ग्लूकोमा (Glaucoma in hindi) आंखों की एक ऐसी बीमारी है जिसमें आपकी आंख के पिछले हिस्से की ऑप्टिक नर्व डैमेज हो जाती है। इससे आपकी आंखों की रोशनी जा सकती है और आप हमेशा के लिए अंधे हो सकते हैं। इसे लेकर चिंताजनक बात ये है कि ग्लूकोमा के लक्षण इतनी धीमी गति से शुरू होते हैं कि आप उन्हें नोटिस नहीं कर पाते हैं। इसी कारण समय के साथ आपकी आंखों की स्थिति बेहद खराब होती जाती है। इसमें आपकी आंख के अंदर दबाव बढ़ता जाता है। ग्लूकोमा जेनेटिक हो सकता है और लंबे समय तक आपके परिवार में चल सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आपके परिवार में अगर किसी को भी ग्लूकोमा हुआ हो तो आप अपनी आंखों की जांच करवाते रहें।
यह ग्लूकोमा का सबसे आम रूप है। इसमें ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान धीमा और दर्द रहित होता है। इससे पहले कि आप किसी दृष्टि की समस्या को नोटिस करते हैं तब तक आपकी आंखें ज्यादा खराब हो चुकी होती हैं। जैसे-जैसे ये बढ़ाता है आपकी आंखे ड्राई होने लगती है और जहां से आपकी आंखों में पानी आता है वो ड्रेनेज सिस्टम खराब हो जाती है। इससे तरल पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है और आंख के भीतर दबाव का धीरे-धीरे निर्माण होता है। इस प्रकार के ग्लूकोमा में ऑप्टिक नर्व पर जोर पड़ता है और वो खराब हो जाती हैं।
इस प्रकार का ग्लूकोमा, जिसे क्लोज्ड-एंगल ग्लूकोमा या नैरो-एंगल ग्लूकोमा भी कहा जाता है ये बहुत कम लोगों को होता है। ये एक मेडिकल कंडीशन है जिसमें शुरुआत के एक दिन के भीतर दृष्टि हानि हो जाती है। यह तब होता है जब आंख में ड्रेनेज सिस्टम बंद हो जाता है या ब्लॉक हो जाता है। इस प्रकार के ग्लूकोमा को विकसित करने वाले बहुत से लोगों में ड्रेनेज सिस्टम बहुत संकीर्ण होती है। उम्र के साथ, आंखों में लेंस बड़ा हो जाता है, आईरिस को आगे बढ़ाता है और आईरिस और कॉर्निया के बीच की जगह को कम करता है। जैसे ही यह कोण संकरा होता है, आंखों में द्रव जल निकासी प्रणाली से अवरुद्ध हो जाता है। इसलिए द्रव का निर्माण होता है और आंखों का दबाव बढ़ जाता है।
इस प्रकार का ग्लूकोमा चोट या किसी अन्य नेत्र रोग के परिणामस्वरूप होता है। यह विभिन्न प्रकार की चिकित्सीय स्थितियों, दवाओं, शारीरिक चोटों और आंखों की असामान्यताओं के कारण हो सकता है। कभी-कभी, आंखों के ऑपरेशन के बाद भी ये हो सकता है।
ग्लूकोमा के इस रूप में, आंखों का दबाव सामान्य सीमा के भीतर रहता है, लेकिन फिर भी ऑप्टिक तंत्रिका क्षतिग्रस्त हो जाती है। लो-टेंशन ग्लूकोमा वाले लोगों में असामान्य रूप से सेंसिटिव ऑप्टिक नर्व होती है। या फिर किसी भी कारण से ऑप्टिक नर्व तक ब्लड सर्कुलेशन बाधित हो जाती है। इन परिस्थितियों में, ऑप्टिक तंत्रिका पर सामान्य दबाव भी नुकसान पहुंचा सकता है।
60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में।
ग्लूकोमा का पारिवारिक इतिहास रहा हो तो।
डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोग से ग्लूकोमा होने का खतरा बढ़ सकता है।
आंख की चोट।
आंख से संबंधित अन्य जोखिम कारक जैसे सेंसिटिव ऑप्टिक नर्व, रेटिना डिटेचमेंट, आंखों के ट्यूमर और आंखों की सूजन जैसी स्थितियां भी ग्लूकोमा को ट्रिगर कर सकती हैं।
कुछ स्टेरॉयड दवाएं।
सामान्य से पतले कॉर्निया।
सिकल सेल एनीमिया।
आंखों का खराब ब्लड सर्कुलेशन।
ग्लूकोमा के लक्षण आपकी आंख की स्थिति और अवस्था के आधार पर अलग हो सकते हैं। जैसे कि
ओपन-एंगल ग्लूकोमा में अक्सर दोनों आंखों में धब्बे नजर आ सकते हैं।
भयानक सरदर्द
आंख का दर्द
मतली और उल्टी
धुंधला दिखना
आंख लाल होना
पूरी तरह से आंखे खराब हो जाना।
ग्लूकोमा की पहचान के लिए सबसे पहले तो पूरी आई टेस्ट करवाएं। उसके बाद डॉक्टर को दिखाएं। डॉक्टर आंखों के दबाव, ड्रेनेज सिस्टम, ऑप्टिक नर्व और कॉर्निया की मोटाई की जांच करेंगे। इसके लिए वे टोनोमेट्री, पैचिमेट्री और गोनियोस्कोपी आदि की मदद ले सकते हैं। ग्लूकोमा से होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती है। लेकिन उपचार और नियमित जांच दृष्टि हानि को धीमा करने या रोकने में मदद कर सकती है। खासकर अगर आप रोग को उसके प्रारंभिक चरण में पकड़ लेते हैं। ग्लूकोमा का इलाज आपकी आंखों के दबाव (इंट्राओकुलर प्रेशर) को कम करने के लिए किया जाता है। आपकी स्थिति के आधार पर, डॉक्टर विकल्पों में प्रिस्क्रिप्शन में आईड्रॉप्स, मौखिक दवाएं, लेजर उपचार और सर्जरी आदि का सुझाव दे सकते हैं। ग्लूकोमा से बचाव के लिए आप
वजन संतुलित रखें। हाई और लो दोनों, बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) ग्लूकोमा के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
धूम्रपान से बचें।
तनाव ना लें और हाई ब्लड प्रेशर से बचें।
समय-समय पर आंखों की जांच करवाएं।
ग्लूकोमा की जांच कराएं।
इन सबके अलावा अपने परिवार के नेत्र स्वास्थ्य इतिहास को जानें। ग्लूकोमा परिवारों में चलता आ रहा हो तो, डॉक्टर को पहले से दिखा कर सचेत रहें। सुरक्षित रूप से व्यायाम करें। निर्धारित आईड्रॉप नियमित रूप से लें और आंखों की सुरक्षा का खास ध्यान रखें।
Source: American Optometric Association and National Eye Institute.