सेहतमंद आयुर्वेदिक दोहे

हमारी किचन में कई ऐसी हर्ब हमेशा मौजूद रहते है, जिनकी मदद से हम कई तरह की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को आसानी से दूर रह सकते हैं। इन आसान नुस्‍खों को लोगों ने दोहों के माध्‍यम से बताया है। इन दोहों में बीमारियों से बचने और हेल्दी रहने के उपाय बताए गये हैं। आइए ऐसे ही कुछ आयुर्वेदिक दोहों के बारे में जानते हैं जिनमे आसान घरेलू नुस्‍खे छिपे हैं। इन्हें आजमाकर आप हेल्थ से जुड़ी समस्‍याओं को दूर कर सकते हैं।
नीम की पत्तियां

नीम पत्र को पीसिये, गाढ़ा लेप लगाय। चर्म रोग सब दूर हो, तन कंचन बन जाय।। नीम के पत्‍तों को पीसकर और गाढ़ा लेप लगाने से त्‍वचा सबंधी रोग दूर होते हैं और आपकी त्‍वचा खिल उठती है।
हरड़-बहेड़ा, आंवला

हरड़-बहेड़ा, आंवला, घी सक्‍कर में खाए। हाथी दाबे कांख में, साठ कोस ले जाए।। इस दोहे का मतलब है कि हरड़, बहेड़ा, आंवले को घी और शक्‍कर में मिलाकर खाने से शरीर मजबूत होता है।
मिश्री कत्था

मिश्री कत्‍था तनिक सा, चूसें मुंह में डाल। मुंह में छाले हों अगर, दूर होंय तत्‍काल।। इस दोहे का अर्थ है कि मुंह में छाले को तुरंत दूर करने के लिए आप घर में मौजूद थोड़ी से मिश्री और कत्‍थे को मुंह में डालकर चूसें।
सुबह पानी पीना

प्रात काल खाट से उठके तुरंत पिए जो पानी। वा घर वैद्य कबहूं न जावे, बात खुसरो ने जानी।। इस आयुर्वेंदिक दोहे के अनुसार, सुबह उठने के साथ ही पानी पीने से कई प्रकारी की बीमारियों से बचाव होता है।
पुदीना और इलायची

पुदीना और इलायची, लीजै दो-दो ग्राम। खायें उसे उबाल कर, उल्‍टी से आराम।। अगर आप उल्‍टी की समस्‍या से परेशान हैं तो दो-दो ग्राम पुदीना और इलायची लेकर उसे पानी में उबालकर ठंडा करके पीने से उल्‍टी की समस्‍या दूर हो जाती है।
लौकी का रस और तुलसी

लौकी का रस पीजिए, चोकर युक्‍त पिसान। तुलसी, गुड़, सेंधा नमक, हृदय रोग निदान।। हृदय की समस्‍या में लौकी का रस, चोकर युक्‍त आटा, तुलसी, गुड़ और सेंधा नमक फायदा करता है।
आलू का रस और हल्दी

आलू का रस अरू शहद, हल्‍दी पीस लगाव। अल्‍प समय में ठीक हो, जलन फंफोले, घाव।। घाव होने पर आलू के रस में शहद और हल्‍दी मिलाकर बने पेस्‍ट को जलने से हुए घाव पर लगाने से यह जल्‍दी ठीक हो जाते हैं।
जामुन की गुठली

प्रात संध्‍या पीजिए, खाली पेट स्‍नेह। जामुन-गुठली पीसिये, नहीं रहे मधुमेह।। डायबिटीज की समस्‍या में जामुन की गुठली सुखाकर और पीसकर सुबह-शाम पीने से डायबिटीज में लाभ होता है।
मुलेठी

रोज मुलेठी चूसिए, कफ बाहर आ जाय। बने सुरीला कंठ भी, सबको लगत सुहाय।। मुलेठी गले के लिए बहुत अच्‍छी होती है। कफ की समस्‍या होने पर मुलेठी चूसने से आराम मिलता है। इससे कफ की समस्‍या दूर होने के साथ आवाज भी सुरीली होती है।