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क्या कच्चा अमरूद खांसी बढ़ा सकता है? एक्सपर्ट से जानें सच्चाई

Is Guava Good for a Cough: सर्दियों में खांसी होने पर अमरूद खाने के लिए अक्सर मना किया जाता है। क्या इसमें सच्चाई है? किन लोगों को अमरूद नहीं खाना चाहिए? इन सभी सवालों के जवाब न्यूट्रिशनिस्ट ने लेख में विस्तार से बताए।
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क्या कच्चा अमरूद खांसी बढ़ा सकता है? एक्सपर्ट से जानें सच्चाई

Is Guava Good for a Cough: अक्सर लोगों को सर्दियों में ही खांसी-जुकाम की सबसे ज्यादा शिकायत होती है और इसी मौसम में अमरूद भी मार्केट में खूब आते हैं। ऐसे में लोगों का आमतौर पर सवाल होता है कि क्या सर्दी-खांसी में अमरूद खाना चाहिए या नहीं। कई बार बुजुर्ग मना कर देते हैं कि खांसी में अमरूद खाने से गला और ज्यादा खराब हो जाएगा, तो ऐसे में सवाल उठता है कि खांसी में अमरूद खाना चाहिए या नहीं? दरअसल इस मौसम में कच्चा अमरूद भी काफी आता है और कई लोगों को कच्चा अमरूद खाने में मजा आता है। इसलिए हमने हुमेटा के डायबिटीज एजुकेटर और कंसल्टेंट डाइटिशियन और एक्सपर्ट कनिका मल्होत्रा (Kanikka Malhotra, Consultant Dietician & Diabetes Educator, Expert, Humeta) से जाना कि क्या कच्चा अमरूद खाने से खांसी ज्यादा बढ़ सकती हैं? इसकी क्या वजह है और किन लोगों को अमरूद नहीं खाना चाहिए?


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कच्चा अमरूद खांसी को क्यों बढ़ाता है?

डाइटिशियन कनिका मल्होत्रा कहती हैं, “अमरूद के कई फायदे हैं। इसे खाने से पेट संबंधी दिक्कते कम होती है, इम्युनिटी बढ़ती है और स्किन के लिए भी बहुत अच्छा है, लेकिन अगर कोई खांसी होने पर कच्चा अमरूद खाता है, तो उसकी खांसी बढ़ सकती है। इसके कई कारण हैं।”

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कच्चे अमरूद में टैनिन ज्यादा होना

कच्चे अमरूद में टैनिन बहुत ज्यादा होता है और इसमें ऐस्ट्रिंजेंट कंपाउंड गले को सुखा देता है। अगर गले में पहले से खराश है, तो गला बहुत सेंसेटिव हो जाता है और अमरूद खाने से उसमें सूखापन और खुरदुरापन ज्यादा बढ़ जाता है। इससे खांसी तेज हो सकती है, गले में खुरखुरापन बढ़ सकता है, बलगम गाढ़ा होने के कारण कसाव महसूस हो सकता है। इस वजह से कच्चा अमरूद खांंसी को और अधिक बढ़ा सकता है।

खांसी में सूखापन बढ़ना

जब खांसी होती है, तो गले को नमी की जरूरत होती है। खांसी में हाईड्रेशन बहुत महत्वपूर्ण है और कच्चा अमरूद इसके उलट गले को सुखा देता है। इसी वजह से न्यूट्रिशनिस्ट और एक्सरपर्ट खांसी में कच्चा अमरूद खाने से मना करते हैं।

कच्चा अमरूद कब नहीं खाना चाहिए?

इस बारे में डाइटिशियन कनिका मल्होत्रा कहती हैं, “अगर किसी को लगातार खांसी, गला बैठना, ड्राई कफ, टॉन्सिल्स, गले में सूखापन महससू हो, तो कच्चा अमरूद बिल्कुल न खाएं। साथ ही अगर बच्चों को सर्दी-जुकाम है, तो उन्हें कच्चा अमरूद बिल्कुल न दें। यह खांसी को और ज्यादा बढ़ा सकता है।”

क्या पका अमरूद खांसी के लिए फायदेमंद हो सकता है?

कनिका मल्होत्रा कहती हैं,”बहुत से लोग कच्चे और पके हुए अमरूद दोनों को एक ही तरह का मान लेते हैं, लेकिन मैं आपको बता दूं कि इन दोनों के फायदे एक-दूसरे से बिल्कुल अलग है।”

  • विटामिन C भरपूर - पके हुए अमरूद में विटामिन C काफी ज्यादा होता है, जो इम्युनिटी को बढ़ाता है, गले की सूजन में राहत देता है साथ ही बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करता है। इससे खांसी में रिकवरी तेज होती है।
  • गले को आराम देना - कुछ लोगों को पके अमरूद से गले में हल्की राहत मिलती है, क्योंकि इसका रसदार हिस्सा गले में नमी बनाए रखने में मदद करता है।

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क्या खांसी में पका अमरूद हर कोई खा सकता है?

कनिका मल्होत्रा कहती हैं, “नहीं, यह जरूरी नहीं है कि अगर किसी को खांसी में पका हुआ अमरूद फायदा दें। हर किसी के शरीर की जरूरत अलग होती है। अगर किसी को साइनस, अस्थमा वाली खांसी है या अमरूद से एलर्जी है, तो खाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। अमरूद के अलावा, इसकी पत्तियां भी काफी फायदेमंद होती है। लोग पत्तियों की चाय बनाकर पीते हैं, लेकिन कच्चे अमरूद, पके हुए अमरूद या पत्तियों का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।”

खांसी होने पर क्या खाना चाहिए?

कनिका मल्होत्रा कहती हैं कि जब भी खांसी हो, तो सबसे पहले डॉक्टर से जरूर मिलें। इसके अलावा, डॉक्टर की सलाह पर ही सीमित मात्रा में पका हुआ अमरूद, गर्म पानी, अदरक-शहद का रस, हल्का गुनगुना सूप और नमी वाला खाना ले सकते हैं। इससे गले को आराम मिलता है और रिकवरी तेज होती है।

निष्कर्ष

कच्चे अमरूद में टैनिन की मात्रा गले को सूखाकर उसे और ज्यादा बढ़ा सकती है। इसलिए कच्चे अमरूद से परहेज ही रखना चाहिए, लेकिन सीमित मात्रा में पका हुआ अमरूद खाया जा सकता है या अमरूद के पत्तों की चाय ले सकते हैं। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि अगर खांसी 3 से 5 दिन से ज्यादा चल रही हो, या गले में दर्द, बुखार और कफ ज्यादा हो रहा हो, तो डॉक्टर से जरूर मिलें। 

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  • Dec 02, 2025 16:55 IST

    Published By : Aneesh Rawat

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