प्रेगनेंसी के दौरान डिसइंफेक्टेंट का इस्तेमाल करने से बच्चे को एलर्जी की वजह से अस्थमा और एक्जिमा का खतरा बढ़ जाता है, जानें इसके बारे में।
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को कामकाज के दौरान कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। ऐसा न करने से उनको स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं होने का खतरा रहता है। आज के समय में लगभग हर घर में कीटाणुओं को दूर करने के लिए और बीमारियों से बचने के लिए कीटाणुनाशकों (Disinfectant) का प्रयोग किया जाता है। कोरोना महामारी के बाद से इसके इस्तेमाल में इजाफा भी हुआ है। लेकिन हाल ही में सामने आई एक स्टडी के मुताबिक अगर प्रेगनेंसी में आप घर में डिसइंफेक्टेंट का इस्तेमाल करते हैं तो इसकी वजह से आपको और गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान हो सकता है। अंग्रेजी पत्रिका 'Occupational and Environmental Medicine' में छपे एक शोध के मुताबिक प्रेगनेंसी में घर की साफ-सफाई करते समय डिसइंफेक्टेंट का इस्तेमाल करने से बच्चे को अस्थमा और एक्जिमा जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। आइये विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।
घर में साफ-सफाई करते समय सभी लोग डिसइंफेक्टेंट का इस्तेमाल जरूर करते हैं। स्टडी के मुताबिक गर्भवती महिलाएं अगर घरों की साफ-सफाई या ऑफिस आदि में साफ-सफाई के लिए डिसइंफेक्टेंट का इस्तेमाल करती हैं तो इसकी वजह से पेट में पल रहे बच्चे को अस्थमा और एक्जिमा की समस्या का खतरा रहता है। ऑक्यूपेशनल एंड एनवायर्नमेंटल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में कोविड 19 के बाद घर और ऑफिस में डिसइंफेक्टेंट का इस्तेमाल बढ़ने के बाद यह शोध किया है जिसमें 78,915 लोगों को शामिल किया गया था। ऐसी गर्भवती महिलाओं के बच्चे को 3 साल की उम्र तक अस्थमा की समस्या और एक्जिमा होने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है। इस अध्ययन में कहा गया है कि कोरोना महामारी के बाद से ऑफिस, अस्पताल और अन्य जगहों पर कीटाणुनाशकों का इस्तेमाल बढ़ गया है और इसकी वजह से लोगों में अस्थमा और एक्जिमा की समस्या तेजी से बढ़ रही है। लखनऊ की मशहूर स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉक्टर श्रद्धा कहती हैं कि गर्भावस्था के दौरान कीटाणुनाशकों का इस्तेमाल करने से बच्चों में एलर्जी की समस्या भी बढ़ जाती है। इसे लेकर तमाम तरह के अध्ययन और शोध सामने आये हैं लेकिन इसके बारे में सटीक जानकारी अभी तक नहीं मिल पायी है।
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बच्चों में अस्थमा की समस्या बड़े लोगों के जैसी ही होती है। बच्चों में अस्थमा होने पर उनके फेफड़ों और सांस की नली में सूजन की समस्या भी हो सकती है। बच्चों में अस्थमा होने पर उन्हें सांस लेने में तकलीफ और सोते समय उन्हें कई समस्याएं हो सकती हैं। बच्चों में अस्थमा की समस्या होने पर दिखने वाले लक्षण बड़ों में दिखने वाले लक्षणों से अलग होते हैं। बच्चों में अस्थमा होने पर ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
बच्चों में एक्जिमा की समस्या स्किन से जुड़ी एक गंभीर समस्या है जिसमें स्किन पर खुजली और लाल रंग के चकत्ते आदि हो सकते हैं। वैसे तो यह समस्या किसी को भी हो सकती है लेकिन बच्चों में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है। बच्चों का शरीर कमजोर होने पर या रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर यह समस्या बच्चों में ज्यादा देखी जाती है। इसकी वजह से बच्चों को स्किन में खुजली और जलन भी हो सकती है। यह बीमारी बच्चों में लंबे समय तक रह सकती है। इसलिए ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए। बच्चों में एक्जिमा होने पर दिखाई देने वाले लक्षण इस तरह से हैं।
गर्भावस्था या प्रेगनेंसी के दौरान कीटाणुनाशकों (डिसइंफेक्टेंट) के संपर्क में आने से बच्चों पर एलर्जी का प्रभाव पड़ता है। इसकी वजह से बच्चों में एलर्जी की बीमारी की वजह से अस्थमा और एक्जिमा का खतरा बना रहता है। बच्चों में एक्जिमा और अस्थमा की समस्या होने पर आपको डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए। इसके अलावा इस समस्या से बचने के लिए प्रेगनेंसी के दौरान आपको डिसइंफेक्टेंट या कीटाणुनाशकों के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
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