अल्जाइमर गंभीर बीमारी है, जिसके शुरुआती लक्षण बहुत सामान्य होते हैं इसलिए अक्सर लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। डॉक्टर से जानें इसके शुरुआती संकेत।
अल्जाइमर और डिमेंशिया एक जैसी ही बीमारियों के अलग-अलग स्टेज हैं। अक्सर ही इन दोनों को लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं। दोनों ही समस्याओं के शुरुआती संकेत याददाश्त में कमी होती है। लेकिन अल्जाइमर या डिमेंशिया के शुरुआती संकेत इतने सामान्य होते हैं कि लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। इन दिनों 60 की उम्र के बाद अल्जाइमर के मामले बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं, इसीलिए इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस (World Alzheimer's Day) मनाया जाता है। अल्जाइमर के लक्षणों को समझने के लिए हमने बात की शारदा हॉस्पिटल, नोएडा के न्यूरोसर्जरी विभाग के हेड डॉ. विकास भारद्वाज से। उन्होंने हमें कई महत्वपूर्ण बातें बताई हैं।
डॉ. विकास भारद्वाज बताते हैं, "अल्जाइमर का पहला लक्षण मेमोरी लॉस (याददाश्त खोना) है। शुरुआती अवस्था में लोग नई सीखी हुई चीजों को भूलने लगते हैं, जैसे- लोगों के नाम, प्रमुख घटनाएं, रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजें आदि। इस अवस्था में लोग बार-बार सवाल करते हैं और चीजों को याद करने के लिए अधिकतर दूसरों पर निर्भर रहने लगते हैं, जैसे- रिमाइंडर्स या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज या कोई परिवार का सदस्य आदि जो उन्हें सही समय पर जरूरी बातें याद दिला सके। इसके बाद शुरू होती है लिखने और पढ़ने की समस्या। कुछ स्थितियों में व्यक्ति को लोगों की बातचीत में शामिल होने में भी परेशानी हो सकती है। ऐसी स्थिति में लोग बात करते-करते अचानक बात बीच में छोड़ देते हैं क्योंकि उन्हें नहीं समझ आता है कि वो आगे क्या बात करें या वो किस संदर्भ में अपनी बात कह रहे थे।"
अल्जाइमर रोग का प्रमुख लक्षण यादाश्त का कम होते जाना है। शुरुआती दौर लोगों को हाल की घटनाओं और बातचीत को याद रखना मुश्किल हो सकता है। साथ ही किसी खास समय और स्थान पर होने वाली घटनाओं को का भी आमतौर पर गहरा प्रभावित होता है जैसे-जैसे यह बीमारी बढ़ती जाती है। यादाश्त कम होता जाता है। जिस कारण रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है ।
यह बीमारी जैसे जैसे बढ़ती जाती है, लोगों की यादाश्त कम होती जाती है। आलम यह है कि लोग अपने रोजमर्रा की चीजें मसलन अपने दराज में रखी चीजों का भूल जाना या कमरे से बाहर निकलते समय लाइट बंद करना भूल जाना, नहाने या कपड़े बदलना और यहां तक कि व्यक्ति खाना खाना तक भूलने लगता है। इन रोगियों में मुख्यत नीचे दिए गए लक्षण देखे जा सकते हैं।
इस बीमारी मैं रोगियों के लिए ध्यान केंद्रित करने, सोचने और तर्क करने में मुश्किल होने लगती है। खासकर नंबर कैलकूलेशन जैसी चीजें बेहद मुश्किल हो जाती है। यही नहीं, इस बीमारी में एक समय में एक से अधिक कार्य करना रोगी के लिए मुश्किल हो सकता है। ऐसे में उन्हें अपने बिलों का भुगतान करना और पैंसो का लेन-देन करना मुश्किल हो सकता है। यह अक्षमता धीरे-धीरे खराब हो सकती है और मरीज पूरी तरह से संख्या से निपटने में सक्षम नहीं हो सकते हैं। इसके अलावा, व्यक्ति दिन में अधिक सोने लगता है।
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इस रोग में रोगी निर्णय लेने में धीरे-धीरे बहुत कमजोर होते जाते है। यहां तक की गर्मी सर्दियों के बीच अंतर करने में असमर्थ हो सकते हैं। जिससे अनुचित कपड़े पहनने लगते हैं, जो मौसम के साथ मेल नहीं खाते हैं। वे लोगों के साथ प्रतिक्रिया करने और बातचीत करने का सही तरीका भी भूल सकते हैं।
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अल्जाइमर रोग में रोगी मन के भीतर होने वाले परिवर्तन मूड और व्यवहार को नही पहचान पाते। इस बीमारी में रोगी को नींद की आदतों में बदलाव, रूचि की कमी, सामाजिक मेलजोल में कमी, भ्रम, अवसाद, चिड़चिड़ापन और आक्रामकता का अनुभव हो सकता है।
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