
कंजक्टिवाइसिस आंखों का रोग होता है जिसकी वजह से आंखों में बहुत तकलीफ होती है जिसे आंख आना भी कहा जाता है। इसमें आंखों के कनजंकटीभा में सूजन आ जाती है।जिस व्यक्ति को कंजक्टिवाइसिस होता है उसकी आंखों में बहुत ही खुजली होती रहती है और यह जानते हुए भी की आंखों को खुजलाना नुकसानदेह होता है, वह व्यक्ति न चाहते हुए भी अपनी आंख खुजलाने या मलने से खुद को रोक नहीं पाता।जिस व्यक्ति को कंजक्टिवाइसिस होता है उसकी आंखों में सूजन आ जाती है। जिसकी वजह से उसकी पूरी आंख सूजी हुई मालूम पड़ती है।कंजक्टिवाइसिस के शिकार व्यक्ति की आंखें लाल हो जाती हैं। इसके कारण और बचावों के बारे में पढ़े-
- एलर्जी कई प्रकार एवं कई कारणों से होती है जिनके कारण कंजक्टिवाइसिस भी होता है।कोल्ड, इन्फ्लुएंजा, श्वशन सम्बन्धी बीमारियों के कारण भी कंजक्टिवाइसिस होता है।मानसिक बीमारियाँ जैसे अवसाद, तनाव इत्यादि के कारण भी कंजक्टिवाइसिस पनपता है।
- बुरी आदतों के कारण भी कंजक्टिवाइसिस होता है जैसे आंखों को मलते रहने की आदत, दूसरों का चश्मा पहनने की आदत, बहुत कम रोशनी में पढने या काम करने की आदत इत्यादि।आंखों के हानिकारक रसायन के संपर्क में आने से भी कंजक्टिवाइसिस होता है
- बहुत से लोग कम रोशनी में काम करते हैं या पढाई करते हैं जिससे आंखों पर बहुत भार पड़ता है जो धीरे धीरे आंखों को नुकसान पहुँचाने लगता है। हमेशा पर्याप्त रोशनी में पढ़ा करें। अगर बल्ब या ट्यूबलाईट से निकलने वाली रोशनी झिलमिला रही हो तो वैसी रोशनी में पढने से या काम करने से आंखों पर भार पड़ता है जिससे सर दर्द हो सकता है या कंजक्टिवाइसिस।
- अगर आप लगातार कम्प्यूटर पर काम करते हैं तो बीच बीच में अपनी आंखों को आराम दिया करें। कम्प्यूटर से आंख हटाकर बीच बीच में दूर की चीजें देखा करें; एकटक कम्प्यूटर के स्क्रीन पर नजरें न गड़ाए रहें; बीच बीच में पलकें झपकाया करें। कुछ रिसर्च में ऐसा पाया गया है कि कम्प्यूटर पर काम करने वाले अधिकांश लोग पलकें झपकाना भूल जाते हैं यानि बहुत देर के बाद पलकें झपकाते हैं जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।
- जब आप गाडी में चल रहें हों तो पढ़ने से बचें क्योंकि अखबार या किताबें हिलते रहते हैं जो आपकी आंखों पर दवाब डालते हैं और अंततः सर दर्द पैदा करती हैं या कंजक्टिवाइसिस या अन्य समस्या उत्पन्न करती हैं।
- जहां तक संभव हो, खुद को तनाव से बचाएं क्योंकि तनाव आपकी आंखों की तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। तनाव न सिर्फ आंखें ख़राब करता है बल्कि कई भयानक बीमारियों का भी कारण बनता है। प्राणायाम या ध्यान के जरिये तनाव को कम करें।

- महिलाएं एवं लड़कियों को चाहिए कि वे दूसरों के इस्तेमाल में लाये जाने वाले मेकअप के सामानों का उपयोग न करें।कंजक्टिवाइसिस हो जाने पर डॉक्टर को दिखलायें ताकि आपका यह नेत्र रोग आपके घरवालों में या आपके संपर्क में आने वाले लोगों में न फैले।
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