हार्ट अटैक के अलावा इन 10 कारणों से भी हो सकता है सीने में तेज दर्द, घबराएं नहीं जानें लक्षण

फिल्मों और टीवी सीरियल्स में अक्सर दिखाया जाता है कि सीने में उठने वाला तेज दर्द हार्ट अटैक का कारण होता है। इसे देखकर ही बहुत से लोग यह मानते हैं कि अगर किसी व्यक्ति के सीने में दर्द हो रहा है, तो वो हार्ट अटैक ही होगा, मगर ऐसा नहीं है।

Anurag Anubhav
Written by:Anurag AnubhavPublished at: May 02, 2018

सीने में दर्द के हो सकते हैं कई कारण

सीने में दर्द के हो सकते हैं कई कारण
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फिल्मों और टीवी सीरियल्स में अक्सर दिखाया जाता है कि सीने में उठने वाला तेज दर्द हार्ट अटैक का कारण होता है। इसे देखकर ही बहुत से लोग यह मानते हैं कि अगर किसी व्यक्ति के सीने में दर्द हो रहा है, तो वो हार्ट अटैक ही होगा, मगर ऐसा नहीं है। सीने में हार्ट यानी हृदय के अलावा भी कई अंग हैं जैसे- फेफड़े, आहार नली आदि। इसलिए जरूरी नहीं है कि सीने में उठने वाला दर्द हमेशा हार्ट अटैक ही हो। कई बार ये दूसरी किसी बीमारी का भी संकेत हो सकता है। आइए आपको बताते हैं ऐसी 10 बीमारियां, जिनमें सीने में तेज दर्द हो सकता है।

मायोकार्डियल इन्फर्कशन (हार्ट अटैक)

मायोकार्डियल इन्फर्कशन (हार्ट अटैक)
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दिल की रक्त वाहिकाओं के माध्यम से रक्त के प्रवाह में कमी हृदय की मांसपेशी कोशिकाओं को मार देती है। हालांकि एनजाइना के सीने के दर्द के समान हो ने वाला ये दर्द दिल के दौरे में आमतौर पर अधिक गंभीर हो जाता है। इसमें आराम करने से भी राहत नहीं मिलती। इसमे होने वाले दर्द के साथ पसीना, मतली, या गंभीर कमजोरी हो सकते हैं।

मायोकार्डिटिस

मायोकार्डिटिस
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सीने में दर्द के अलावा मायोकार्डिटिस (हृदय की मांसपेशियों में सूजन) बुखार, थकान, और सांस लेने में कठिनाई पैदा कर सकती है। हालांकि इसमें रक्त वाहिकाओं में कोई रुकावट नहीं होती है, फिर भी मायोकार्डिटिस के लक्षण दिल का दौरा पड़ने के समान लग सकते हैं।

पेरिकार्डिटिस

पेरिकार्डिटिस
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पेरिकार्डिटिस दिल के आसपास थैली की सूजन या संक्रमण होता है। इसका दर्द एनजाइना के कारण छाती में होने वाले दर्द के समान ही हो सकता है। हालांकि यह अक्सर ऊपरी गर्दन और कंधे की मांसपेशी में तेज व स्थिर दर्द का कारण बनता है। कभी - कभी सांस लेने, भोजन निगलने या पीठ के बल लेटने पेरिकार्डिटिस के कारण होने वाला चैस्ट पेन असहनीय हो जाता है।

हाइपरट्रोफिक कार्डियोमायोपैथी

हाइपरट्रोफिक कार्डियोमायोपैथी
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हार्ट फेल्योर हृदय की मांसपेशी के और ज़्यादा मोटा हो जाने पर होता है। इसके कारण हृदय का रक्त पंप करना कठिन हो जाता है। सीने में दर्द के साथ-साथ कार्डियोमायोपैथी के इस प्रकार से चक्कर आना, कमज़ोरी, सांस की तकलीफ तथा कुछ अन्य लक्षण होते हैं।

मिट्रल वॉल्व प्रोलैप्स

मिट्रल वॉल्व प्रोलैप्स
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मिट्रल वॉल्व प्रोलैप्स एक ऐसी स्थिति है जिसमें दिल में मोजूद एक वॉल्व ठीक से बंद नहीं हो पाता। इस स्थिति में कई प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे सीने में दर्द, घबराहट, और चक्कर आना आदि। हलांकि ऐसा भी हो सकता है कि इसके कोई लक्षण दिखाई न दें। खासकर अगर वॉल्व प्रोलैप्स हल्का हो।

कोरोनरी धमनी विच्छेदन (कोरोनरी आर्टरी डिसेक्शन)

कोरोनरी धमनी विच्छेदन (कोरोनरी आर्टरी डिसेक्शन)
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जब कोरोनरी धमनी में कोई छेद या खरोंच पैदा हो जाती है तो इसे कोरोनरी आर्टरी डिसेक्शन कहते हैं। यह दुर्लभ हालत कई प्रकार के कारकों के कारण पैदा हो सकते हैं। यह अचानक सनसनी के साथ गंभीर दर्द का कारण बन सकता है जो कि गर्दन, पीठ या पेट तक चला जाता है।

छाती की अंदरूनी दिवारों में सूजन (प्ल्यूराइटिस)

 छाती की अंदरूनी दिवारों में सूजन (प्ल्यूराइटिस)
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छाती में दर्द छाती की अंदरूनी दिवारों में सूजन के कारण भी हो सकता है। दरअसल जब फेफ़डे की ऊपरी सतह पर स्थित झिल्ली में सूजन आ जाती है तो छाती की अंदरूनी दीवार की सूजी हुई सतह से सांस लेते वक्त हवा रगड़ खाने लगती है। जिस कारण असहनीय दर्द होता है। इस अवस्था को मेडिकल भाषा में प्ल्यूराइटिस कहते हैं। ज्यादातर प्ल्यूराइटिस का कारण टीबी का इंफेक्शन या निमोनिया होता है। ऐसे में जल्द किसी थोरेसिक सर्जन यानी चेस्ट सर्जन से परामर्श लेना चाहिए।

पेट के रोग

पेट के रोग
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पेट रोग होने की वजह से भी छाती में दर्द हो सकता है। पेट में अल्सर और गैस्टिक इस समस्या के कारण बन सकते हैं। जब पीत्त की थैली में गैस बनती है और वह छाती की तरफ जाती है तो छाती में दर्द होता है। यदि छाती में जलन हो और सोने पर दर्द बढ़ जाय तो यह पेट की समस्या के कारण होता है।

पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज

पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज
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दिल की धमनियों के दर्द को पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज (पीवीडी) कहाते हैं। हृदय से जुड़ने वाले शरीर के आंतरिक अंग और दिमाग़ को खून पहुंचाने वाली धमनियों में ख़ून का संचरण बाधित होने से छाती का दर्द होता है। केवल दिल में ही नहीं, शरीर के किसी भी हिस्से में धमनियां अवरुद्ध होने पर हृदयघात हो सकता है।

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