World Suicide Prevention Day के मौके पर आज हम आपको आत्महत्या और उसके कारणों, इससे बचाव के तरीकों के बारे में बता रहे हैं।
हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day), इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन द्वारा आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी सह-प्रायोजक के तौर पर शामिल होता है। वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे का उद्देश्य दुनिया भर में जागरूकता बढ़ाना है ताकि आत्महत्या को रोका जा सके।
2014 में पेश डब्ल्यूएचओ की पहली ग्लोबल रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल 8 लाख से अधिक लोग आत्महत्या करके मरते हैं। इनमें 75% आत्महत्याएं निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं।
आत्महत्या दुनिया भर में होती है और लगभग किसी भी उम्र में हो सकती है। वैश्विक स्तर पर, 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों में आत्महत्या की दर सबसे अधिक है। हालांकि, कुछ देशों में सबसे अधिक आत्महत्या की दर युवा के बीच पाए जाते हैं। विशेष रूप से, आत्महत्या विश्व स्तर पर 15-29 वर्षीय बच्चों में मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है।
आमतौर पर महिलाओं की तुलना में पुरुषों में आत्महत्या की दर ज्यादा है। अमीर देशों में महिलाओं की तुलना में पुरुष तीन गुना अधिक आत्महत्या से मरते हैं। इन आंकड़ों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि आत्महत्या एक गंभीर समस्या है, जिसका समाधान होना जरूरी है।
आज, वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे (World Suicide Prevention Day) के मौके पर गौतमबुद्ध युनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ साइकोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉक्टर आनंद प्रताप सिंह आपको आत्महत्या और उसके कारणों और इससे बचाव के तरीकों के बारे में बता रहे हैं।
आत्महत्या (Suicide) अपने आप में एक मानसिक बीमारी नहीं है, लेकिन उपचार योग्य मानसिक विकारों का एक गंभीर संभावित परिणाम है जिसमें प्रमुख रूप से अवसाद, बाइपोलर डिसऑर्डर, पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर, सिज़ोफ्रेनिया, सब्सटैंस यूज डिऑर्डर, और चिंता जैसे बुलीमिया और एनोरेक्सिया नर्वोसा शामिल हैं। डॉक्टर आनंद के मुताबिक, जब कोई व्यक्ति अवसाद और निराशावाद के घेरे में आ जाए और समस्या का समाधान दिखाई देना बंद हो जाए और किसी तरह का भावनात्मक सपोर्ट भी न मिले तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है।
आत्महत्या से जुड़े कुछ संकेत हैं, जो आत्महत्या से पहले उसके अंदर दिखाई देते हैं:
आत्महत्या करने के पीछे कई कारण होते हैं, जो निम्नलिखित हैं:
डॉक्टर आनंद कहते हैं कि "यदि आपके परिवार में या दोस्त अवसादग्रस्त है तो उसे कभी अकेला न छोड़ें। यदि वह हमेशा चुप-चुप सा और अकेला रहता है तो उसे भावनात्मक सपोर्ट दें। ऐसे व्यक्तियों की समस्या के समाधान के लिए नए विकल्पों की तलाश करें। यदि कोई ब्रेकअप की वजह से अवसाद में है तो उसे वर्तमान रिश्तों के मूल्यों के बारे में बताएं। ऐसे व्यक्तियों को तनावपूर्ण माहौल से दूर रखें। अगर, व्यक्ति अवसाद, सिंजोफ्रेनिया या अन्य किसी मानसिक विकार से ग्रसित है तो उसे किसी अच्छे मानसिक रोग विशेषज्ञ से इलाज कराना चाहिए।"
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