आंख की रोशनी कम होने की बीमारी से बचने के ये हैं 5 उपाय

पानी में विटामिन बी3 डालने से आंख की रोशनी कम होने की बीमारी यानी ग्लॉकोम के रिस्क को कम किया जा सकता है। इससे आंखें स्वस्थ रहती हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो इसके ट्रीटमेंट के लिए आंखों में ड्रॉप्स डालना महंगा पड़ता है।

Priyanka Dhamija
Written by: Priyanka DhamijaUpdated at: Jul 30, 2017 16:09 IST
आंख की रोशनी कम होने की बीमारी से बचने के ये हैं 5 उपाय

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पानी में विटामिन बी3 डालने से आंख की रोशनी कम होने की बीमारी यानी ग्लॉकोम के रिस्क को कम किया जा सकता है। इससे आंखें स्वस्थ रहती हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो इसके ट्रीटमेंट के लिए आंखों में ड्रॉप्स डालना महंगा पड़ता है। वहीं, पानी में विटामिन बी3 डालकर पीना सेफ और सस्ता तरीका है। यह नतीजा, एक लैब में चूहों पर एक्सपेरिमेंट करने के बाद निकला है। बुज़ुर्गों के लिए हर रोज़ आंखों में दवाई डालना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में यह ट्रीटमेंट उनके लिए आसान है। पूरी दुनिया में करीब 80 मिलियन लोग ग्लॉकोम से पीड़ित हैं और आईड्राप्स पर निर्भर रहते हैं। यह बीमारी आंखों में एक्सट्रा प्रेशर के कारण होती है, क्योंकि इसमें नर्व्स डैमेज हो जाती हैं। फैमिली हिस्ट्री या डायबिटीज़ के कारण, ग्लॉकोम होने का रिस्क बढ़ जाता है। इसका ट्रीटमेंट आईड्रॉप्स हैं, जो सभी को सूट नहीं करते, और कई केसिस में आंखों में जलन भी पैदा करते हैं। गंभीर केसिस में मरीज़ की सर्जरी या लेज़र थेरेपी करनी पड़ती है।

eye

ग्लॉकोम के लक्षण

आंख में दर्द
उल्टी
लाल आंख
अचानक से आंख की रोशनी कम होना

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वैसे तो इस बीमारी को ठीक करना मुश्किल है, लेकिन कुछ तरीके अपनाने से ऐसा ज़रूर हो सकता है कि आंखों की रोशनी ज़्यादा कम न हो। इसके लिए पहले तो इस बीमारी को पहले स्टेज में ही पकड़ लेना ज़रूरी है, क्योंकि इसमें विज़न लॉस बहुत धीरे-धीरे होता है।

आंखों में प्रेशर को कम करने के नेचुरल तरीके

अपने लाइफस्टाइल में कुछ ऐसे बदलाव करके जिनसे की आपका ब्लड प्रेशर कम हो, आंखों के प्रेशर को भी कम करता है। इस ट्रीटमेंट का कोई साइड इफेक्ट नहीं है।

1- अपने इंसुलिन लेवल को कम करें:   
जैसे आपका इंसुलिन का स्तर बढ़ता है, यह आपके रक्तचाप का कारण बनता है, और इससे आपकी आंखों पर दबाव भी बढ़ता है। समय के साथ आपका शरीर इंसुलिन प्रतिरोधी बन जाता है। यह उन लोगों को ज़्यादा होता है, जो डायबिटीज़, मोटापा और हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़ हैं।

इसका समाधान यह है कि आपको अपनी डाइट में चीनी और अनाज कम करना होगा। अगर आपको ग्लॉकोम है या इसके बारे में चिंतित हैं, तो आप ये सब खाने से बचें

ब्रेड

पास्ता
चावल
अनाज
आलू

2- नियमित रूप से व्यायाम करें: इंसुलिन के स्तर को कम करने का सबसे प्रभावी तरीका है व्यायाम, जैसे- एरोबिक्स और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग। इससे इंसुलिन लेवल कंट्रोल में रहता है और आंखों की रोशनी भी बचाई जा सकती है।

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3- ओमेगा -3 फैट सप्लीमेंट:
इसे लेने से भी इस बीमारी को दूर रखा जा सकता है। डीएचए नामक ओमेगा -3 फैट आंखों के स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा है। यह आंखों की रोशनी नहीं जाने देता। डीएएच सहित ओमेगा -3 फैट, मछली में पाए जाते हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स मछली न खाने की राय देते हैं। उनके मुताबिक इस फैटी एसिड का बेस्ट सोर्स है क्रिल ऑयल।

4- ग्रीन वेजिटेबल्स खाएं:
ल्यूटिन और ज़ेकैक्थिन से आंखों की रोशनी बढ़ती है। ल्यूटिन हरी, पत्तेदार सब्जियों में विशेष रूप से बड़ी मात्रा में पाया जाता है। यह एंटी-ऑक्सीडेंट है और आंखों के सेल्स डैमेज होने से बचाता है।

साग, पालक, ब्रोकोली, स्प्राउट्स और अंडे के पीले भाग में भी ल्यूटिन होता है। लेकिन ध्यान रहे कि ल्यूटिन ऑयल में घुलता है। इसलिए इन हरी सब्ज़ियों के साथ थोड़ा ऑयल या बटर खाना भी ज़रूरी है।

अंडे का पीला भाग न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होता है, लेकिन इसे पकाते ही इसके सारे पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। इसलिए एक्सपर्ट्स सनी साइड अप खाने की सलाह देते हैं।

5- ट्रांस फैट से बचें: ट्रांस फैट को भी अपनी डाइट में कम करें। इससे भी आंखों की रोशनी जाने का खतरा बढ़ सकता है। ट्रांस फैट पैकेज्ड फूड्स, बेक्ड फूड्स और फ्राइड फूड्स में पाया जाता है।

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