
गर्भावस्था में होने वाले कमर दर्द के बारे में तो सभी लोग जानते हैं लेकिन कई बार इस दौरान कमर के अलावा अन्य अंगों में भी सामान्य दर्द हो सकता है।
गर्भावस्था में महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिनकी वजह से उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
गर्भस्थ शिशु के बढ़ते विकास के साथ-साथ महिलाओं के शरीर के विभिन्न अंगों में कई तरह का सामान्य दर्द होते हैं। गर्भावस्था में होने वाले कमर दर्द के बारे में तो सभी लोग जानते हैं लेकिन कई बार इस दौरान कमर के अलावा अन्य अंगों में भी सामान्य दर्द हो सकता है। आईए जानें गर्भावस्था में होने वाले सामान्य दर्द के बारे में।
गर्भावस्था और दर्द
पसलियों में दर्द
गर्भावस्था में समय बीतने के साथ-साथ बच्चेदानी का बढ़ना स्वाभाविक होता है। 32 से 36 हफ्तों में बच्चेदानी की ऊपरी सतह लगभग पसलियों के नीचे की सतह को दबाने लगती है जिसके कारण महिलाओं में दाहिनी तरफ अधिक दर्द होता है क्योंकि बच्चेदानी दाहिनी तरफ अधिक बढ़ती है। कभी-कभी तो दर्द दोनों ओर ही बराबर बना रहता है।
सिर दर्द
इस दौरान शारीरिक बदलावों व अन्य कारणों के चलते मानसिक तनाव, चिन्ता व ब्लडप्रेशर आदि कारणों से सिर दर्द हो सकता है। थोड़ा सा आराम करने पर इसमें राहत मिल जाती है। इस समय किसी भी प्रकार की दवा लेना हानिकारक हो सकता है, इसलिए दवा लेने से बचे।
थकान और दर्द
गर्भावस्था में महिलाओं को सन्तुलित भोजन, पूरी नींद लेना व मानसिक शान्ति बहुत जरुरी है। शरीर में पोषण की कमी के कारण थकान और दर्द की शिकायत हो सकती है। इस दौरान 9-10 घंटों की नींद लेना जरूरी है।
पेट और टांगों में दर्द
गर्भावस्था के दौरान बच्चे का विकास होता रहता है और कूल्हे की हडि्डयों के जोड़ भी मुलायम होते जाते हैं जिससे प्रसव के समय बच्चे को अधिक स्थान मिल सके इस कारण पेट और टांगों में दर्द होना स्वाभाविक होता है।
कमर का दर्द
आमतौर पर गर्भावस्था के समय में महिलाओं का वजन बढ़ता है। बढ़े हुए वजन का प्रभाव मांसपेशियों और मुख्य रूप से कमर की हडि्डयों पर होता है। शरीर का वजन सन्तुलित रखने के लिए हल्का व्यायाम करना चाहिए। महिलाओं के शरीर में कमर दर्द होने का एक कारण कैल्शियम और प्रोटीन की कम मात्रा होना भी है। इसके अलावा महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान झुककर कार्य नहीं करना चाहिए। यह भी कमर दर्द का एक प्रमुख कारण होता है।
स्तनों में दर्द
बच्चे के विकास के साथ मां के पेट का आकार बढ़ना स्वाभाविक है। इस कारण 6 महीने बाद स्तनों के नीचे और स्तनों में दर्द हो सकता है। पेट के अन्य अंगों जैसे लीवर, पेट, आंत आदि पर दबाव पड़ता है।
Read More Article on Pregnancy Care In Hindi
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।