गठिया के घरेलू उपचार

गठिया के किसी भी रूप में जोड़ों में सूजन दिखाई देने लगती है। इस सूजन के चलते जोड़ों में दर्द, जकड़न और सूजन का एहसास होता है। रोग के बढ़ जाने पर तो चलने-फिरने या हिलने-डुलने में भी परेशानी होने लगती है। जानिए घर पर ही जोड़ों के दर्द को दूर करने के उपायों के बारे में-
अरंडी का तेल

अरंडी के जड़ का चूर्ण आधा या एक चम्मच लेने से गठिया के रोगियों में चमत्कारिक लाभ मिलता है। अगर जोड़ों का दर्द प्रारंभिक अवस्था में है तो अरंडी के तेल के मालिश भी अत्यंत प्रभावी होते है।
अश्वगंधा का चूर्ण

अश्वगंधा,शतावरी एवं आमलकी का चूर्ण को अच्छे से मिलकार सुबह-सुबह पानी के साथ लेने से जोड़ों का दर्द कम होता है और मजबूती आती है।
लहसुन का सेवन

लहसुन रक्त शुद्ध करने में सहायक है। गठिया रोग के कारण रक्त में यूरिक एसिड बहुत अधिक मात्रा में हो जाता है। लहसुन के रस के प्रभाव से युरिक एसिड गलकर तरल रूप में मूत्रमार्ग से बाहर निकल जाता है। लहसुन के रस को कपूर में मिला कर मालिश करने से भी दर्द से राहत मिलती है।
अदरक भगाए दर्द

जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों को हर रोज दो सौ ग्राम अदरक दो बार लेने से दर्द में बहुत राहत मिलती है। आप चाहें तो सब्जी, सूप या अन्य चीजों में मिलाकर भी अदरक का सेवन कर सकते हैं।
नींबू के रस का सेवन

जोड़ों पर नीबू के रस की मालिश करने से और रोजाना सुबह एक गिलास पानी में एक नीबू का रस निचोड़ कर पीते रहने से जोड़ों की सूजन दूर हो जाती है और दर्द नहीं रहता।
बथुए का रस

बथुआ के ताजा पत्‍तों का रस हर दिन 15 ग्राम पिएं। इसमें स्‍वाद के लिए कुछ भी न मिलाएं। खाली पेट पीने से ज्‍यादा लाभ होता है। तीन महीने पीने से दर्द से हमेशा के लिए निजात मिल जाती है।
एलोविरा जेल

ऐलोविरा जेल को तमाम रोगों को इलाज माना जाता है। जोड़ों में दर्द होने पर एलोविरा के पत्‍ते को काटकर उसके जेल को दर्द होने वाली जगह पर लगाएं। इससे दर्द में काफी राहत मिलेगी।
आलू का रस

आलू का रस गठिया का दर्द होने पर हर दिन खाना खाने से पहले से दो आलूओं का रस निकाल लें और पिएं। हर दिन कम से कम शरीर में 100 मिली. रस पीने से आराम मिलेगा।
हरी पत्तेदार सब्जी

जोड़ों के दर्द में हरी पत्‍तेदार सब्‍जी का सेवन करना काफी फायदेमंद माना जाता है। इसमे मौजूद विटामिन व मिनरल जोड़ों के दर्द को कम करता है साथ ही इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है और हडिडयां मजबूत होती हैं।