
गर्भावस्था में हर प्रकार से डांस किया जा सकता है, लेकिन प्रेगनेंसी के हर मासिक में अलग-अलग तरह का डांस होता है। आइए जानते हैं कि प्रेगनेंसी के हर ट्राइमेस्टर में कैसे व्यायाम करें और डांस के क्या फायदे हैं।
गर्भावस्था में स्वस्थ रहने के लिए डांस बहुत अच्छा तरीका है। डांस करने से पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है। गर्भावस्था के दौरान अपनी पसंदीदा धुन पर नाचने का एहसास ही अपने आप में अलग है। गर्भावस्था के दौरान डांस का भरपूर फायदा उठाने के लिए हर रोज या सप्ताह में तीन दिन घर पर या डांस क्लास में कम से 20 से 25 मिनट तक डांस की प्रैक्टिस कीजिए। प्रेगनेंसी में डांस करने से मांसपेशियां लचीली हो जाती हैं। गर्भावस्था में हर प्रकार से डांस किया जा सकता है, लेकिन प्रेगनेंसी के हर मासिक में अलग-अलग तरह का डांस होता है। डांस अकेले और ग्रुप में भी किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि प्रेगनेंसी के हर ट्राइमेस्टर में कैसे व्यायाम करें और डांस के क्या फायदे हैं।
प्रेगनेंसी में डांस करने के फायदे
पहली तिमाही में डांस
गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में आप आमतौर पर जैसे डांस करती थीं वैसा ही डांस कर सकती हैं। लेकिन डांस के वक्त दिशा-निर्देशों को ध्यान में जरूर रखिए। गाने की धुन के हिसाब से डांस मत कीजिए। क्योंकि गाने का संगीत कभी हल्का और कभी तेज हो सकता है। डांस की शुरूआत हल्के और सामान्य स्टेप के साथ कीजिए। इससे आपके दिल की धड़कन अचानक नहीं बढ़ेगी। डांस के दौरान यह ध्यान रखिए कि आपके जोड़ों का व्यायाम सही तरीके से हो रहा है या नहीं।
दूसरी तिमाही में डांस
दूसरी तिमाही में बच्चे का विकास भी काफी हद तक हो जाता है जिसके कारण आपका पेट भारी हो जाता है। इसलिए प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में सामान्य दिनों या फिर पहली तिमाही की तरह ही डांस मत कीजिए। दूसरी तिमाही में डांस के दौरान शरीर का बैलेंस बनाये रखने पर विशेष ध्यान रखिए। इन दिनों ज्यादा उछल-कूद वाले डांस से बचने की पूरी कोशिश कीजिए। प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में डांस करते रहने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर फिट रहता है।
तीसरी तिमाही में डांस
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में भ्रूण का विकास लगभग हो चुका होता है। इसलिए आपका पेट आगे की ओर ज्यादा निकल जाता है। ऐसे में डांस के दौरान विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। डांस के दौरान शरीर के बैलेंस पर पूरा ध्यान रखिए। क्योंकि बैलेंस बिगड़ने से आपको और भ्रूण दोनों को चोट लग सकती है। गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में डांस की अवधि को बहुत कम कर दीजिए। इन दिनों ज्यादा से ज्यादा सप्ताह में केवल दो दिन, 10 मिनट तक ही डांस कीजिए। कोशिश यह कीजिए कि डांस, डांस क्लास के बजाय घर पर ही कीजिए। तीसरी तिमाही में डांस करने से शरीर सही आकार में और फिट रहता है।
बेले डांस, रुंबा, लैटिन चाचा, जीवा, सांबा, पास्को डोबल, सालसा, ट्रॉट, क्विक, वाइनेक्स, टैगों जैसे डांस के प्रकार हैं। गर्भावस्था के दौरान आप इनकी प्रैक्टिस किसी ट्रेनर के दिशा-निर्देश में ही कीजिए।
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