बच्चों में थायराइड के लक्षणों का असर उनके स्वभाव से दिखने लगता है। इसमें बच्चे सुस्त व चिड़चिड़े हो जाते हैं।
हायपरथायराइडिज्म की समस्या तब होती है जब गले में थायराइड ग्रंथि ज्यादा मात्रा में थायराइड हार्मोन का निर्माण करने लगती है। बच्चे व्यस्कों के मुकाबले ज्यादा सक्रिय होते हैं। उनमें एनर्जी लेवल ज्यादा होता है, इसलिए उन्हें थकान व कमजोरी जैसी समस्या महसूस नहीं होती। बच्चों में थायराइड के लक्षणों का असर उनके स्वभाव से दिखने लगता है। इसमें बच्चे सुस्त व चिड़चिड़े हो जाते हैं। बच्चो में ज्यादातर थायराइड ग्रेव्स बीमारी होने की वजह से होता है। इसमें शरीर के थायराइड ग्रंथि पर असर होता है जिससे थायराइड हार्मोंन ज्यादा मात्रा में बनने लगते हैं जो हाइपरथायराइडिज्म का कारण है।
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भावनात्मक बदलाव
बच्चों में हाइपरथायराडिज्म की समस्या होने पर उनमें भावनात्मक परिवतर्न दिखाई देते हैं। बच्चों के मूड में बदलाव होते रहते हैं। सामान्य बच्चों के मुकाबले हाइपरथायराडिज्म के शिकार बच्चे चिड़चिड़े व जल्दी उत्साहित होने लगते हैं। कई बार वे छोटी-छोटी बात पर रोने लगते हैं।
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नींद में परेशानी
हाइपरथायराडिज्म का असर नर्वस सिस्टम पर भी होता है जिसकी वजह से बच्चों को नींद आने भी परेशानी होती है। वे रात भर बैचेन रहते हैं और आराम से सो नहीं पाते। नींद पूरी नहीं होने की वजह से वे सुस्त व चिड़चिड़े हो जाते हैं।
स्कूल में गतिविधियों पर असर
नींद पूरी नहीं पर, चिड़चिड़े स्वभाव के होने की वजह से बच्चों के स्कूल में होने वाले क्रियाकलाप पर भी असर होता है। वे स्कूल में अच्छा महसूस नहीं कर पाते । अन्य बच्चों की अपेक्षा ये स्कूल की गतिविधियों में सक्रिय भी नहीं रह पाते ।
आंखों से संबंधी समस्या
हायपरथाइराडिज्म में बच्चों को आंखो से संबंधी समस्या भी हो सकती है। जैसे आंखों में दर्द होना या कम दिखना। शरीर में थायराइड हर्मोन का स्तर बढ़ने पर ऑप्टिक नर्व व आंखों की कार्निया पर असर होता है जिससे यह समस्याएं होती हैं।
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हाथों में कंपन होना
बच्चों में हायपरथायराडिज्म बढ़ने के साथ ही उनके हाथों में कंपन होने के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। हाथ को सीधा रखने पर हाथों व अंगुलियों में होने वाले कंपन को आसानी से देखा जा सकता है।
हृदय गति व ब्लड प्रेशर बढ़ना
बच्चों में कई बार खेलने व कूदने की वजह से हृदय गति बढ़ जाती है, लेकिन यह समस्या बच्चे के साथ अक्सर हो रही है तो यह हायपरथायरायडिज्म का लक्षण हो सकता है। इसके अलावा बच्चों के ब्लड प्रेशर की भी जांच करवाएं। ब्लड प्रेशर बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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