प्रेगनेंसी में पानी पीना बेहद आवश्यक होता है। इससे महिलाएं कई तरह की समस्याओं से बच सकती हैं।
Drinking Water In Pregnancy In Hindi : प्रेगनेंसी में महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्ट्रोन और एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर अधिक होता है। इस वजह से उनको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस समय शरीर में पानी का स्तर सही बनाए रखना बेहद आवश्यक होता है। सही मात्रा में पानी पीने से प्रेगनेंसी के समय महिलाओं को पेशाब से संबंधित इंफेक्शन, ब्लैडर व किडनी इंफेक्शन का खतरा भी कम हो जाता है। प्रेगनेंसी में महिलाओं को दिन में कम से कम आठ ग्लास तक पानी पीना चाहिए। दरअसल जब आप पानी पीती हैं तो इससे आपकी पाचन क्रिया बेहतर होती है और पेट का मल आसानी से बाहर आ जाता है। इसलिए डॉक्टर भी प्रेगनेंसी के समय महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की सलाह देते हैं। इस पर हमनें मैक्स अस्पताल शालिमार बाग की स्री रोग विशेषज्ञ और एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. अंकिता चंदना से बात कि तो उन्होंने प्रेग्नेंसी में पानी पीने के महत्व को विस्तार से बताया।
प्रेगनेंसी में पानी पीते रहना बेहद आवश्यक होता है। जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि इससे शरीर हाइड्रेट रहता है और महिलाओं को विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में आसानी होती है। आगे जानते हैं प्रेगनेंसी में पानी पीने के फायदे।
प्रेगनेंसी के समय यदि महिलाओं को पानी की कमी होने लगे तो उन्हें सिर में दर्द महसूस होने लगता है। शरीर के कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए महिला को प्रेगनेंसी में पर्याप्त पानी पीना चाहिए। इससे हाथ पैरों में सूजन नहीं आती है और चक्कर की समस्या में भी आराम मिलता है।
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प्रेगनेंसी का समय बढ़ने के साथ ही महिलाओं को सीने में जलन की समस्या होने लगती है। दरअसल पाचन क्रिया के बाधित होने की वजह से अधिकतर महिलाओं को इस समस्या का सामना करना पड़ता है। लेकिन गर्भावस्था में पर्याप्त पानी पीने से पाचन क्रिया में सुधार आता है और सीने में जलन की समस्या कम होती है और एसिडिटी की समस्या भी नहीं होती है।
गर्भावस्था में पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से महिलाओं को मूत्र मार्ग संक्रमण यानी यूटीआई संक्रमण होने की संभावना बेहद कम हो जाती है। सही मात्रा में पानी पीने से पेशाब से होने वाला संक्रमण नहीं होता है। जबकि गर्भावस्था में अधिकतर महिलाओं में यूटीआई की समस्या देखने को मिलती है।
प्रेगनेंसी की तिसरी तिमाही में महिलाओं को पानी की कमी की वजह से कॉन्ट्रैक्शन होने की संभावना अधिक होती है। समय से पहले कॉन्ट्रैक्शन का दर्द न हो इस वजह से महिलाओं को प्रेगनेंसी की हर तिमाही में पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए।
शरीर में पानी का पर्याप्त स्तर हार्मोन को बैलेंस रखने में सहायक होता है। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होती है और सभी अंगों को पर्याप्त मात्रा में तरल मिलता है। जिसकी वजह से शरीर में बनने वाले हार्मोन भी बैलेंस में रहते हैं।
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प्रेगनेंसी में आपको करीब आठ से बारह ग्लास तक पानी पीना चाहिए। एक साथ खूब पानी न पिएं। इस मात्रा को पूरे दिन में कुछ घंटों के अंतराल में बांट दें। इससे आपको पानी पीने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी। यदि आपको प्रेगनेंसी में किसी भी तरह की समस्या हो रही हो तो घरेलू उपायों को आजमाने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
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