हल्दी के 10 बेहतरीन स्वास्थ्य लाभ
हल्दी न केवल एक मसाला है, बल्कि इसमें कई औषधीय गुण भी हैं। सौंदर्य प्रसाधनों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसके गुणों के बारे में अधिक जानिए इस स्लाइडशों में।

हल्दी न केवल एक मसाला है, बल्कि इसमें कई औषधीय गुण भी हैं। सौंदर्य प्रसाधनों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। त्वचा, पेट और आघात आदि से उबरने में हल्दी अत्यंत उपयोगी होती है।

लीवर की तकलीफों से निजात पाने के लिए हल्दी बेहद उपयोगी होती है। यह रक्त दोष दूर करती है। हल्दी नैसर्गिक तौर पर ऐसे एन्जाइम्स का उत्पादन बढ़ाती है जिससे लीवर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है।

दाग-धब्बे और झाइयां हटाने में हल्दी का कोई सानी नहीं। हल्दी और काले तिल को बराबर मात्रा में पीसकर पेस्ट बनाकर लगाने से त्वचा साफ और निखरी हो जाती है। हल्दी और दूध से बना पेस्ट भी त्वचा का रंग निखरने और चेहरे को खिला-खिला रखने के लिए बहुत असरदार होता हैं।

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करती है हल्दी। इससे शरीर कई बीमारियों से बचा रहता है। हल्दी में पाया जाने वाला लिपोपोलिसेकराईड तत्व हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर बीमारियों से हमारी रक्षा करता है। साथ ही इसमें एन्टी बैक्टीरियल, एंटी वायरल और एंटी फंगल गुण भी विशेष रूप से पाए जाते है।

अगर आप अनचाहे बालों से परेशान है तो हल्दी का प्रयोग करें। अनचाहे बालों को हटाने के लिए हल्दी पाउडर को गुनगुने नारियल तेल में मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को अनचाहे बालों पर लगाएं। इस उपाय से शरीर के अनचाहे बाल धीरे-धीरे हट जाते हैं और त्वचा कोमल हो जाती हैं।

हल्दी सनस्क्रीन लोशन की तरह काम करता है। अगर धूप के कारण आपकी त्वचा में टैनिंग हो गई है तो टैन से निजात पाने के लिए बादाम पेस्ट, हल्दी व दही मिला उसे त्वचा पर लगाकर छोड़ दें और फिर पानी से धो लें। इससे टैनिंग खत्म हो जाएगी। साथ ही त्वचा में निखार भी आएगा।

हल्दी में पाया जाने वाले करक्यूमिन नामक तत्व के कारण कैथेलिसाइडिन एंटी माइक्रोबियल पेप्टाइड (सीएएमपी) नामक प्रोटीन की मात्रा बढ़ती है। सीएएमपी प्रोटीन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। यह प्रोटीन बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में शरीर की मदद करता है।

मसाले के रूप में प्रयोग की जाने वाली हल्दी का सही मात्रा में प्रयोग पेट में जलन एवं अल्सर की समस्या को दूर करने में बहुत ही लाभकारी होता है। हल्दी का पीला रंग कुरकमिन नामक अवयव के कारण होता है और यही चिकित्सा में प्रभावी होता है। चिकित्सा क्षेत्र के मुताबिक कुरकमिन पेट की बीमारियों जैसे जलन एवं अल्सर में काफी प्रभावी रहा है।

दांतों की स्वस्थ और मसूड़ों को मजबूत बनाने के लिए हल्दी का प्रयोग करें। इसके लिए थोड़ी सी हल्दी, नमक और सरसों का तेल लेकर मिला लें। अब इस मिश्रण से दांतों और मसूड़ों में अच्छे से मसाज करें। इस उपाय से सूजन दूर होती है और दांत के कीड़े खत्म हो जाते हैं।

चोट लगने पर हल्दी बहुत फायदा करती है। मांसपेशियों में खिंचाव होने पर या अंदरूनी चोट लगने पर हल्दी मिला गर्म दूध पीने से दर्द और सूजन में तुरन्त राहत मिलती है। चोट पर हल्दी और पानी का लेप लगाने से भी आराम मिलता है।

खांसी में हल्दी की गांठ का इस्तेमाल करें। अगर एकदम से खांसी आने लगे तो हल्दी की एक छोटी सी गांठ मुंह में रख कर चूसें, इससे खांसी नहीं आएगी। खांसी के साथ कफ की समस्या होने पर एक गिलास गर्म दूध में एक-चौथाई चम्मच हल्दी मिलाकर पीना फायदेमंद है।
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