क्लोरीन से हो सकती है फूड एलर्जी की शिकायत
पानी को साफ करने के लिए आमतौर पर क्लोरीन का इस्तेमाल किया जाता है। इससे जल में मौजूद कई हानिकारक बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। लेकिन,अमेरिका में हाल ही में हुए शोध ने इसके तमाम दुष्प्रभावों की तरफ इशारा किया है। इसके मुताबिक क्लोरीन का सहउत्पाद डाईक्लोरोफेनॉल रसायन है। कीटनाशकों और घरेलू उत्पादों में इस्तेमाल होने वाले इस रसायन के चलते कई तरह की फूड एलर्जी पैदा हो रही है। शोधकर्ताओं का दावा है कि क्लोरीन से शुद्ध किए गए पानी पीने वालों में फूड एलर्जी का शिकार होने की संभावना 80 फीसदी तक बढ़ जाती है।
अमेरिका के 2211 वयस्कों के यूरिन के नमूनों का किया गया विशलेषण जिसमें से 411 लोंगों में फूड एलर्जी के लक्षण पाए गए। बाकी 1016 लोगों में पाई गई वातवरण के अन्य कारकों से होने वाली एलर्जी पाई गई।
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प्रमुख शोधकर्ता डॉ एलीना जेरस्शो ने,'पहले हुए शोध अमेरिका में फूड एलर्जी व पर्यावरणीय प्रदूषण के बढ़ने की तरफ इशारा करते रहे हैं। हमारा शोध बताता है कि इन दोनों की कड़ियां जुड़ी हुई हैं। रसायनों के चलते ही फूड एलर्जी बढ़ रही है।'
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ब्रिटेन के ड्रिंकिंग वाटर चीफ इंस्पेक्टर प्रो. जेनी कोलबोर्न के मुताबिक ब्रिटेन में पीने के पानी से फूड एलर्जी के मामलें कम है। लेकिन, लिपिस्टिक, फेशवॉस, टूथपेस्ट आदि में इस्तेमाल रसायन फूड एलर्जी को जन्म दे रहे हैं। अमेरिका में पानी को साफ करने के लिए क्लोरीन का ज्यादा इस्तेमाल होता है। इसलिए वहां पर इसके चलते फूड एलर्जी की संख्या ज्यादा है।
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Source: ओन्ली माई हैल्थ सम्पादकीय विभाग Dec 04, 2012
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