World Malaria Day 2022: 5 तरह का हो सकता है मलेरिया बुखार, डॉक्टर से जानें इनके लक्षण

Malaria Types in Hindi: मलेरिया मच्छरों से होने वाला एक संक्रामक रोग है। यह प्लाज्मोडियम नामक जीवाणु की वजह से होता है। 

Written by: Anju Rawat Updated at: 2022-04-25 13:29

Malaria Symptoms in Hindi: मलेरिया एक प्रकार का बुखार है, जो ठंड या कंपकंपी लगकर आता है। यह बुखार मच्छरों से होने वाला एक तरह का सक्रामक रोग है। मलेरिया मादा मच्छर एनोफिलीज (anopheles mosquito) के काटने से होता है। इस मच्छर में एक खास तरह का जीवाणु होता है, इसे प्लास्मोडियम (plasmodium) कहा जाता है। जब एनोफिलीज मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है, तो उसमें मलेरिया के लक्षण नजर आ सकते हैं। बुखार, पसीना आना, शरीर में दर्द और उल्टी आना मलेरिया के लक्षण (Malaria Symptoms in Hindi) होते हैं। 

मलेरिया बुखार फैलाने वाले इस मच्छर में प्लास्मोडियम जीवाणु की 5 प्रजातियां होती हैं। जब यह मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है, तो प्लास्मोडियम नामक जीवाणु व्यक्ति के शरीर में जाता है इससे मलेरिया बुखार होता है। प्लास्मोडियम जीवाणु रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करता है, इससे व्यक्ति बीमार पड़ता है। वैसे तो मलेरिया का इलाज संभव है, लेकिन समय पर इलाज न करना जोखिम को बढ़ा सकता है। आज विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day 2022) के मौके पर हम आपको मलेरिया बुखार के 5 प्रकारों (Types of Malaria in Hindi) के बारे में फैमिली फिजिशियंस ऑफ इंडिया, ग्रेटर नोएडा के अध्यक्ष डॉक्टर रमन कुमार से विस्तार से जानें-

1. प्लास्मोडियम वाइवैक्स (Plasmodium Vivax)

अधिकतर लोग मलेरिया के प्लास्मोडियम वाइवैक्स प्रकार से पीड़ित होते हैं। यह मलेरिया बुखार मुख्य रूप से भारत में भी पाया जाता है। भारत में मलेरिया के लगभग 60 फीसदी मामले प्लास्मोडियम वाइवैक्स के सामने आते हैं। इस जीवाणु के शरीर में प्रवेश करने पर दस्त, थकान, बार-बार ठंड लगना, बुखार, कमर दर्द, पैर और हाथों में दर्द, भूख न लगना जैसे लक्षण नजर आते हैं। 

2. प्लास्मोडियम ओवले (Plasmodium Ovale) 

यह मलेरिया बुखार मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्र में पाया जाता है। प्लास्मोडियम ओवले मलेरिया का सबसे दुर्लभ प्रकार है। यह दुर्लभ इसलिए है, क्योंकि मच्छर के काटने के बाद परजीवी लंबे समय तक शरीर में रहता है। भारत में इसके मामले न के बराबर देखने को मिलते हैं। 

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3. प्लास्मोडियम मलेरिया (Plasmodium Malariae)

प्लास्मोडियम मलेरिया मध्य और दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। यह मलेरिया प्लास्मोडिया वाइवैक्स की तुलना में कम घातक होता है। लेकिन इसके मामले कुछ लोगों में देखने को जरूर मिलते हैं। इस मलेरिया में रोगी को हर चौथे दिन में बुखार आ जाता है। इसके अलावा ठंड लगना, तेज बुखार और कमजोरी इस मलेरिया बुखार के सामान्य लक्षण होते हैं। इतना ही नहीं प्लास्मोडियम मलेरिया में पेशाब के जरिए प्रोटीन भी निकलने लगता है, इससे शरीर में प्रोटीन की कमी होने लगती है। कमजोरी, थकान महसूस होने लगती है।

4. प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम (Plasmodium Falciparum) 

प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम मलेरिया के सबसे घातक प्रकार में से एक है। इस मलेरिया के वजह कई लोगों की जान भी चली जाती है। यह मलेरिया दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका में अधिक पाई जाती है। चक्कर आना, मांसपेशियों में दर्द, थकान, पेट में दर्द, पीठ में दर्द, दौरे, मतली, उल्टी, बुखार, सिरदर्द आदि प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम मलेरिया के लक्षण होते हैं। यह मलेरिया होने पर गंभीर लक्षण जैसे लकवा, चेतना के स्तर में परिवर्तन भी नजर आ सकते हैं। मलेरिया के इस प्रकार को सबसे गंभीर माना जाता है। लेकिन समय पर इलाज से इसका उपचार किया जा सकता है।

5. प्लास्मोडियम नोलेसी ( Plasmodium Knowlesi) 

प्लास्मोडियम नोलेसी मलेरिया का एक प्रकार है, यह दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाने वाला एक प्राइमेट मलेरिया परजीवी है। इस मलेरिया से पीड़ित रोगी को ठंड लगने के साथ बुखार भी रहता है। इसके अलावा सिर दर्द, भूख ना लगना भी प्लास्मोडियम नोलेसी के लक्षणों में शामिल हैं।

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मलेरिया से बचाव के उपाय (How to Prevent from Malaria)

  • मलेरिया से बचने के लिए ऐसे कपड़े पहनें, जो आपके पूरे शरीर को ढकें। किसी भी हिस्से को खुला न छोड़ें। 
  • घर और घर के आस-पास मच्छरों को जमा न होने दें। घर की पूरी सफाई रखें।
  • आपके घर में या उसके आस-पास पानी जमा न होने दें। 

मलेरिया से बचाव के लिए खुद को मच्छरों से सुरक्षित रखना बहुत जरूरी होता है। क्योंकि मच्छरों के काटने पर ही मलेरिया बुखार फैलता है। मलेरिया को कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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