10 अकारण फोबिया, हो सकता है आप भी हों इनसे पीड़ित
फोबिया वस्तुओं या स्थितियों के प्रति तर्कहीन डर हैं। वे किसी में भी चिंता पैदा कर सकता है। फोबिया के लक्षण में वृद्धि होने पर व्यक्ति की हृदय गति बढ़ना, कांपना, ठंड लगना, सांस की तकलीफ और पसीना आदि आना शामिल हैं। आइए फोबिया कुछ अकारण फोबिया के बारे

अकारण फोबिया
अकारण फोबिया एक प्रकार का डर है जिसमें व्यक्ति के मन में बिना कारण किसी भी खास वस्तु, कार्य एवं परिस्थिति को लेकर भय उत्पन्न हो जाता है। फोबिया में डर की सोच भी व्यक्ति को इतना डरा देती है कि उसकी मानसिक व शारीरिक क्षमताओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अकारण फोबिया में व्यक्ति का डर वास्तविक या काल्पनिक दोनों हो सकते हैं। आइए जानें ऐसे अकारण फोबिया के बारे में जिनसे हो सकता है कि आप भी पीड़ित हो।

नोक्टोफोबिया
कई लोगों को अंधेरे से बहुत डर लगता है। इसी डर को नोक्टोफोबिया कहते है। यह बात कई अध्ययनों से भी साबित हुई है कि नोक्टोफोबिया (रात या अंधेरे से डर) हमारी सोच से भी ज्यादा अधिक से अधिक वयस्कों को प्रभावित करता है।

एक्वाफोबिया
एक्वाफोबिया दुनिया का सबसे आम फोबिया है। इसमें व्यक्ति को पानी से डर लगता है। पानी में जाने से उन्हें चक्कर आने लगते हैं। अगर आप गहरे पानी के बारे में सोचेगें तो वास्तव में आपका डर काफी उचित है।

मोनोफोबिया
इस तरह के फोबिया में अकेलेपन से डर लगता है। ऐसे लोग अकेले कहीं जा नहीं सकते, अकेले रह नहीं सकते। उन्हें लगता हैं कि वह किसी भी परिस्थिति का सामना नहीं कर पायेगें। ऐसे लोगों का आत्मविश्वास न के बराबर होता है। ऐसे लोग अकेले बाहर न जा पाने के कारण खुद को घर में ही कैद कर लेते हैं।

सोशल फोबिया
आमतौर पर इस फोबिया के शिकार स्कूल और कॉलेज जाने वाले युवा होते हैं। सोशल फोबिया के शिकार लोग किसी भी सार्वजनिक स्थान पर जाने से, वहां बोलने से, वहां खाने से भी डरते हैं। सोशल फोबिया में व्यक्ति उन चीजों से प्रभावित हो जाता है, जिनमें दूसरों लोगों की भागीदारी होती है। ऐसा व्यक्ति सार्वजनिक रूप से किसी भी तरह की परफोर्मेस या बोलने से डरता है।

एग्रोफोबिया
एग्रोफोबिया विचित्र प्रकार का डर है। इसमें व्यक्ति बिना किसी कारण के ही डरता रहता है। यह डर किसी चीज, व्यक्ति, जानवर या परिस्थिति से जुड़ा हुआ न होकर खुद के प्रति ही होता है। एग्रोफोबिया के होने पर किसी खुली सार्वजनिक जगह जैसे बाजार या गली में अकेले जा पाना मुश्किल हो जाता है। बाहर निकलते ही अजीब सी बेचैनी और घुटन होने लगती है। रॉकलैंड हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ़ सुदर्शन के अनुसार, एग्रोफोबिया एक तरह का फोबिक डिसऑर्डर है, इसके होने पर कई अन्य परेशानियां भी होती है।

सिंपल फोबिया
सिंपल फोबिया में सामान्य स्थिति से भी व्यक्ति को डर लगने लगता है। सामान्य स्थिति से डर में व्यक्ति को बंद जगहों, अंधेरे, अजनबी लोगों, जीव-जन्तु और ऊंचाई जैसी चीजों के प्रति भय बैठ जाता है।

एविओफोबिया
एविओफोबिया उड़ान या हवाई यात्रा का डर होता है। इसमें व्यक्ति रिक्त स्थान में बंद के डर के कारण डर और घबराहट महसूस करने लगता है। यह डर उड़ान, विमान के केबिन, ऊंचाई या पिछले अनुभव के रूप में हो सकता है।

क्लौस्ट्रफ़ोबिया
संलग्न या सीमित स्थान के डर को क्लौस्ट्रफ़ोबिया कहा जाता है। ऐसे में लिफ्ट, ट्रेन या विमान में होने की स्थितियों में या आतंकी हमले होने का डर सामान्य उदाहरण हैं। इस डर के साथ व्यक्ति बंद रिक्त स्थानों में सांस लेने में मुश्किल अनुभव कर सकता है।

ऐक्रोफोबिया
ऐक्रोफोबिया में व्यक्ति को ऊंचाइयों से भय होता है। इसमें व्यक्ति को ऊंचाई से नीचे देखने पर चक्कर आने लगते हैं। ऊंचाई से डर में व्यक्ति का दिल तेजी से धड़कने लगता है। इसके साथ ही उसे मतली और आतंक के हमलों का डर भी होता है।

क्लिमाकोफोबिया
कुछ लोगों को ऊपर चढ़ने पर अजीब सा डर लगता है। इसे क्लिमाकोफोबिया के नाम से जाना जाता है। वे लिफ्ट के लिए इमारत की जांच करते हैं यहां तक की नीचे आने के लिए भी ऐसा करते हैं। सीढ़ियों से नीचे आने पर उन्हें चक्कर आने लगत हैं। वे सिर्फ सीढ़ी को देखकर ही बेहोश हो जाते है।
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