
इस लेख में पढि़ए, एक नये शोध के मुताबिक मधुमेह के लिए बैक्टीरिया कितना जिम्मेदार है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छी खबर। इस बीमारी के इलाज की दिशा में वैज्ञानिकों को अहम कामयाबी मिली है। शोधकर्ताओं की मानें तो वे इस बीमारी के कारणों की पहचान करने में कामयाब हो गए हैं। डेनमार्क के विशेषज्ञों के मुताबिक आंत में रहने वाले एक खास तरह का बैक्टीरिया डायबिटीज के लिए जिम्मेदार है।
बदलती जीवनशैली के चलते डायबिटीज टाइप-2 बीमारी से पीडि़तों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। डायबिटीज टाइप-2 को आमतौर पर मोटापे के चलते पैदा होने वाली बीमारी माना जाता है। लेकिन, कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और मुख्य शोधकर्ता जुन वांग के शोध ने इस बीमारी और इसके कारणों को नए सिरे से परिभाषित करने का काम किया है। इस रिसर्च में पाया कि डायबिटीज टाइप -2 से पीडि़त मरीजों की आंत में खास प्रकार के बैक्टीरिया बड़ी मात्रा में पाए गए हैं।
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नेचर जर्नल में छपे शोध के मुताबिक आंतों में रहने वाला यह बैक्टारिया दवाओं के खिलाफ प्रतिरोधी क्षमता भी विकसित कर लेता है। इससे यह और भी ज्यादा खतरनाक साबित होता है।
इस कारण का पता चलने के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि इस बीमारी के इलाज की दिशा में कारगर कदम उठाए जा सकेंगे।
मधुमेह से पीडि़त मरीजों की आंतों में शोधकर्ताओं ने इस प्रकार के बैक्टीरिया की बड़ी तादाद पाई है। डायबिटीज की जल्द पहचान और उपचार की दिशा में इसे बड़ी खोज माना जा रहा है।
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प्रो वांग के मुताबिक आंतों के बीच तमाम प्रकार के बैक्टीरिया रहते हैं। और इनके बीच संतुलन बना रहता है। डायबिटीज के मरीजों की आंतों में एक खास प्रकार का बैक्टीरिया बड़ी तादाद में पाया जाता है। प्रो वांग और उनकी टीम चीन में डायबिटीज से पीडि़त और स्वस्थ लोगों पर गहराई से परीक्षण करने के बाद इस नतीजे पर पहुंची।
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