
महिलाओं में अनियमित पीरियड्स या इर्रेगुलर पीरियड्स की समस्या काफी आम हो गई है। खराब जीवनशैली, खानपान में गड़बड़ी और हार्मोनल असंतुलन के कारण अनियमित पीरियड्स की समस्या हो सकती है। कई महिलाओं को देर से पीरियड्स होते हैं। वहीं, कुछ महिलाओं को तो बिना पिल्स लिए पीरियड्स ही नहीं होते हैं। इतना ही नहीं, कुछ महिलाओं को पीरियड्स के दौरान काफी कम या न के बराबर ब्लीडिंग होती है। यह एक गंभीर समस्या है, जिसे नजरअंदाज करना सेहत पर भरी पड़ सकता है। कुछ महिलाऐं पीरियड्स इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए दवाईयों का सेवन करना शुरू कर देती हैं। लेकिन लगातार इन दवाईयों का सेवन शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। हार्मोनल दवाओं का सेवन करने से वजन बढ़ने, मूड स्विंग्स, अनिद्रा और अवसाद जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आप अनियमित पीरियड्स की समस्या से छुटकारा पाने के लिए प्राकृतिक उपायों की मदद ले सकती हैं।
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर दीक्षा ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए इस समस्या को दूर करने के लिए एक कारगर आयुर्वेदिक नुस्खा शेयर किया है। डॉक्टर दीक्षा बताती हैं कि यह आयुर्वेदिक नुस्खा अनियमित या कम पीरियड्स आने की समस्या को दूर करने में आपकी मदद करेगा। यह ओव्यूलेशन में मदद करेगा और ओवम की क्वालिटी में भी सुधार करेगा। यह एंडोमेट्रियम की मोटाई को सामान्य करेगा और मासिक धर्म को नियंत्रित करेगा। तो चलिए, जानते हैं इसके बारे में विस्तार से -
अनियमित पीरियड्स का आयुर्वेदिक इलाज - Ayurvedic Remedy For Delayed Periods In Hindi
सामग्री
- 20 ग्राम मेथी के बीज
- 20 ग्राम काले तिल के बीज
- 20 ग्राम अलसी के बीज

बनाने का तरीका
बराबर मात्रा में काले तिल के बीज, मेथी के बीज और अलसी के बीज लें। सभी सामग्री को अच्छी तरह भून लें। अब इसे मिक्सी में डालकर अच्छी तरह पीस लें। फिर इस मिश्रण को एक एयर टाइट कंटेनर में स्टोर करके रख लें।
सेवन का तरीका
इस मिश्रण का एक चम्मच रोजाना सुबह या रात में गर्म पानी के साथ लें। इसे रोजाना 12 सप्ताह तक लें। आप हर महीने अपने पीरियड्स के दूसरे दिन से आखिरी दिन तक इस मिश्रण के सेवन को को रोक सकती हैं। अवधि समाप्त होने के बाद इसे लेना फिर से शुरू कर दें।
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फायदा
तिल के बीज
तिल के बीज जिंक से भरपूर होते हैं, जो प्रोजेस्टेरोन को बेहतर बनाने में मदद करता है। तिल का सेवन करने से इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में भी मदद मिलती है। तिल के बीज प्रकृति में गर्म होते हैं और अतिरिक्त कफ को कम करते हैं, जो अनियमित पीरियड्स के लिए जिम्मेदार होता है। तिल का सेवन करने से पीरियड्स को रेगुलर करने में मदद मिलती है।
मेथी के बीज
मेथी के बीज फाइटोएस्ट्रोजेन से भरपूर होते हैं, जो एस्ट्रोजन के स्तर पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इतना ही नहीं, मेथी के बीज एंडोमेट्रियम की मोटाई में सुधार करने में मदद करते हैं, जिससे पीरियड्स के दौरान रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। मेथी के बीज का सेवन करने से इंसुलिन स्पाइक्स को कम करने में मदद मिलती है और वजन कम होता है। नियमित रूप से मेथी के बीजों का सेवन करने से इर्रेगुलर पीरियड्स की समस्या दूर होती है और पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है।
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अलसी के बीज
अलसी के बीज भी अनियमित पीरियड्स की समस्या को दूर करने में काफी प्रभावी हैं। असली के बीज शरीर में एंड्रोजन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इससे पीरियड्स को रेगुलर करने के साथ-साथ वजन कम करने में भी मदद मिलती है।