Arthritis in Girls : लड़काें की तुलनाे में लड़कियाें काे अर्थराइटिस अधिक प्रभावित करता है। जानें इसके लक्षण, कारण और प्रकार-
लड़काें की तुलना में लड़कियाें काे अर्थराइटिस हाेने की संभावना अधिक क्याें रहती हैं? इस पर ग्लाेबल हॉस्पिटल, मुंबई के वरिष्ठ सलाहकार-हड्डी रोग और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट के डॉक्टर श्रीधर अर्चिक (Dr Shreedhar Archik, Senior Consultant-Orthopedics and Joint Replacement, Global Hospitals, Mumbai) बताते हैं कि लड़कियाें काे अर्थराइटिस हाेने का जाेखिम अधिक हाेता है। लड़कियाें काे जेआए यानी जुवेनाइल रूमेटाइड अर्थराइटिस (Juvenile Rheumatoid Arthritis) हाेने की संभावना अधिक रहती है।
डॉक्टर श्रीधर बताते हैं कि लड़काें के मुकाबले लड़कियां अर्थराइटिस खासकर जुवेनाइल रूमेटाइड अर्थराइटिस (रूमेटाइड अर्थराइटिस मरीजाें के लिए डाइट टिप्स) से अधिक प्रभावित हाेती हैं। इसके दाे कारण हैं। पहला- महिलाओं या लड़कियाें काे पुरुषाें की तुलना में अधिक संख्या में ऑटाेइम्यून बीमारियां हाेती हैं। महिलाओं की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत और अधिक प्रतिक्रियाशील हाेती है। दूसरा- हॉर्माेन आरए यानी रूमेटाइड अर्थराइटिस जाेखिम और फ्लेरेस काे प्रभावित करते हैं। इन दाे कारणाें की वजह से अकसर ही लड़कियाें में लड़काें के मुकाबले अर्थराइटिस हाेने की संभावना अधिक रहती है।
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पॉसीआर्टिकुलर अर्थराइटिस का सबसे सामान्य प्रकार है। यह अर्थराइटिस आमतौर पर घुटनाें और जाेडा़ें काे प्रभावित करता है। यह अर्थराइटिस 8 साल से कम उम्र की लड़कियाें में अधिक देखने काे मिलता है। यह छाेटी लड़कियाें काे अधिक प्रभावित करता है। पॉसीआर्टिकुलर जेआरए वाले कुछ लड़कियाें में रक्त में असामान्य प्राेटीन हाेते हैं, जिन्हें एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी कहा जाता है।
जुवेनाइल रूमेटाइड अर्थराइटिस वाली सभी लड़कियाें में से लगभग 30 प्रतिशत लड़कियाें काे पॉलीआर्टिकुलर राेग ाहेता है। इसमें 5 से अधिक जाेड़ प्रभावित हाेते हैं। यह अर्थराइटिस हाथ, पैराें के जाेड़ के साथ ही बड़े जाेड़ाें काे भी प्रभावित कर सकता है।
प्रणालीगत जुवेनाइल रूमेटाइड अर्थराइटिस में सूजन, बुखार, हल्के गुलाबी रंग के दाने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। यह हृदय, लिवर, लिम्फ नाेड्स आदि आंतरिक अंगाें काे भी प्रभावित कर सकता है। इस अर्थराइटिस से पीड़ित लड़कियाें का एक छाेटा प्रतिशत कई जाेड़ाें में गठिया विकसित करता है। यह गठिया गंभीर भी हाे सकता है।
अर्थराइटिस के 100 से अधिक प्रकार हाेते हैं। लेकिन जुवेनाइल रूमेटाइड अर्थराइटिस इसका सबसे सामान्य प्रकार है। जुवेनाइल रूमेटाइड अर्थराइटिस के 3 प्रकार हाेते हैं। किसी भी व्यक्ति में अर्थराइटिस हाेने पर कई लक्षण नजर आते हैं। वैसे ताे सभी प्रकार के अर्थराइटिस के लक्षण अलग-अलग हाे सकते हैं, लेकिन कुछ ऐसे लक्षण हैं, जाे सभी प्रकार के अर्थराइटिस में देखने काे मिल सकते हैं।
ये सभी लक्षण ऐसे हैं, जाे सभी तरह के अर्थराइटिस में देखने काे मिल सकते हैं। अगर आपकाे इनमें से काेई भी लक्षण नजर आए, ताे तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें। डॉक्टर आपकाे जांच करके बता सकते हैं कि आपकाे अर्थराइटिस है या नहीं। साथ ही इस बात की भी जानकारी मिल सकती है कि कौन-से प्रकार का अर्थराइटिस आपकाे है।
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जीवनशैली में बदलाव करके सभी तरह की बीमारियाें से अपना बचाव (गठिया के लिए घरेलू उपाय) किया जा सकता है। अगर आप अर्थराइटिस से अपना बचाव करना चाहते हैं, ताे इस स्थिति में आपकाे कुछ चीजाें का ध्यान रखना हाेगा। इससे आपकाे काफी हद तक अर्थराइटिस के लक्षणाें से बच सकते हैं।
रेगुलर एक्सरसाइज : नियमित रूप से एक्सरसाइज करके आप अर्थराइटिस से अपना बचाव कर सकते हैं। इससे मांसपेशियाें काे ताकत मिलती है और ज्वाइंट्स की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है।
गर्म पानी : अगर आपकाे ठंडे पानी से नहाने में ठंडा लगता है या इस पानी से नहाने के बाद आपकाे अधिक दर्द महसूस हाेता है, ताे इस स्थिति में आप गर्म पानी से नहा सकते हैं।
अच्छा आहार : अर्थराइटिस में अकसर वजन कम हाेने लगता है। ऐसे में अच्छी डाइट फॉलाे करके और शारीरिक सक्रियता से वजन बढ़ाया जा सकता है।
कैल्शियम काे डाइट में शामिल : कैल्शियम हड्डियाें की मजबूती के लिए एक जरूरी पाेषक तत्व है। अकसर शरीर में कैल्शियम की कमी हाेने पर जाेड़ाें में दर्द हाेता है। ऐसे में आप कैल्शियम युक्त डाइट जरूर लें।
आप भी इन बचाव टिप्स काे फॉलाे करके गंभीर जुवेनाइल रूमेटाइड अर्थराइटिस से अपना या अपनाें का बचाव कर सकते हैं।
(Images : Freepik )
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