डीहाइड्रेशन क्या है

डीहाइड्रेशन तब होता है, जब लिए गए पानी की मात्रा शरीर में से निकल रहे पानी से कम होती है। हमारे शरीर से वैसे भी पानी किसी न किसी तरह से बाहर निकलता रहता है, जब हम सांस लेते हैं और नमीदार हवा शरीर से बाहर चली जाती है, पेशाब व पसीने के जरिए भी शरीर से पानी बाहर निकलता है।
थकान

पानी से शरीर को ऊर्जा मिलती है। डीहाइड्रेशन के कारण एंजाइम पर असर होता है जिससे शरीर की सभी प्रक्रियाओं पर काफी असर पड़ता है। पानी की कमी होने के कारण लोग थकान और सुस्ती महसूस करने लगते हैं। शरीर में ऊर्जा ना होने पर आप शारीरिक रुप से सक्रिय नहीं हो पाते हैं।
अस्थमा

जब शरीर में पानी की कमी होती है तो श्वसन प्रणाली में समस्या पैदा होती है जिसकी वजह से सांस लेने में भी परेशानी होती है। अगर किसी को अचानक अस्थमा का अटैक आया हो या फिर अक्सर उसे अटैक आता हो तो उस वक्त मरीज को पानी ज्यादा पीना चाहिए। पानी के साथ-साथ जूस, नारियल पानी, लस्सी आदि की भरपूर पीएं, क्योंकि लगातार तेज-तेज सांस लेने से पानी की कमी हो जाती है।
रक्तचाप

गर्मियों में अक्सर पसीना बहने से शरीर में रक्त में मौजूद पानी की मात्रा में कमी आ सकती है। ऐसे में सबसे महत्वपूर्ण सलाह यही दी जाती है कि काफी मात्रा में पानी का सेवन किया जाए। उच्च रक्तचाप के मरीजों को थोड़ी-थोड़ी देर पर पानी पीते रहना चाहिए। जब शरीर से पानी निकलता है तो रक्तचाप गिर सकता है।
उच्च कोलेस्ट्रोल

उच्च कोलेस्ट्रोल एक गंभीर समस्या है जो कि हृदय के लिए काफी घातक साबित होती है। जब जरूरत के हिसाब से पानी नहीं मिलता है तो शरीर ज्यादा मात्रा में कोलेस्ट्रोल का निर्माण करने लगता है। अगर शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी मिलता रहता है तो कोलेस्ट्रोल की समस्या पैदा नहीं होती है।
त्वचा संबंधी समस्या

पानी से त्वचा की अच्छी देखभाल होती है। त्वचा शरीर के लिए सुरक्षा कवच की तरह काम करती है। वह पानी के स्तर को भी नियंत्रित करती है। जल का सेवन करने से त्वचा भी कोमल बनी रहती है। पानी की कमी होने पर त्वचा रुखी और निस्तेज होने लगती है। डीहाइड्रेशन होने पर कई तरह की त्वचा संबंधी समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है जैसे डर्मटाइटिस,सराइअसिस और त्वचा का बदरंग होना आदि।
पाचन संबंधी समस्या

पर्याप्त पानी ना मिलने पर शरीर में कैल्शियम और मैग्निशयम की कमी होती है जिसकी वजह शरीर में पाचन संबंधी कई समस्याएं होती हैं जैसे अल्सर, गैस और एसिड रिफल्कस आदि। खाने को पचाने के लिए पानी पीना बहुत महत्वपूर्ण है।
वजन बढ़ना

भोजन से प्राप्त कैलोरीज को जलाने में पानी की भी अहम भूमिका होती है। इसकी मात्रा में कमी आने पर कैलोरीज को जलाने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता और वसा के कम ही अणु नष्ट हो पाते हैं जिसकी वजह से वजन बढ़ने की समस्या होती है।
मानसिक स्वास्थ्य पर असर

डीहाइड्रेशन आपके दिमाग की कार्य कुशलता को भी प्रभावित कर सकता है। लंदन में मनोचिकित्सा संस्थान के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि शरीर से जब पानी की कमी हो जाती है तो उनके दिमागी गतिविधि पर इसका काफी असर होता है।
डायबिटीज

मधुमेह पीडितों में बढ़ा हुआ ब्लड शुगर का स्तर शुगर को पेशाब के रूप में बाहर निकालता है। इसके अधिक होने से कमजोरी भी महसूस होती है और शरीर में पानी की कमी हो जाती है। वैसे भी मधुमेह पीड़ित लोगों को प्यास भी अधिक लगती है।