
प्रेग्नेंसी के दौरान खर्राटे लेना हाई ब्लड प्रेशर का संकेत हो सकता है। जानें कि प्रेग्नेंसी के दौरान खर्राटे हाई ब्लड प्रेशर की आशंका को कैसे बढ़ा सकते है।
खर्राटे की समस्या से कई लोग खुद तो परेशान रहते ही हैं, साथ ही परिवार की नींद उड़ाने का कारण भी बनते हैं। खर्राटे आने की स मस्या स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। खासकर के जब आप गर्भवती हों। क्योंकी गर्भावस्था में खर्राटे हाई बीपी की निशानी हो सकते हैं। इस लेख को पढ़ें और जानें। खर्राटों की मुख्य वजह नाक या मुंह से हवा के आवागमन में किसी प्रकार का अवरोध उत्पन्न होना होती है। यह अवरोध कई कारणों से हो सकता है। जैसे नाक की हड्डी टेढ़ी होना, टर्बिनेट्स में सूजन आना, नेजल पौलिप्स, गले की मसल्स कमजोर होना या जीभ मोटी होना आदि। इसके अलावा टॉन्सिल फूलने व एडीनॉयड की समस्या भी खर्राटों की वजह बन सकती है।
खर्राटे सेहत के लिए खतरे की घंटी है। खर्राटे श्वास संबंधी विकारों से लेकर उच्च रक्तचाप तक होने का इशारा देते हैं। खर्राटों से होने वाले श्वास संबंधी विकारों को "एप्निया" कहते हैं। इसमें व्यक्ति हर खर्राटे के साथ तकरीबन 10 सेकंड तक सांस लेना ही बंद कर देता है और फिर नींद की अवस्था में तेज आवाज के साथ खूब सांस लेने की कोशिश करता है। एप्निया, ब्लड प्रेशर के हाई होने का एक प्रमुख कारण है। जो लोग तेज खर्राटे लेते हैं, उनके ह्वदय में रक्त का दबाव बढ़ जाता है।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को विशेष देखभाल की जरूरत होती है। बच्चे की सेहत के तार मां की सेहत से ही जुड़े होते हैं। ऐसे में गर्भवती महिला को अपने स्वास्थ्य के प्रति अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत होती है। लेकिन, बावजूद इसके कुछ परेशानियां जाने-अनजाने ही पिछले दरवाजे से आ जाती हैं। नींद में खर्राटे भी एक ऐसी ही दिक्कत है। आप भले ही इसे लेकर बहुत सजग न हों, लेकिन मामूली सी लगने वाली यह परेशानी न सिर्फ गर्भवती महिला के लिए नहीं बल्कि उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय बन सकता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के शोधकर्ताओं ने गर्भावस्था के दौरान सोते वक्त नींद में खर्राटे भरने वाली महिलाओं को होने वाली संभावित परेशानियों के बीच सूत्र तलाशे हैं। 1700 से अधिक महिलाओं पर किए गए अध्ययन में यह पता चला कि एक चौथाई महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान सोते वक्त खर्राटे लेने की शिकायत थी। ऐसी महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर की आशंका भी उन महिलाओं की अपेक्षा दोगुनी थी, जो सोते वक्त खर्राटे नहीं ले रही थीं।
गर्भावस्था के दौरान अगर इस परेशानी का इलाज नहीं किया जाता है तो यह जीवन के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। इस अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ लुइस ओ ब्रयान के मुताबिक लगातार खर्राटे ही महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर की वजह बन रहे थे। हम यह भी जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान अगर हाई ब्लड प्रेशर रहता है तो इसकी वजह से बच्चे अपेक्षाकृत छोटे पैदा हो सकते हैं। इससे प्री टर्म डिलीवरी भी हो सकती है।
शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि खर्राटे का उपचार यदि कर लिया जाए तो हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी को कम किया जा सकता है। तो यदि आपको भी इस तरह की कोई परेशानी है तो इसे हल्के में न लें। बेहतर होगा कि फौरन डॉक्टर से संपर्क कर इस दिक्कत से निजात पायी जाए।
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