
महिला प्रेगनेंसी किट का प्रयोग करके घर पर ही गर्भावस्था का पता लगा सकती हैं। आइए हम आपको बताते हैं एचसीजी गर्भावस्था जांच किट क्या है और किस तरह से इसका प्रयोग किया जा सकता है।
ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रापिन (एचसीजी) गर्भावस्था टेस्ट किट का प्रयोग प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए किया जाता है। एचसीजी हार्मोन महिलाओं में आमतौर पर बनने वाला हार्मोन है जो कि गर्भावस्था के दौरान विकसित होता है। जब कोई महिला गर्भवती होती है तो लगभग 10 दिन बाद एचसीजी हार्मोन महिला के यूरीन और खून में स्रावित होता है। इस हार्मोन के कारण ही महिला प्रेगनेंसी किट का प्रयोग करके घर पर ही गर्भावस्था का पता लगा सकती हैं। आइए हम आपको बताते हैं एचसीजी गर्भावस्था जांच किट क्या है और किस तरह से इसका प्रयोग किया जा सकता है।
एचसीजी गर्भावस्था जांच किट
गर्भावस्था परीक्षण किट बहुत ही साधारण पट्टी (स्ट्रिप) होती है जिसका प्रयोग करके महिलाएं अपनी गर्भावस्था की स्थिति का पता लगाती हैं। इस टेस्ट किट में सरेस से चिपकी हुई एक अभिकर्मक पट्टी (रीजेंट स्ट्रिप) में एचसीजी हार्मोन की उपस्थिति का पता लगाती है। प्रेगनेंसी टेस्ट किट को बहुत ही आसानी से घर में प्रयोग किया जा सकता है। जब इस किट में युरीन के सैंपल डाले जाते हैं तो उसमें उपस्थित एचसीजी हार्मोन को यह ढूंढ लेती है। इस किट का प्रयोग करने से महिलाएं गर्भावस्था के भ्रम से निकल जाती हैं क्योंकि यह किट लगभग यह तय कर देती है कि महिला गर्भवती है या नहीं।
एचसीजी हार्मोन
एचसीजी (ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रापिन) हार्मोन महिला के शरीर में तभी विकसित होते हैं जब उसके गर्भ में भ्रूण का प्रत्यारोपण होता है। यानी जब महिला गर्भवती होती है तब यह हार्मोन विकसित होता है। महिला के गर्भाशय में निषेचित अंडाणु के प्रत्यारोपण के बाद गर्भनाल का विकास शुरू होता है। उसके बाद गर्भनाल से एचसीजी हार्मोन खून और मूत्र में स्रावित होता है। इसी हार्मोन के जरिए यह पता चलता है कि महिला गर्भवती है या नहीं। लेकिन कभी-कभी मिसकैरेज के बाद भी यूरीन में एचसीजी हार्मोन पाया जाता है। इसलिए केवल एचसीजी जांच के आधार पर यह निर्णय मत लीजिए कि आप गर्भवती हैं।
किट का प्रयोग कब करें
एचसीजी गर्भावस्था जांच किट का प्रयोग गर्भधारण के लगभग 10 दिनों बाद करना चाहिए। इसके अलावा पीरियड चूकने के पहले दिन या उसके बाद किसी भी दिन किया जा सकता है। गर्भावस्था जांच किट का प्रयोग ज्यादातर सुबह-सुबह ही करना चाहिए। क्योंकि सुबह के टाइम ही यूरीन में एचसीजी हार्मोन की मात्रा सबसे ज्यादा होती है और उसमें कोई अन्य तरल पदार्थ नही होता है। इसके कारण प्रेगनेंसी की स्थिति का सही पता लगाया जा सकता है। लेकिन अगर आप इसका प्रयोग समय से पहले करते हैं तो परिणाम सटीक नहीं होते हैं। इसलिए इस किट का प्रयोग निश्चित समय पर ही करना चाहिए।
कभी-कभी किसी मेडिकल स्थिति और मिसकैरेज के कारण भी एचसीजी हार्मोन स्रावित होता है जो कि इस किट में डिटेक्ट होता है और लोगों को यह विश्वास हो जाता है कि वह गर्भवती है। इसलिए इस किट में आपकी गर्भावस्था की पुष्टि हो जाए तो चिकित्सक से संपर्क अवश्य कीजिए।
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