ब्लड कैंसर से ग्रसित बच्चों की परवरिश
आमतौर पर ब्लड कैंसर बच्चों और युवाओं में अधिक देखने को मिलता है। ऐसा कहा और माना जाता है कि यदि ल्यूकीमिया कैंसर के प्रति लोग जागरूक हों और इसका सही समय पर इलाज करवाया जाए तो मरीजों को आसानी से इससे उभरने में आराम मिलता है। सही समय पर ब्लड कैंसर के इलाज और जागरूकता के लिए पेरेटिंग बहुत लाभदायक सिद्घ हो सकती है, खासकर तब जब बच्चे इसे कैंसर से पीडि़त हो। हम यहां आपको कुछ सफल पेरेटिंग टिप्स दे रहे हैं जो बच्चों को ल्यूकीमिया कैंसर से उभरने में मदद कर सकते हैं।
- अपने बच्चे को ल्यूकीमिया के बारे में बताएं। अगर आपके बच्चे की बढ़ती उम्र है तो आपको अपने बच्चे के साथ बोन मैरो और सफेद रक्त कोशिकाओं के बारे में डिस्कस करना चाहिए। यह ल्यू्कीमिया के लिए अच्छा रहता है यदि वह ल्यूकीमिया के प्रति जागरूक हों और उससे संबंधित इलाज के बारे में जानें।
- अपने बच्चों के डॉक्टर से चाइल्डहुड ल्यूकीमिया की किताबों और विडियो के बारे में जानकारी लें,इसके साथ ही आप ऑनलाइन भी ल्यूकीमिया के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
- अपने बच्चें को बाल चिकित्सालय लेकर जाएं जिससे बच्चा वहां के माहौल को जान सकें। वहां की नर्सिंग यूनिट और प्ले्रूम्स इत्यादि के बारे में जान सकें।
- आपको चाहिए कि आप बच्चे की बीमारी का बच्चों में जो फीयर हो जाता है, उसे दूर करने का प्रयास करें। इसके लिए आपको अस्पताल के अनुभवी काउंसलर की मदद लेनी चाहिए। पीडियाट्रिशन आमतौर पर बच्चों को खिलौने और डॉल्स इत्यादि देते हैं जिससे बच्चा सहज महसूस कर सकें।
- आप यह सुनिश्चित कर लें कि आप अपने बच्चे को अत्याधिक प्रोटेक्ट ना कर रहे हों। हां यह जरूरी है कि बच्चों को नुकसान पहुंचाने वाली कुछ गतिविधियों पर आप जरूर प्रतिबंध लगा सकते हैं, लेकिन इसका ये अर्थ नहीं कि आप बच्चों की हर गतिविधि पर प्रतिबंध लगाएं। आपको चाहिए कि आप इसके लिए एक बार बच्चों के काउंसलर से परामर्श लें।
- आप उन अभिभावकों से भी मदद ले सकते हैं जिनके बच्चे ल्यूकीमिया बीमारी से जूझ चुके हैं। ऐसे में आपको अपने बच्चों को ग्रुप में रखना चाहिए। इससे आपका बच्चा ना सिर्फ अपनी बीमारी को अच्छी तरह से समझेगा बल्कि वह अन्य बच्चों के साथ भी आसानी से सहज हो सकता है।
- आप अपने बच्चों को प्यार-प्यार में ऐसे कोई व्यंजन ना दें जिससे बच्चे को नुकसान पहुंचे। आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कीमोथेरपी इलाज के कारण आपके बच्चे को मितली और उल्टी इत्यादि की शिकायत भी हो सकती है।
- आपको अपने बच्चे को अधिक से अधिक तरल पदार्थों को पीने के लिए प्रोत्साहन देना चाहिए। लेकिन ऐसे में आपको चाहिए कि आप बच्चे को ठोस तरल पदार्थ जैसे दूध इत्यादि ना दें।
- अपने बच्चे को मुंह की सफाई के लिए प्रेरित करें। यदि आपका बच्चा रोजाना ब्रश नहीं करेगा तो उसके दांतों, जीभ और मसूड़ों में दिक्कत हो सकती है।
- ल्यूकीमिया के इलाज के दौरान एक साइड इफेक्ट हो सकता है बालों का झड़ना। आप अपने बच्चों को शुरूआत में ही ट्रेंडी हैट या कैप इत्यादि पहनने के लिए प्रोत्साहित करें जिससे बालों के गिरने के बाद बच्चा असहज ना हो।
- आप अपने बच्चे को अधिक से अधिक समय दे। बच्चे को यह महसूस करवाएं कि आप उसे कितना प्यार करते हैं। आपके द्वारा कहे गए प्यार भरे शब्द आपके बच्चें में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेंगे। ये प्रक्रिया ल्यूकीमिया कैंसर के इलाज के दौरान बच्चे को जल्दी ठीक करने में बहुत मददगार साबित होती है।

Source: ओन्ली माई हैल्थ सम्पादकीय विभाग Apr 19, 2012
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