
ईपीटी जांच के जरिए महिला अपनी गर्भावस्था की पुष्टि कर सकती है। इसके लिए उसे डॉक्टर के पास जाने की भी जरूरत नहीं होती।
ईपीटी (एर्ली प्रेग्नेंसी टेस्ट) एक ऐसी जांच प्रक्रिया है जिसके जरिए महिलाएं इस बात की जांच कर सकती हैं कि वे गर्भवती हैं अथवा नहीं। जब कोई भी महिला गर्भवती होती है और उसका मासिक धर्म तय समय से आठ या दस दिन आगे बढ़ जाता है।
गर्भावस्था की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर के पास जाना हर बार संभव नहीं होता, यूरीन व ब्लड टेस्ट कराना थोड़ा मुश्किल हो जाता है, इसलिए इन दिनों घर पर ही प्रेग्नेंसी टेस्ट किया जाने लगा है जिसमें ई पी टी भी शामिल है। इस किट को आप आसानी से इस्तेमाल कर अपने गर्भवती होने का पता लगा सकती है। यह किसी भी मेडिकल स्टोर पर आपको आसानी से मिल जाएगी।
कैसे करता है काम
ई पी टी से प्रेगनेंसी टेस्ट किस प्रकार करते है यह जानना बहुत जरूर है, नहीं तो इसके गलत परिणाम आने की संभावना होती है। इसलिए सबसे पहले यह समझने की जरूरत है कि यह टेस्ट किट कैसे काम करता है। घर पर ईपीटी प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए महिला के यूरीन का सैंपल लिया जाता है और उसमें एचसीजी की जांच की जाती है। अगर टेस्ट में एचसीजी होने का प्रमाण मिलता है तो इसका अर्थ है कि महिला गर्भवती है, क्योंकि एचसीजी नामक हार्मोंन सिर्फ भ्रूण के विकसित होने पर ही यूरीन में पाए जाते हैं। जिन महिलाओं में यह हार्मोन नहीं पाया जाता है वे गर्भवती नहीं होती हैं।
कैस करें प्रयोग
घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट का परिणाम सही आए इसके लिए जरूरी है कि आप इन निर्देशों का पालन करें। ई पी टी प्रेंग्नेंसी टेस्ट के लिए महिला के यूरीन का सैंपल लिया जाता है। ईपीटी के जरिए इस टेस्ट का परिणाम दो मिनट में सामने आ जाता है। अगर टेस्ट निगेटिव है तो एक हॉर्रिजेन्टल लाइन दिखाई देगी और अगर टेस्ट पॉजिटीव है तो एक प्लस का साइन दिखाई देगा। अगर परिणाम वाली जगह पर कुछ नहीं दिख रहा है तो हो सकता है कि आपने जांच में कोई गलती की हो या यूरीन के सैंपल की मात्रा कम हो। आप चाहें तो फिर से टेस्ट कर सकती हैं।
अन्य तथ्य
कभी-कभी ई पी टी से गलत परिणाम भी आ सकते है। गर्भपात के आठ हफ्ते के अंदर प्रेगनेंसी टेस्ट करने पर या कोई दवा लेने से महिला के शरीर में एचसीजी नामक हार्मोन बनता है जिसकी वजह से यह टेस्ट गलत परिणाम दे सकता है।
सावधानियां
ई पी टी से गलत पॉजिटीव प्रेगनेंसी टेस्ट की एक वजह मासिक धर्म भी हो सकता है। कभी कभी हाल में प्रत्यारोपित भ्रूण से भी एचसीजी बनने लगता है और टेस्ट पॉजिटीव आता है लेकिन इसके बाद भ्रूण का प्रत्यारोपण असफल हो जाता है।
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