कॉमन कोल्‍ड क्या है? सर्दी-जुकाम से कितना अलग है ये, जानें इसके कारण और बचाव

जुकाम एक तरह एलर्जी है जो जिसे गंभीरता से ना लेना नुकसानदेह हो सकता है। जानें क्यों मौसम बदलने के साथ ही जुकाम की समसया शुरु हो जाती है।

Written by: Atul Modi Updated at: 2019-10-11 19:26

कॉमन कोल्ड की समस्या सुनने में आम लगती हो लेकिन वास्तम में अगर इसे गंभीरता से ना लिया जाए तो यह गंभीर समस्या भी बन सकती है। जुकाम का अर्थ है कि आपके श्वसन तंत्र में कुछ समस्या है जिसका निवारण करना जरूरी हो जाता है।

कॉमन कोल्ड एक प्रकार की एलर्जी है, जिसमें नाक से पानी या बलगम निकलता है। जुकाम में हमारे श्वसन तंत्र में पस सेल्स और पानी का मिश्रण बन जाता है और इसी का नाक और गले के माध्यम से सीक्रेशन होने लगता है। जुकाम अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह इस बात का लक्षण है कि श्वसन तंत्र में एलर्जी या इन्फेक्शन हो चुका है और अगर इसे ठीक करने के उपाय नहीं किया गया तो निमोनिया और यूआरआई जैसी दूसरी बीमारियां हो सकती हैं।

 

जुकाम ठीक होने में कितने दिन लगते हैं, यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर निर्भर करता है। किसी का जुकाम दो-तीन में ठीक हो जाता है, किसी का चार-पांच दिन में, तो  किसी को दस दिन भी लग सकते हैं। (स्‍वाइन फ्लू होने पर बरतें ये 5 सावधानियां, बच जाएगी मरीज की जान)

जुकाम में राइनो, एडेनो और कोराना जैसे वायरस नाक के बहने या बंद नाक का कारण बन सकते हैं। कई बार आपको जुकाम के दौरान शरीर व सिर में दर्द और सूखी खांसी की शिकायत भी हो सकती है। ये लक्षण प्राय: 4 से 9 दिन तक रहते हैं। ज्यादातर लोग जुकाम को खुद ब खुद ठीक होने वे विश्वास रखते हैं इसलिए वे दवा लेने से बचते हैं। लेकिन ऐसे करना कभी-कभी नुकसानदेह भी हो सकता है। सर्दियों में जुकाम होने का आंशका ज्यादा होता है क्योंकि बदलते मौसम में हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ जाती है। (फ्लू वैक्सीन से जुड़े ये पांच झूठ, जिसे लोग अक्‍सर मानते हैं सच)

 

कैसे होता है जुकाम

  • हवा में मौजूद बैक्टीरिया या वायरस सांस लेने के साथ ही हमारे शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं जिससे संक्रमण हो जाता है। नतीजा यह होता है कि नाक से पानी आना शुरु हो जाता है। यह जुकाम की शुरुआती अवस्था होती है। शरीर में प्रवेश करने वाले बैक्टीरिया सांस लेने की प्रक्रिया में इन्फेक्शन पैदा कर देते हैं।
  • कभी-कभी अचानक से मौसम बदलने, ठंडा गर्म खाने व ठंडे से गर्म माहौल में जाने से भी जुकाम हो सकता है। इसके अलावा, जुकाम और इन्फ्लूएन्जा (फ्लू) के अंतर को भी समझना जरूरी है। अक्सर जुकाम को फ्लू समझने की भूल की जाती है। फ्लू इन्फ्लूएन्जा के वायरस से होता है, जबकि जुकाम अन्य कारणों से। दोनों बीमारियां एक दूसरे से मिलती जरूर हैं। फ्लू के दौरान तेज बुखार से सिरदर्द, अंग दर्द, सूखी खांसी और बेहद कमजोरी भी महसूस होती है।
  • जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, वे जुकाम की चपेट में जल्दी ही आ जाते हैं।
  • प्रदूषण की वजह से भी जुकाम हो सकता है।
  • बच्चे, बूढ़े, शुगर, हाई बीपी, टीबी, दमा, हार्ट, एचआईवी, एड्स, हेपटाइटिस व एनीमिया के मरीजों के अलावा कुपोषण के शिकार लोगों को जुकाम जल्दी हो जाता है।
  • जिन लोगों का शरीर सेंसिटिव है या जल्दी संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं, उन्हें जुकाम जल्दी हो सकता है।

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