
कंप्यूटर के अधिक प्रयोग के कारण वर्तमान में ड्राई आई सिंड्रोम की समस्यायें बढ़ रही हैं। जब आंखों में पर्याप्त चिकनाई नहीं होती और कंजक्टिवा में सामान्य से कम नमी रह जाती हैं। इसके कारण अपर्याप्त आंसू निकलने निकलते हैं, इससे आखों के कंजक्टिवा और आंखों की पुतली में अधिक दर्द, तकलीफ और जलन महसूस होती है। कई बार यह इतना उग्र रूप ले लेता है कि इसके चलते ऑक्यूलर सतह में समस्या पैदा हो जाती है, जिससे देखने में समस्या होती है। इस लेख में विस्तार से जानिये ड्राई आई सिंड्रोम से बचाव के तरीको के बारे में।
![ड्राई आई सिंड्रोम Dry Eye Syndrome in Hindi]()
क्या है ड्राई आई सिंड्रोम
कंप्यूटर और एसी के अधिक प्रयोग के कारण आंखों में पर्याप्त मात्रा में आंसू नहीं बन पाते हैं। आंसू, आंखों के कार्निया एवं कन्जंक्टाइवा को नम और गीला रखता है जिससे आंखें सूखती नहीं। दरसअसल हमारी आंखों में टियर फिल्म पायी जाती है। इसकी सबसे बाहरी परत को लिपिड या ऑयली परत कहते हैं। लिपिड परत आंसू के अधिक बहने, गर्मी एवं हवा में आंसू के सूखने या उड़ने को कम करती है। लिपिड या तैलीय परत आंखों की पलकों को चिकनाई प्रदान करती है, जिससे पलकों को झपकाने में आसानी होती है। लेकिन अधिक देर तक कंप्यूटर पर काम करने, बहुत ज्यादा टीवी देखने और लगातार एसी में रहने से आंखों की टियर फिल्म प्रभावित होती है और आंखें सूखने लगतीं हैं, इसे ड्राई आई सिंड्रोम कहते हैं।
ड्राई आई सिंड्रोम के लक्षण
आंखों से संबंधित इस समस्या के कारण आंखों में जलन, चुभन, सूखा लगना, खुजली होना, भारीपन, आंखों की कंजक्टिवा का सूखा दिखाई पड़ना, आंखों में लालिमा, तथा आंखों को कुछ देर खुला रखने में दिक्कत होने जैसी समस्यायें होती हैं। ड्राई आई सिन्ड्रोम से पीडि़त व्यक्ति अपनी पलकों को बार-बार व जोर से झपकाते हैं।
ड्राई आई सिंड्रोम से बचाव
- जिस कमरे में हो उसका तापमान कम रखें, वातावरण में थोड़ी नमी बनाए रखें।
- पेय पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करें।
- हरी सब्जियां, मौसमी फल व दूध का सेवन अधिक करें।
- एयरकंडीशनर की हवा सीधे आंखों पर न पड़ने दीजिए।
- कंप्यूटर पर काम करते समय पलकों को झपकाते रहें, इससे आंख के आंसू जल्दी सूखते नहीं।
- कंप्यूटर पर काम करते समय हर आधे घंटे के बाद पांच से दस मिनट के लिए अपनी नजर स्क्रीन से हटा लें।
- टीवी देखते हुए या कंप्यूटर पर काम के दौरान एन्टीरिफ्लेक्टिव कोटिंग एंव एंटीरिफ्लेक्टिव चश्मे का प्रयोग करें।
- शराब और धूम्रपान से बचें।
आंखे अनमोल हैं इन्हें इस तरह न खोयें, अपने शरीर को स्वस्थ बनाये रखने के साथ आंखों को भी स्वस्थ बनायें। सुबह के वक्त थोड़ी देर नंगे पैर पार्क में घूमें, इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है।
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