
बाजार में कुमकुम आसानी से मिल जाता है, लेकिन अगर आपको इससे परहेज है तो आप इन तरीकों से इसे आसानी से घर पर बना सकती हैं।
चुटकी भर सिंदूर की बात केवल रील लाइफ में ही नहीं बल्कि रीयल लाइफ में भी मायने रखती हैं। आमतौर पर सिंदूर यानी कुमकुम का प्रयोग महिलाये शादी के बाद करती हैं और इसका धार्मिक महत्व भी है। लेकिन क्या आप जानती हैं कुमकुम हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद होता है। सबसे बड़ी बात ये कि आप कुमकुम को आसानी से अपने घर पर भी बना सकती हैं। आइए हम इसे बनाने के तरीकों के बारे में बताते हैं।
सिंदूर लगाने के वैज्ञानिक कारण
पूरी तरह स्वास्थ्य से जुडा है। सिर के उस स्थान पर जहां मांग भरी जाने की परंपरा है, मस्तिष्क की एक महत्वपूर्ण ग्रंथी होती है, जिसे ब्रह्मरंध्र कहते हैं। यह अत्यंत संवेदनशील भी होती है। यह मांग के स्थान यानी कपाल के अंत से लेकर सिर के मध्य तक होती है। सिंदूर इसलिए लगाया जाता है क्योंकि इसमें पारा नाम की धातु होती है। पारा ब्रह्मरंध्र के लिए औषधि का काम करता है।विवाह के बाद ही मांग इसलिए भरी जाती है क्योंकि विवाह के बाद जब गृहस्थी का दबाव महिला पर आता है तो उसे तनाव व चिंता और अनिद्रा जैसी बीमारिया आमतौर पर घेर लेती हैं। पारा एकमात्र ऐसी धातु है जो तरल रूप में रहती है। यह मष्तिष्क के लिए लाकारी है, इस कारण सिंदूर मांग में भरा जाता है।हालांकि बाजारों मे मिलने वाले सिंदूर से कई लोगों को रिएक्शन हो जाता है इसलिए हम आपको आज घर में आसानी से बनाए जाने वाले सिंदूर का तरीका बता रहें है।
घर में सिंदूर बनाने का तरीका
सामग्री के तौर पर 1 किलो साबुत हल्दी, पावडर बनाया हुआ। आप चाहें तो हल्दी पावडर का भी प्रयोग कर सकती हैं। 40 ग्राम फिटकरी 120 ग्राम सुहागा 20-25 बूंद नींबू का रस 2 चम्मच तिल का तेल लें। सबसे पहले फिटकरी पावडर और सुहागा को नींबू के रस के साथ मिक्स करें। फिर इसमें हल्दी पावडर डाल कर मिक्स करें। इस मिश्रण को छाया में दो से तीन दिनों तक के लिये सुखा लें। आप पाएंगी कि हल्दी का रंग लाल हो चुका होगा। एक बार जब यह पूरी तरह से सूख जाए तब इसमें तिल का तेल मिलाएं। पर ध्यान रखें कि इसका पेस्ट नहीं बनाना है। इसे पावडर के ही रूप में रखें। अब इस सिंदूर को किसी डिब्बी में भर कर रख दें। आपका सिंदूर पूरी तरह से तैयार है, इसे जब मर्जी प्रयोग करें।
हल्दी त्वचा को संक्रमण से बचाता है और एलर्जी भी नहीं होने देता।महिलाओं को तनाव से दूर रखता है और मस्तिष्क हमेशा चैतन्य अवस्था में रखता है।
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