हाइपोथायरायडिज्म से ग्रसित लोगों का वजन काफी तेजी से बढ़ता है। ऐसे में हमें डाइट का विशेष ख्याल रखना चाहिए। एक्सपर्ट से जानते हैं इसके डाइट चार्ट
आधुनिक समय में थायराइड के सामान्य समस्या बन चुकी है। थायराइड कई कारणों से हो सकता है, जिसमें ऑटोइम्यून डिसऑर्डल, पिट्यूटरी रोग, थायराइडल निकलना या फिर आयोडीन की कमी जैसे कुछ प्रमुख कारण हैं। थायराइड दो तरह के होते हैं। एक है हाइपरथायडिज्म (hypothyroidism) और दूसरा है हाइपोथायरायडिज्म। एक ओर जहां हाइपर थायराइड से ग्रसित मरीजों का वजन तेजी से घटता है, तो वहीं दूसरी ओर हाइपोथायराडिज्म रोगियों का वजन काफी तेजी से बढ़ता है। हाइपोथायराडिज्म से ग्रसित लोगों को वजन कंट्रोल करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसे अंडरएक्टिव थायराइड रोग भी कहते हैं। महिलाओं में खासतौर हाइपोथायरायडिज्म सामान्य रूप से देखने को मिलता है।
थायराइ़ड आज के समय में बहुत ही सामान्य बीमारी हो चुकी है। हाइपोथायरायडिज्म (hypothyroidism) व्यक्ति को तब होता है, जब उनके शरीर में मौजूद थायरायड ग्रंथि पर्याप्त रूप से थायरायड हार्मोन नहीं बना पाती है। महिलाएं हाइपोथायरायडिज्म का अधिक शिकार होती हैं।
थायरायड ग्रंथि (Thyroid gland), हमारे गले के बीच में मौजूद एक अन्य सामान्य ग्रंथि है। थायराइड ग्रंथि को पिट्यूटरी ग्रंथि (Pituitary gland) द्वारा संतुलित किया जाता है। पिट्यूटरी ग्रंथि (Pituitary gland) के द्वारा ही हमारे शरीर में रक्तप्रवाह के माध्यम से हार्मोंस जारी किए जाते हैं। हार्मोन्स के जारी होने से शरीर का सभी अंग प्रभावित होता है। दिल और दिमाग से लेकर मांसपेशियां और स्किन भी इससे प्रभावित होती हैं। इस तरह से थायरायड हार्मोन्स का मुख्य उद्देश्य शरीर के मेटाबॉलिज्म (Metabolism) को कंट्रोल करना होता है। ऐसे में जब कोई व्यक्ति थायराइड से ग्रसित होता है, तो उसके शरीर का मेटाबॉलिज्म कंट्रोल में नहीं रहता है। मेटाबॉलिज्म कंट्रोल में ना रहने के कारण शरीर का वजन घटता और बढ़ता है।
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हमारे शरीर में हार्मोंस के उत्पादन को पिट्यूटरी ग्रंथि कंट्रोल करता है। पिट्यूटरी ग्रंथि का कार्य थायरायड उत्तेजक हार्मोन यानि टीएसएच (TSH) बनाना होता है। टीएसएच थायरायड ग्रंथि को बताता है कि वह कितनी मात्रा में थायरायड हार्मोन्स (टी3 और टी4) बनाए। यदि टीएसएच स्तर (TSH Level) असामान्य रूप से बढ़ रहा है, तो समझ जाएं कि आप अंडरएक्टिव थायरायड यानि हाइपोथायरायडिज्म (hypothyroidism) से प्रभावित हैं।
सबुह उठने के बाद - स्वाती बताती हैं कि डॉक्टर्स हाइपोथायरायडिज्म से ग्रसित लोगों को सुबह खाली पेट दवाइ देते हैं। इस दवाई को गर्म पानी के साथ लें। आधे घंटे के बाद 4-5 ड्राई फ्रूट्स के साथ दालचीनी का पानी पिएं। दालचीनी का पानी तैयार करने के लिए 1 पैन में 1 गिलास पानी डालकर उबालें। इसमें आधा इंच करीब दालचीनी डालें और करीब 5 मिनट तक उबलने दें। इसके बाद आप इस पानी को पी जाएं।
सुबह का नाश्ता - सुबह के नाश्ते में 1 कटोरी सब्जी के साथ 2 चीला लें। अगर आप अंडे खाते हैं, तो 2 ऑमलेट के साथ चटनी ले सकते हैं।
मध्ययम डाइट - इस दौरान आप सीजनल फ्रूट्स का सेवन कर सकते हैं। सर्दियों में संतरा जैसी चीजें होती हैं। आप इस दौरान 1 कटोरी पपीचा, 1 कटोरी संतरा या फिर 1 केला खा सकते हैं।
दोपहर का खाना- 2 मल्टीग्रेन रोटी (पैक्ड आटे के बजाय अगर आप खुद इस आटे को तैयार करती हैं, तो यह आपके लिए ज्यादा बेहतर साबित हो सकता है।), रोटी के साथ 1 कटोरी हरी सब्जी और दही ले सकते हैं। अगर आप रोटी नहीं खाना चाहते हैं, तो 4-5 पनीर के टुकड़ों को रोस्ट करके एक प्लट सलाद के साथ खाएं। इससे आपका पेट भरा-भरा रहेगा।
शाम का नाश्ता - हल्दी वाली चाय के साथ आधा कटोरी रोस्टेड मखाना लें। इसके अलावा सर्दियों में आप आधी कटोरी भूनी हुई शकरकंद ले सकते हैं।
डिनर - रात में आपको हल्का आहार लेना चाहिए। इस आहार में आप सब्जियों वाली दलिया या खिड़ची ले सकते हैं। इसके साथ 1 प्लेट सलाद हें।
रात में सोते समय 1 गिलास हल्दी वाला दूध लेना ना भूलें। यह आपके हड्डियों के लिए बेहतर होता है। थायराइड के रोगियों की हड्डियां काफी कमोजर हो जाती हैं। ऐसे में कैल्शियमयुक्त आहार लेना बहुत ही जरूरी होता है।
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सुबह उठने के बाद - अपनी दवाई देने के बाद 1 कप गुनगुना पानी लें। इसके बाद 2-3 भीगे अखरोट का सेवन करें। थायराइड रोगियों के लिए अखरोट का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है।
सुबह का नाश्ता - सुबह के नाश्ते में आप हरी चटनी के साथ 1 रागी रोटी ले सकते हैं। इसके अलावा 1 कप ओट्स के साथ 1 गिलास डोंड दूध पिएं। अगर आप अंडे खाते हैं, तो दूध के साथ 1 उबला हुआ अंडा लें।
मध्ययम आहार - 1 गिलास छाछ/ सीजनल फ्रूट्स या फिर नींबू पानी लें।
दोपहर का भोजन - मेथी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है। मेथी के पराठे के बजाय मेथी की रोटी खाएं। अगर रोटी नहीं खाना चाहते हैं, तो व्हाइट राइस के बदले ब्राउन राइस का सेवन करें। इसके साथ आप मसूर की दाल ले सकते हैं। अगर आप नॉनवेजिटेरियन हैं, तो अपने आहार में 1 कटोरी चिकन, मछली भी शामिल कर सकते हैं।
शाम का नाश्ता - अंकुरित दालों के साथ 1 कप ग्रीन टी लें। इसके अलावा सीजनल फ्रूट्स भी ले सकते हैं।
डिनर - डिनर में हेल्दी सूफ लें। इसके साथ आप 1 प्लेट सलाद लें।
इस डाइट प्लान के साथ भी आप रात को सोते समय हल्दी वाला दूध लें।
स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर आप थायराइड की समस्याओं से बच सकते हैं। आइए जानते हैं इस बारे में-
फिल्टर पानी पिएं।
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