11 कारण कि आपके दोस्त नहीं हैं
दोस्त वो आसरा होते हैं, जिन पर आपकी जिंदगी काफी हद तक टिकी होती है। दोस्त वह कंधा होते हैं, जिस पर सिर रखकर आप रो सकते हैं। दोस्त वह नगमा होते हैं, जिसे आप तन्हाई में गुनगुना सकते हैं। दोस्त वह बारिश होते हैं जो रेगिस्तान में फूल खिला सकते हैं।

कहते हैं कि यदि उम्र के आखिरी पड़ाव पर आपके पास पांच अच्छे दोस्त हैं, तो समझ जाइये कि आपका जीवन शानदार रहा है। लेकिन, आपके जीवन में अगर दोस्तों की कमी है, तो इसके कुछ संभावित कारण हो सकते हैं। आपकी कुछ ऐसी आदतें हो सकती हैं, जिनके कारण आप इस खूबसूरत रिश्ते से महरूम हैं।

आपको हर बात से शिकायत रहती है। अपने काम से, पैसे की कमी से, जिंदगी की खामियों से, तथा बाकी लोगों से। तो, आप खुद ही अपने दोस्तों को खुद से दूर कर रहे हैं। ऐसे व्यक्ति के साथ कोई भी वक्त बिताना नहीं चाहता, जिसे हर बार, हर बात से शिकायत हो। शिकायतें बहुत जल्दी बोर करने लगती हैं। खुद को सकारात्मक बनाने के प्रयास करें। अपने दोस्तों और साथियों से कुछ रोचक या रोमांचक बातों पर चर्चा करें, बजाय कि हर बात से शिकायत करने के।

यदि आप हर बार अपने नये रिलेशनशिप की शुरुआत के साथ ही दोस्तों को भूल जाते हैं, तो याद रखिये उनके पास भी आपकी ब्रेकअप स्टोरी सुनने का टाइम नहीं होगा। इसके स्थान पर वे भी आपके बिना अपना जीवन व्यतीत करने के आदी बन जाएंगे। दोस्ती और प्यार के बीच समय का सही संतुलन बनाना बेहद जरूरी है।

इस बात पर विचार कीजिए कि कहीं, आपका स्वार्थी रवैया तो आपकी दोस्ती के आड़े नहीं आ रहा है। दोस्ती में मदद करते समय अकसर अपने हितों को अनदेखा करना पड़ता है। लेकिन, आप अगर केवल अपनी पसंद करना चाहते हैं, हर बार अपनी मर्जी से रहना चाहते हैं, तो इस बात की उम्मीद बेहद कम है कि आपके दोस्त इस रवैये को ज्यादा लंबे वक्त तक बर्दाश्त करें।

यदि आप अपने दोस्तों की जिंदगी से पूरी तरह बेपरवाह हैं, तो शायद आपके दोस्त आपके साथ न रहना चाहें। अच्छे रिश्ते के लिए जरूरी है कि आप अपने दोस्तों की लाइफ के बारे में जानें। यह समझने की कोशिश करें कि आखिर उनकी जिंदगी में क्या चल रहा है। यदि आप दोस्तों की भावनाओं की कद्र नहीं करेंगे, तो जाहिर सी बात है वह आपके साथ क्यों रहना चाहेंगे। दोस्तों की जरूरत आखिर होती किसलिए है फिर।

यदि आप मुश्किलें पैदा करते हैं। या आपको ड्रामेबाजी करना बेहद पसंद है, तो आपके दोस्त आपसे दूरी बना सकते हैं। यदि आप अपनी गलती की सजा दूसरों पर थोपते हैं, आप दोस्तों के राज़ नहीं छुपा सकते और जानबूझ कर लोगों को परेशान करते हैं, तो लोग आपका दोस्त बनने से कतराएंगे और शायद आपके दोस्त भी अपने रिश्तों को लेकर दोबारा सोच सकते हैं।

दोस्ती में हिसाब-किताब की कोई जगह नहीं होती। अगर आप इस बात का हिसाब रखते हैं कि डिनर पर ले जाने का नंबर किसका है या अब दूसरे का नंबर है कि वह आपको फोन करे, तो शायद आप अपने दोस्तों को खुद से दूर कर रहे हैं। रिश्ते में हमेशा देने के लिए तैयार रहें। हर चीज का हिसाब रखना सही नहीं।

आपके दोस्त ने नई कार खरीदी और आपको जलन होने लगी, आपके दोस्त की तरक्की हुई और आपको बुरा लगने लगा या फिर आपके दोस्त की जिंदगी में नयी खुशी आई और आप गमगीन हो गए। तो इससे समस्याओं में इजाफा ही होगा। अपने दोस्तों की खुशी और कामयाबी का आनंद उठाना चाहिए। आपको भी इन सब बातों से खुशी होनी चाहिए। आखिर आपमें और आपके दोस्तों में क्या फर्क है। अगर आप हमेशा जलन महसूस करते हैं, तो भले ही आप लाख छुपा लें, आपके बर्ताव का यह हिस्सा सामने आ ही जाएगा।

यदि आप उम्मीद रखते हैं कि आपके दोस्त हमेशा आपके लिए तैयार रहें, वे हमेशा आपकी जरूरतों को पूरा करते रहें, तो आपके हाथ निराशा ही लगने वाली है। आपके दोस्त कभी-कभी आपकी इन उम्मीदों को पूरा करने में असफल भी हो सकते हैं। इसका मतलब यह नहीं कि वे अच्छे लोग नहीं है और आप अब दोस्त नहीं रह सकते। जब आपको बुरा लगे, तो माफ करने की आदत डालें। सोचिये कि आखिर आप कितनी बार अपने दोस्तों की उम्मीदों को पूरा करने में नाकाम रहे हैं।

अगर आप लगातार, बिना रुके गॉसिप करते हैं, तो लोगों को लग सकता है कि आप उनकी पीठ पीछे भी बात करते होंगे। लोगों के बारे में नकारात्मक बातें न करें, और न ही किसी के बारे में बेबुनियाद अफवाहें फैलायें। इसके स्थान पर आपका बर्ताव ऐसा होना चाहिए कि लोगों को लगे कि आप लोगों की निजता का सम्मान करते हैं और लोग आप पर विश्वास कर अपने दिल की बात बता सकते हैं।

कुछ लोगों के लिए 'दादागिरी' स्कूल में ही खत्म नहीं होती। अगर आप अपने दोस्तों पर रुबाब दिखाने और लगातार अपनी मांग मनवाने में लगे रहते हैं, तो आपको कोई भी पसंद नहीं करेगा। ठीक है दोस्ती में मस्ती-मजाक किया जाता है, लेकिन लगातार ऐसा करना सही नहीं। किसी भी स्वस्थ रिश्ते के लिए लोगों का सम्मान करना बहुत जरूरी है।

यह भी एक संभावित कारण हो सकता है कि लोग आपसे बात करने में कतराते हैं। हो सकता है कि शायद आपको ऐसे लोग ही न मिले हों, जिनसे आप खुलकर बात कर सकें। या जिनकी कंपनी में आप इंजॉय कर सकें। अगर ऐसी बात है, तो ऐसे लोगों से मिलने की कोशिश करें जिनसे आपकी पसंद मेल खाती हो। बिना शुबा आप किसी अनजान से भी बात कर सकते हैं। क्या पता कि वह आपका सबसे अच्छा दोस्त बन जाए।
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