
हल्दी के गुणों से तो सब वाकिफ हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि हल्दी पेट की बीमारियों के लिए भी लाभदायक है।
मसाले के रूप में प्रयोग की जाने वाली हल्दी की उपयुक्त मात्रा पेट में जलन एवं अल्सर की समस्या को दूर करने में कारगर होती है। भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध के अनुसार यह निष्कर्ष पेट से सम्बंधित समस्याओं के लिए नई औषधि के विकास में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
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देश में हल्दी का प्रयोग एंटीसेप्टिक के रूप में तकरीबन 3000 साल से हो रहा है। हल्दी का पीला रंग कुरकमिन नामक अवयव के कारण होता है और यही चिकित्सा में प्रभावी होता है।
चिकित्सा क्षेत्र के मुताबिक कुरकमिन पेट की बीमारियों जैसे जलन एवं अल्सर में काफी प्रभावी रहा है। यद्यपि इसकी कम मात्रा प्रभावी नहीं रही है जबकि अधिक मात्रा से स्थितियां बिगड़ सकती हैं। कुरकमिन की उपयुक्त मात्रा खोज निकाली है जिसका सेवन इलाज के लिहाज से लाभदायक है।
आईआईसीबी देश के प्रमुख शोध संस्थान काउंसिल ऑफ साइंटफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) के अंतर्गत आती है।
पेट में जलन एवं अल्सर की समस्या अत्यधिक दर्द निवारक दवाओं के सेवन एवं तनाव के कारण आती है। शोधकर्ताओं ने हल्दी की उचित मात्रा चूहे को देकर सफल प्रयोग किया।
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शोधदल की सदस्य एवं अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टीकल स्कूल ऑफ मेडिसिन की नीलांजना मौलिक ने कहा, "यह पहला अध्ययन था जिसमें अल्सर के पहले एवं बाद में कुरकमिन की उपस्थिति को दर्शाया गया था। यह घाव वाले स्थान पर नई रक्त वाहिकाओं के निर्माण में सहायक हो सकता है।"
शोधदल की सदस्य एवं अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टीकल स्कूल ऑफ मेडिसिन की नीलांजना मौलिक ने कहा, "यह पहला अध्ययन था जिसमें अल्सर के पहले एवं बाद में कुरकमिन की उपस्थिति को दर्शाया गया था। यह घाव वाले स्थान पर नई रक्त वाहिकाओं के निर्माण में सहायक हो सकता है।"
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