
लॉकडाउन में खुद को लेकर बदलाव सहज नहीं होता। ऐसे में यहां जानेंगे कि लोगों की जीवनशैली मेें किस तरह के बदलाव आए हैं।
कोरोना के कारण मार्च में हुए लॉकडाउन ने पूरे देश को घर पर रहने के लिए मजबूर कर दिया है। ऐसे में जब से लॉकडाउन लगा है लोग घर पर रहकर ही अपना काम कर रहे हैं। वे घर पर रहकर अपने ऑफिस के काम से लेकर शादी जैसे अहम मुद्दों पर भी फैसले ले रहे हैं। साल 2020 हमारे लिए नए-नए अनुभव लेकर आया है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि इस लॉकडाउन लोग काफी बदलावों को महसूस कर रहे हैं।आज के लेख में हम इन्हीं बदलावों को लेकर बात करेंगे। पढ़ते है आगे...
वर्क फ्रॉम होम का ट्रेंड
लॉकडाउन में लोगों ने घर पर बैठ कर काम करना सीख लिया है। इसके चलते उनकी जीवनशैली पर काफी बदलाव आया है। ऐसे में लोगों ने नए-नए सॉफ्टवेयर भी सीखें। इसका परिणाम हमने आस-पास भी देखा। आईटी सेक्टर हो या लेखकों के काम, घर पर बैठकर सबने सुरक्षित रहकर काम किया। इशक् अलावा लोगों ने अपने सहकर्मियों की कमी को महसूस किया।
बच्चों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई का अनुभव
लॉकडाउन से पहले लोग अपने बच्चों को मोबाइल या लैपटॉप स दूर रखते हैं। लॉकडाउन में बदले शिक्षा के नियम ने माता पिता की सोच भी बदल दी। बता दें कि लॉकडाउन में माता-पिता ने खुद अपने बच्चों के हाथों में मोबाइल फोन दिए सिर्फ ये सोचकर की उनकी पढ़ाई ना रूके। और उन्हें इसके लिए बाहर भी ना जाना पड़ें। वे अपने घर पर ही रहकर अपनी सुरक्षित पढ़ाई कर सकें। इसके लिए पेरेंट्स ने मीटिंग एप्स को इंस्टॉल करके अपने बच्चों के दिया। शुरुआती दौर में थोड़ा मुश्किल था इस बदलाव को अपनाना लेकिन अब इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है। साथ ही बच्चों के साथ पेरेंट्स को भी बच्चों की पढ़ाई का प्रेशर समझ आ रहा है।
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ऑनलाइन शादी का चलन
लॉकडाइन से पहले शादी के लिए न जानें कितनी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता था। पर लॉकडाउन में ऐसा नहीं हुआ। लोगों ऑनलाइन मीटिंग के जरिये अपने जीवनसाथी चुनें। पेरेंट्स के लिए थोड़ा मुश्किल था इस पल को समझना। पर वीडियो कॉल के माध्यम से तय हुए रिश्ते भी उतने ही सफलता पूर्वक काम कर रहे है जितने ऑपलाइन में होता है। बता दें कि दोनों के माता-पिता ऑनलाइन सारी बातचीत करके रिश्ता पक्का कर लेते हैं।
लोगों ने सीखा कम खर्च में जीना
लॉकडाउन के चलते लोगों को आर्थिक रूप से भी काफी नुकसान हुआ। ऐसे में लोगों ने कम खर्च में भी अपना घर चलाया। उन्होंने सीखा की वे कम खर्च में भी खुश रह सकते हैं। जहां नौकरी करने वाले लोग जा बाहर रह रहे थे वे घर आकर अपनी सैलरी बचा रहे हैं वहीं कुछ लोग अपनी व्यवसाय के बंद होने के चलते अपनी सेविंग का इस्तेमाल कर रहे हैं।
अपने शौक को किया पूरा
जो लोग अपने घर से दूर रह रहे थे वे लॉकडाउन के कारण अपने घर में एक छत के नीचे आ गए। ऐसे में जैसे-जैसे लॉकडाउन का समय बढ़ता गया लोगों ने अपने शौक को समय देना शुरू कर दिया। इस शौक में सबसे ज्यादा कुकिंग देखी गई। लोगों ने इस लॉकडाउन में नई-नई डिश को बनाकर सोशल मीडिया पर फोटो या वीडियो शेयर की।
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ऑनलाइन इंटरव्यू से मिली नौकरी
लॉकडाउन से पहले लोग नौकरी के लिए एक स्टेट से दूसरे स्टेट जाते थे। पर अब लॉरडाउन के कारण लोगों को घर बैठे नौकरी पाने का मौका मिला। वे बिना कहीं ट्रैवल किए आसानी से नौकरी पा रहे थे। पहले लोगों को तीन से चार चरणों को पार करना होता था पर अब लोग कोरोना काल के चलते केवल एक या दो चरण क माध्यम से ही नौकरी पा रहे हैं। जहां मेल पर लिखित परीक्षा के लिए प्रश्नन भेज दिए जाते हैं वहीं कॉन्फ्रेंस कॉल के माध्यम से इंटरव्यू हो जाता है और शाम तक इंटरव्यू का जवाब भी आ जाता है।
योग को बनाया अपनी जीवनशैली का हिस्सा
लॉकडाउन में लोगों को मजबूरन जॉगिंग और वॉक बंद करनी पड़ी। जिसके चलते लोगों को स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं काफी होने लगीं। ऐसे में लोगों ने योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाया। लोग खुद को फिट रखने के लिए इंस्टाग्राम, यूट्यूब या एक्टपर्ट से पूछकर प्राणायम और योग की मदद ले रहे हैं। इसके अलावा वे अपने करीबी लोगों को योग करते हुए वीडियोज़ भी शेयर करते हैं।
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