूप में ले सकते हैं।  image courtesy : getty images

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